बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए रोजाना पिएं सोया मिल्क
सोया मिल्क में आइसोफ्लेवॉन्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आइसोफ्लेवॉन्स नामक तत्व केवल सोया मिल्क में पाया जाता है। इससे शुगर और कोलेस्ट्रॉल दोनों कंट्रोल में रहता है। इससे महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान होने वाली तकलीफों में भी आराम मिलता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। सोयाबीन सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसमें प्रोटीन, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, ई, कार्बोहाइडेंट, फैट, आइसोफ्लेवॉन्स, लेसिथिन और फाइटोस्टेरॉल पाए जाते हैं, जो कई प्रकार की बीमारियों में फायदेमंद साबित होते हैं। खासकर आइसोफ्लेवॉन्स नामक तत्व डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण दवा है। इससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है। डॉक्टर हमेशा शुगर कंट्रोल करने के लिए सोयाबीन खाने की सलाह देते हैं। डाइट चार्ट की मानें तो सोयाबीन में तकरीबन 36-40 प्रतिशत प्रोटीन होता है। इसके लिए सोयाबीन को सुपरफूड कहा जाता है। सामान्यतः सब्जी और स्नैक्स में सोयाबीन का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, सोया ऑइल और मिल्क भी सेहत के लिए गुणकारी हैं। सोया मिल्क के सेवन से कई बीमारियों में आराम मिलता है। इससे बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है। अगर आप भी बढ़ते कोलेस्ट्रॉल से परेशान हैं, तो रोजाना सोया मिल्क जरूर पिएं। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है
सोया मिल्क में आइसोफ्लेवॉन्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आइसोफ्लेवॉन्स नामक तत्व केवल सोया में पाया जाता है। इससे शुगर और कोलेस्ट्रॉल दोनों कंट्रोल में रहता है। इससे महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान होने वाली तकलीफों में भी आराम मिलता है। इसके लिए शुगर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए रोजाना सोया मिल्क पिएं।
वेट लॉस में मददगार
सोया मिल्क बढ़ते वजन को कंट्रोल करने में सहायक होता है। इसमें कैलोरी और शुगर कम मात्रा में होती है। इसके लिए सोया मिल्क वेट लॉस में मददगार साबित होता है। अगर आप मोटापा से परेशान हैं और बढ़ते वजन को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो सोया मिल्क से बनी चीजों का सेवन कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।