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    मोबाइल फोन से निकलने वाली ब्लू लाइट पहुंचाती है बच्चों की आंखों को नुकसान, इन तरीकों से करें बचाव

    मोबाइल फोन लैपटॉप कंप्यूटर ये सभी हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। इन डिवाइसेज के बिना एक दिन भी रहना मुश्किल हो जाता है। सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि ये बच्चों के भी जीवन का हिस्सा बन चुके हैं। हालांकि इनसे निकलने वाली ब्लू लाइट बच्चों के आंखों को प्रभावित (Blue Light Side Effects) कर सकती है।

    By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Mon, 18 Aug 2025 12:17 PM (IST)
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    बच्चों की आंखों का कैसे रखें ध्यान? (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज के डिजिटल युग में, स्मार्टफोन, टैबलेट, कंप्यूटर और टीवी हमारी रोज की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। बच्चे भी इन डिवाइसेज का इस्तेमाल ऑनलाइन क्लासेस, गेमिंग और मनोरंजन के लिए करते हैं। हालांकि, इनसे निकलने वाली ब्लू लाइट बच्चों की आंखों और पूरे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक (Blue Light Side Effects) हो सकती है।

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    जी हां, इन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज से ब्लू लाइट निकलती है, जो अगर ध्यान न दिया जाए, तो आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है, खासकर बच्चों की आंखों को। आइए डॉ. नम्रता मेहरा (एसिस्टेंट कंसल्टेंट, ऑप्थाल्मोलॉजी, मैक्स हॉस्पिटल, गुरुग्राम) से जानते हैं कि कैसे ब्लू लाइट बच्चों की आंखों को नुकसान पहुंचाती है और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए (Tips to Protect Kid's Eyes)।

    ब्लू लाइट क्यों हानिकारक है?

    • आंखों पर तनाव- लंबे समय तक स्क्रीन देखने से आंखों में थकान, ड्राईनेस और जलन हो सकती है।
    • नींद में खलल- ब्लू लाइट मेलाटोनिन हार्मोन को कम करती है, जिससे नींद का पैटर्न बिगड़ता है।
    • दृष्टि से जुड़ी समस्याएं- लंबे समय तक एक्सपोजर से मायोपिया और रेटिना डैमेज का खतरा बढ़ सकता है।

    बच्चों की आंखों को ब्लू लाइट से बचाने के लिए टिप्स

    • स्क्रीन टाइम कम करें- 2 से 5 साल के बच्चों को हर 1 घंटे से ज्यादा स्क्रीन टाइम नहीं देना चाहिए। बड़े बच्चों के लिए भी सीमित समय निर्धारित करें और बीच-बीच में ब्रेक लेने को कहें।
    • 20-20-20 नियम को फॉलो करें- हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर किसी चीज को देखने से आंखों की मांसपेशियों को आराम मिलता है। यह नियम डिजिटल आई स्ट्रेन को कम करने में मदद करता है।
    • ब्लू लाइट फिल्टर ग्लासेस या स्क्रीन प्रोटेक्टर का इस्तेमाल- बाजार में ब्लू लाइट को रोकने वाले चश्मे और स्क्रीन प्रोटेक्टर उपलब्ध हैं। ये आंखों को हानिकारक किरणों से बचाते हैं।
    • डिवाइस की ब्राइटनेस और कंट्रास्ट एडजस्ट करें- स्क्रीन की चमक को आस-पास के माहौल के अनुसार सेट करें। रात के समय नाइट मोड या वार्म लाइट फिल्टर का इस्तेमाल करें।
    • सोने से 1-2 घंटे पहले स्क्रीन का इस्तेमाल बंद करें- ब्लू लाइट मेलाटोनिन हार्मोन को दबाती है, जिससे नींद प्रभावित होती है। इसलिए, सोने से पहले बच्चों को मोबाइल या टीवी से दूर रखें।
    • आउटडोर एक्टिविटीज को बढ़ावा दें- नेचुरल लाइट में खेलने से बच्चों की आंखों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। रोजाना कम से कम 1-2 घंटे बाहर खेलने की आदत डालें।
    • आंखों की नियमित जांच करवाएं- साल में एक बार बच्चों की आंखों की जांच करवाना जरूरी है। अगर बच्चा आंखों में दर्द या धुंधला दिखने की शिकायत करे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

    ब्लू लाइट से पूरी तरह बचना मुमकिन नहीं है, क्योंकि ये हमारे रोज के जीवन का हिस्सा बन चुका है। हालांकि, सही सावधानियां बरतकर हम इसके दुष्प्रभावों को कम कर सकते हैं।

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