डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया में कैसे करें अंतर, जानें इसके लक्षण
डेंगू में बुखार के साथ हाथ-पैर में दर्द रहता है। इंसान को भूख कम लगने लगती है। जी मचलाना और उल्टी करने की टेंडेंसी भी हो सकती है। डेंगू का बुखार बहुत तेज होता है और ठंड के साथ बुखार आता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। बारिश का मौसम आते ही मच्छरों और उनसे होने वाली बीमारियों से बचना बेहद मुश्किल हो जाता है। इस मौसम में यह बीमारियां माहमारी की तरह फैलना शुरू हो जाती हैं। डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया इनमें प्रमुख हैं। लोग अक्सर इसे पहचानने में ही गलती कर जाते हैं और डेंगू और चिकनगुनिया का इलाज न करके सामान्य बुखार या मलेरिया का इलाज करने लगते हैं।
डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया यह तीनों ही बीमारियों में लापरवाही करना जान जोखिम में डालने जैसा है। इस तरह की लापरवाही मरीज की मौत का कारण बन जाती है। आइए जानते हैं चिकनगुनिया, डेंगू और मलेरिया में क्या अंतर होता है?
क्या है इन तीनों में अंतर
डेंगू में बुखार के साथ हाथ-पैर में दर्द रहता है। इंसान को भूख कम लगने लगती है। जी मचलाना और उल्टी करने की टेंडेंसी भी हो सकती है। डेंगू का बुखार बहुत तेज होता है और ठंड के साथ बुखार आता है। डेंगू के बुखार का एक खास लक्षण होता है सिर में और आंखों में तेज दर्द। कभी आंख और नाक से खून आने के लक्षण भी दिख सकते हैं। स्किन में लाल धब्बे पड़ना भी कभी-कभी देखा गया है। डेंगू की सबसे अहम पहचान होती है कि मरीज को बुखार के साथ कमजोरी लगने लगती है क्योंकि उसके प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं।
वहीं, चिकनगुनिया के लक्षण भी डेंगू से मिलते जुलते हैं लेकिन इसमें प्लेटलेट्स काउंट कम नहीं होते हैं इसलिए मरीज को डेंगू की तुलना में कमजोरी कम लगती है। तेज बुखार के साथ जोड़ों में दर्द चिकनगुनिया का सामान्य लक्षण होता है। जब भी बुखार आता है तो तेज सरदर्द और चक्कर आने जैसे लक्षण भी देखे जा सकते हैं। चिकनगुनिया में शरीर में जकड़न की समस्या भी रहती है। चिकनगुनिया का जो सबसे अहम लक्षण माना जाता है शरीर में चकत्ते या दाने पड़ना होता है जिनका रंग हल्का लाल रंग का होता है।
मलेरिया होने पर रोगी को सर्दी लगने लगती है और शरीर कांपने लगता है। इसके अन्य लक्षणों में सर्दी के साथ प्यास लगना, उल्टी होना, हाथ पैरों में ठंड लगना और बेचैनी होना आदि है। इस बीमारी में कब्ज़, घबराहट और बेचैनी आदि होने लगती है।