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Eating Disorder: जानें क्या है ईटिंग डिसॉर्डर, इसके प्रकार, लक्षण एवं उपचार

Eating Disorder कुछ लोग वजन बढ़ने के डर से नाममात्र का भोजन करते हैं तो कुछ ओवरइटिंग करते हैं। कई लोगों को मंचिंग की लत होती है। कहीं ये किसी मनोवैज्ञानिक समस्या के लक्षण तो नहीं हैं? जानते हैं आज इस बारे में।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 08:02 AM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 08:02 AM (IST)
Eating Disorder: जानें क्या है ईटिंग डिसॉर्डर, इसके प्रकार, लक्षण एवं उपचार
Eating Disorder: जानें अलग-अलग तरह के ईटिंग डिसॉर्डर और उनसे होने वाले नुकसान

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Eating Disorder: खानपान की गलत आदतें कई बार गंभीर मनोवैज्ञानिक समस्या का रूप धारण कर लेती हैं, जिन्हें ईटिंग डिसऑर्डर कहा जाता है। भोजन विकार या ईंटिग डिसॉर्डर की प्रॉब्लम महिला व पुरुष किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन आमतौर पर यह प्रॉब्लम सबसे ज्यादा कम उम्र के लोगों में देखने को मिलती है क्योंकि वो अपने लुक को लेकर बहुत कॉन्शियस रहते हैं। इस डिसॉर्डर में व्यक्ति शरीर के आकार और वजन के बारे में हद से ज्यादा चिंता करने लगता है जिसके चलते या तो बहुत कम खाता है या बहुत ज्यादा। ईटिंग डिसॉर्डर को मुख्यतः 3 श्रेणियों में बांटा गया है।

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1. एनोरेक्सिया नर्वोसा

ऐसी समस्या से ग्रस्त लोग भूख लगने के बावजूद खाने से बचते हैं। जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं, जिससे उनका वजन तेजी से घटने लगता है। ज्यादातर टीनएजर लड़कियां इसका शिकार होती हैं।

क्या हैं नुकसान

एनीमिया, कमजोरी, कब्ज, सिरदर्द, अनिद्रा और डिप्रेशन।

2. बुल्मिया लैक्सेटिव

इससे पीड़ित लोग मनपसंद डिशेज़ जी भरकर खा लेते हैं, उसके बाद जानबूझकर वॉमिटिंग करते हैं जिससे उन्हें खाने का स्वाद मिल जाए लेकिन वजन न बढ़े।

क्या हैं नुकसान

गले में खराश

डिहाइड्रेशन

थकान

सिरदर्द

चक्कर आना

3. बिंज ईटिंग डिसॉर्डर

इस समस्या से ग्रस्त लोगों को हर आधे घंटे के अंतराल पर बिस्किट, नमकीन, वेफर्स जैसी चीज़ों की मंचिंग की आदत होती है।

क्या हैं नुकसान

कोलेस्ट्रॉल और शुगर लेवल बढ़ना

वजन बढ़ना

क्या है वजह

तनाव, अकेलापन, उदासी, भावनात्मक कमजोरी और विश्वास की कमी

ईटिंग डिसॉर्डर के लक्षण

1. ज्यादा भोजन करने व भोजन ना करने की वजह से व्यक्ति के शरीर का वजन बहुत अधिक या बहुत कम हो जाता है।

2. इस डिसॉर्डर की वजह से व्यक्ति को थकान महसूस होती है, चिड़चिड़ापन व चक्कर आने की समस्या होती है।

3. व्यक्ति अपने शरीर के आकार और वजन के बारे में अधिक सोचता है।

उपचार

मनोवैज्ञानिक और न्यूट्रिशनिस्ट की काउंसलिंग से इन सभी डिसॉर्डर का उपचार किया जाता है। अगर एक्सपर्ट के निर्देशों का पालन किया जाए तो इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।

Pic credit- freepik


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