इस सिंड्रोम की ओर इशारा करता है आंख और मुंह का सूखापन, ये लक्षण दिखने पर तुंरत हो जाएं सावधान!
स्जोग्रेन सिंड्रोम (Sjogrens Syndrome) में व्यक्ति का मुंह बार-बार सूखने लगता है और आंखों में भी ड्राइनेस की समस्या पैदा हो जाती है। ऑटो इम्यून से जुड़ी इस बीमारी का आज तक कोई इलाज मौजूद नहीं है लेकिन समय रहते इससे जुड़े लक्षणों को पहचान लिया जाए तो इसे कंट्रोल किया जा सकता है। आइए इस आर्टिकल में आपको इसके कारण लक्षण और प्रकार के बारे में बताते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। स्जोग्रेन सिंड्रोम (Sjogren's Syndrome) एक सिस्टेमिक ऑटो इम्यून डिसऑर्डर है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपने ही हेल्दी सेल पर अटैक करने लगता है। इस सिंड्रोम में नमी पैदा करने वाले ग्लैंड्स मुख्य रूप से प्रभावित होते हैं जिसमें टियर और सलाइवरी ग्लैंड जैसे एक्सोक्राइन ग्लैंड शामिल हैं। इससे आंखों में आंसू और मुंह में लार बनना कम हो जाता है, जो कि ड्राई माउथ और ड्राई आइज जैसी समस्याओं की वजह बनता है। वैसे तो ये किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन 40 से ज्यादा की उम्र के लोगों में स्जोग्रेन सिंड्रोम होने की संभावना अधिक होती है। वहीं, पुरुषों की तुलना में यह महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं इसके प्रकार, कारण, और लक्षण।
दो प्रकार के होते हैं स्जोग्रेन सिंड्रोम
- प्राइमरी स्जोग्रेन सिंड्रोम : ये किसी अन्य ऑटो इम्यून बीमारी के कारण नहीं होता है।
- सेकेंडरी स्जोग्रेन सिंड्रोम : किसी अन्य ऑटो इम्यून बीमारी जैसे रूमेटॉयड अर्थराइटिस, स्क्लेरोडर्मा आदि के कारण स्जोग्रेन सिंड्रोम के लक्षण नजर आएं तो ये सेकेंडरी स्जोग्रेन सिंड्रोम कहलाता है।
स्जोग्रेन सिंड्रोम के कारण
जेनेटिक, लाइफस्टाइल या फिर हार्मोनल कारणों से स्जोग्रेन सिंड्रोम होता है। पुरुषों के मुकाबले ज्यादातर मामलों में महिलाओं पर ही इसका प्रभाव देखा जाता है। बता दें, समय के साथ ये पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है, ऐसे में इसके कुछ मुख्य लक्षणों पर गौर करके समय रहते डॉक्टर से परामर्श ले लिया जाए, तो यह काफी मददगार हो सकता है।
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स्जोग्रेन सिंड्रोम के लक्षण
- ओरल म्यूकोसा में जलन और दर्द का एहसास
- लिम्फाडेनोपैथी (लिम्फ नोड्स में सूजन)
- लिम्फोमा (लिम्फोसाइट B–सेल और T–सेल से होने वाले ट्यूमर)
- थकान
- ड्राई आइज
- आंखों में जलन
- ड्राई माउथ या जेरोस्टोमिया
- ड्राई नोज, साईनोसाइटिस
- दांतों में कैविटी
- चबाने में तकलीफ
- निगलने में समस्या
- ब्रेन फॉग
- ड्राई कफ
- जोड़ों में दर्द
- वजाइनल ड्राइनेस
क्या है इलाज के तरीके?
स्जोग्रेन सिंड्रोम का ट्रीटमेंट इसके लक्षणों पर निर्भर करता है। केराटो कंजक्टिवाइटिस के लिए मेथिल सेल्यूलोज, ड्राई आईज के लिए आई ड्रॉप, ड्राई माउथ के लिए सलाइवरी सब्सटीट्यूट का इस्तेमाल किया जा सकता है। कैविटी के लिए डेंटल ट्रीटमेंट और ओरल हाइजीन मेंटेन करते है। ध्यान रहे, कि किसी भी तरह का इलाज न मिलने पर मरीज को ओरल थ्रश, लाइट से सेंसिटिविटी और कॉर्नियल अल्सर की समस्या भी पैदा हो सकती है।
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Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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