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    मोटापा और शुगर कंट्रोल करने के लिए रोजाना खाएं ये स्पेशल खिचड़ी

    By Pravin KumarEdited By:
    Updated: Fri, 13 Aug 2021 11:24 PM (IST)

    बाजरा एक साबुत अनाज है। इसमें कई सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं। इन गुणों के चलते बाजरे को सुपरफूड कहा जाता है। राजस्थान में इसका अधिक सेवन किया जाता ...और पढ़ें

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    बाजरे की खिचड़ी के सेवन से मोटापा और डायबिटीज में आराम मिलता है।

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। खराब दिनचर्या, अनुचित खानपान और तनाव के चलते कई प्रकार की बीमारियां जन्म लेती हैं। इनमें मोटापा और डायबिटीज प्रमुख हैं। मोटापा और डायबिटीज आनुवांशिक बीमारियां भी हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती हैं। डायबिटीज रक्त में शर्करा स्तर बढ़ने और अग्नाशय से इंसुलिन हार्मोन न निकलने के चलते होती है। वहीं, मोटापे की समस्या शरीर में अत्यधिक फैट जमा होने के चलते होती है। आसान शब्दों में कहें तो कैलोरी गेन के समानुपात में कैलोरी बर्न न करने के चलते शरीर में फैट जमा होने लगता है। लंबे समय तक फैट जमा होने से वजन बढ़ने लगता है। अगर आप इनमें किसी एक प्रकार की बीमारी या दोनों बीमारी से पीड़ित हैं, तो डाइट में बाजरे की खिचड़ी को जरूर शामिल करें। कुछ शोधों में साबित हो चुका है कि बाजरे की खिचड़ी के सेवन से मोटापा और डायबिटीज में आराम मिलता है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

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    बाजरे की खिचड़ी के फायदे

    बाजरा एक साबुत अनाज है। इसमें कई सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं। इन गुणों के चलते बाजरे को सुपरफूड कहा जाता है। राजस्थान में इसका अधिक सेवन किया जाता है। स्थानीय लोगों की मानें तो बाजरे की रोटी और खिचड़ी आराध्य देव को भी भेंट की जाती है। बाजरे में फाइबर और अच्छे कार्ब्स के गुण पाए जाते हैं, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान साबित होते हैं।

    खासकर अघुलनशील फाइबर की मौजूदगी के कारण बाजरे को पचने में वक्त लगता है। इससे रक्त में शर्करा स्तर जल्दी नहीं बढ़ता है। वहीं, फाइबर वजन कंट्रोल करने में सहायक सिद्ध होता है। इसके लिए डॉक्टर्स मोटापा और मधुमेह के मरीजों को बाजरे की खिचड़ी खाने की सलाह देते हैं। इसके लिए रोजाना एक बाउल बाजरे की खिचड़ी का सेवन करें। इसके सेवन से न केवल मोटापा और मधुमेह में आराम मिलता है, बल्कि कई प्रकार के कैंसर रोग में भी फायदा मिलता है।

    डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।