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    सर्दियों में बच्चे नहीं पड़ेंगे बीमार, सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टर ने बताए बचाव के तरीके

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 09:02 AM (IST)

    ठंड के दिनों में बच्चों की सेहत को लेकर चुनौती बढ़ जाती है। खासकर, जिन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उनके संक्रमित होने की आशंका अधिक रहती है। ऐसे में बच्चों का ख्याल कैसे रखें इस बारे में चाइल्ड स्पेशेलिस्ट ने कुछ जरूरी बातें बताई।

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    सर्दी में बच्चों को बीमार होने से कैसे बचाएं? (Picture Courtesy: Freepik)

    सुमन अग्रवाल, नई दिल्ली। ठंड शुरू होते ही बच्चों की सेहत से जुड़ी कुछ आम समस्याएं होती हैं, जैसे एलर्जी, फ्लू, सर्दी-खांसी और सांस संबंधित। इनको लेकर सतर्क रहना बहुत जरूरी है। इस बारे में डॉ. धीरेन गुप्ता (बालरोग चिकित्सक, सर गंगाराम अस्पताल, दिल्ली) ने कुछ जरूरी जानकारी दी।

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    हवा में नमी के कम होने और शुष्कता के चलते संक्रमण तेजी से फैलता है। इन दिनों फ्लू वाले वायरस अधिक सक्रिय हो जाते हैं। बच्चों को सर्दी-खांसी न हो, इसका विशेष ध्यान रखना पड़ता है।

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    (Picture Courtesy: Freepik)

    सांस संबंधित समस्याएं

    सर्दी के दिनों में कुछ बच्चों को सांस लेने में तकलीफ महसूस होती है। अगर नवजात से लेकर 12 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को सांस की परेशानी हो रही है तो चिकित्सक से तुरंत संपर्क करना चाहिए। छोटे बच्चों को आरएसवी ब्रोकियोलाइटिस होने की आशंका रहती है। ऐसे बच्चों को दवाओं के साथ नेबुलाइजर आदि देने की जरूरत हो सकती है।

    इन लक्षणों को लेकर बरतें सतर्कता 

    बिगड़ती खांसी, सांस लेते समय घरघराहट या सीटी जैसी आवाज, खाने-पीने में कठिनाई आदि ।

    बच्चे को निमोनिया से बचाएं 

    पांच वर्ष की उम्र तक के बच्चों में निमोनिया एक बेहद गंभीर समस्या है। खासकर, जिन बच्चों की इम्युनिटी कमजोर है, उन्हें इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है। इसकी शुरुआत खांसी-जुकाम से होती है। धीरे-धीरे स्थिति गंभीर होने लगती है। इसलिए बच्चों को खांसी आने, पेट में दर्द, भूख में कमी, ठंड लगने, तेज सांस या सांस लेने में परेशानी होने पर डाक्टर से मिलना चाहिए।

    जानें कुछ जरूरी उपाय

    • बाहर से आने के बाद बच्चों के हाथ और मुंह अच्छी तरह से धुलवाएं।
    • इम्युनिटी बढ़ाने के लिए बच्चों को पौष्टिक आहार दें और उन्हें अपनी नींद पूरी करने दें।
    • बच्चों को मास्क पहनाएं और संक्रमित व्यक्ति से उन्हें दूर रखने का प्रयास करें।
    • विटामिन सी, जिंक और एंटीआक्सीडेंट्स से भरपूर फल और सब्जियां खिलाएं।
    • फ्लू-न्यूमोकोकल टीके लगवाएं। सेलाइन ड्राप से नाक साफ रखें।

    समझें समस्या के कारणों को

    • ठंडी हवा के चलते बच्चों का नाक गला जल्दी सूखता है । इसलिए कीटाणु आसानी से प्रवेश कर जाते हैं । 
    • धूप कम मिलने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है । प्रदूषण और स्माग से सांस की नलियां ब्लाक हो जाती हैं।

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