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    Piles: बवासीर की समस्या से राहत पाने के लिए रोजाना करें ये 2 योगासन

    By Pravin KumarEdited By:
    Updated: Mon, 31 Oct 2022 06:42 PM (IST)

    Piles पाचन संबंधी विकारों को दूर करने के लिए पवनमुक्तासन सबसे बेस्ट योग है। इस योग को करने से कब्ज एसिडिटी और बदहजमी की समस्या दूर होती है। साथ ही बवासीर में भी आराम मिलता है। इस आसन को करने से पेट संबंधी सभी विकारों से निजात मिलता है।

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    Piles: बवासीर की समस्या से राहत पाने के लिए रोजाना करें ये 2 योगासन

    दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Piles: खराब दिनचर्या और गलत खानपान की वजह से बवासीर की समस्या होती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को मल त्याग करने में बहुत कठिनाई होती है। साथ ही मल द्वार से रक्त भी निकलता है। इस दौरान पीड़ित व्यक्ति को असहनीय दर्द भी होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो बवासीर की समस्या का मुख्य कारण कब्ज है। लंबे समय तक कब्ज की समस्या से पीड़ित रहने पर बवासीर की बीमारी होती है। यह एक आनुवांशिकी बीमारी भी है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है। इस बीमारी से निजात पाने के लिए सबसे पहले खानपान और रहन सहन में सुधार करें। पानी पर्याप्त मात्रा में पीएं। रोजाना एक्सरसाइज जरूर करें। इसके अलावा, बवासीर की समस्या से राहत पाने के लिए योग का भी सहारा ले सकते हैं। योग के कई आसन हैं, जिन्हें करने से बवासीर में बहुत जल्द आराम मिलता है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

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    पवनमुक्तासन

    पाचन संबंधी विकारों को दूर करने के लिए पवनमुक्तासन सबसे बेस्ट योग है। इस योग को करने से कब्ज, एसिडिटी और बदहजमी की समस्या दूर होती है। साथ ही बवासीर में भी आराम मिलता है। इस आसन को करने से पेट संबंधी सभी विकारों से निजात मिलता है। अगर आप बवासीर की समस्या से परेशान हैं और इससे निजात पाना चाहते हैं, तो रोजाना पवनमुक्तासन जरूर करें।  

    पवनमुक्तासन कैसे करें

    इसके लिए सबसे पहले समतल भूमि यानी जमीन पर एक दरी या मैट बिछा लें। चटाई पर पीठ के बल लेट जाएं। अब हाथों को लहराकर पैरों के पास ले जाएं। इसके बाद बाएं हाथ से बाएं पैर के घुटने को पकड़कर सीने तक लाएं। इस अवस्था में कुछ देर तक रहें। इसके बाद दाहिने हाथ से पवनमुक्तासन को दोहराएं। अंत में दोनों हाथों से इस क्रिया को करें। अंत में पहली अवस्था में आ जाएं। इस योग को करने से एसिडिटी की समस्या से बहुत जल्द आराम मिलता है।

    तितली आसन

    हिंदी के दो शब्दों तितली और आसन से मिलकर तितली आसन बना है। आसान शब्दों में कहें तो तितली की मुद्रा में बैठकर योग करना तितली आसन कहलाता है।  इस मुद्रा में आकर तितली की भांति पैरों को ऊपर-नीचे हिलाना रहता है। इस योग को करने से बवासीर में बहुत जल्द आराम मिलता है।

    कैसे करें तितली आसन

    इसके लिए सूर्य की ओर मुखकर समतल भूमि पर आराम मुद्रा में बैठ जाएं। अब अपने दोनों पैरों को आगे की तरफ फैलाएं और फिर मोड़कर घुटनों एवं तलवों को एक दूसरे से मिलाएं। फिर आराम मुद्रा में बैठकर जांघों को ज़मीन से लगाएं। इसके बाद अपने दोनों हाथों से पैर के तलवों को पकड़ लें। फिर आख बंदकर तितली की भांति अपने पैरों को हिलाएं। इस मुद्रा को कुछ मिनट के लिए करें। इस योग को करने से बवासीर में बहुत जल्द आराम मिलता है।

    डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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