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हल्के में न लें टीबी की बीमारी, फेफड़ों के साथ शरीर के दूसरे अंगों को भी कर सकता है प्रभावित

2019 के मुकाबले 2020 में TB से हुई मौत के आंकड़ों में 13 परसेंट की बढ़ोतरी हुई। इन मौतों की सबसे बड़ी वजह है कोरोना। यह बैक्टीरिया फेफड़ों को प्रभावित करता है। फेफड़ों के बाद यह बैक्टीरिया शरीर के दूसरे अंगों को प्रभावित करने लगता है।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 10:14 AM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 10:14 AM (IST)
हल्के में न लें टीबी की बीमारी, फेफड़ों के साथ शरीर के दूसरे अंगों को भी कर सकता है प्रभावित
वायरस वैक्टीरिया को नजदीक से देखते हाथ

ट्यूबरकुलोसिस पर डब्ल्यूएचओ (WHO) की आई हाल की रिपोर्ट चिंताजन है। ग्लोबल ट्यूबरकुलोसिस रिपोर्ट- 2021 के अनुसार पिछले एक दशक में टीबी से सबसे ज्यादा मौतें 2020 में हुई। कुल 15 लाख मौतों में 5 लाख तो सिर्फ भारत में हुई हैं। जो बीते साल कोरोना से हुई मौतों से भी कहीं अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार, 2019 की तुलना में 2020 में मौत के आंकड़ों में लगभग 13 फीस की बढ़ोतरी हुई। जिसकी एक बड़ी वजह कोरोना है क्योंकि इससे टीबी के मरीजों के इलाज पर असर पड़ा।

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पूरा नहीं हो पाया लक्ष्य

WHO का टारगेट 2015 से 2020 तक टीबी से होने वाली मौतों को 35 परसेंट तक घटाना था  जो पूरा नहीं हो सका। मात्र 9.2 परसेंट की ही कमी देखने को मिली। WHO ने अपनी रिपोर्ट में सरकारों से टीबी के बेहतर इलाज के लिए निवेश करने पर जोर दिया है। 

टीबी, कैसे फैलता है यह और रोकने के उपाय

- मायकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया की वजह से टीबी होता है। जो सीधे फेफड़ों पर अटैक करता है। फिर धीरे-धीरे शरीर के दूसरे अंगों को प्रभावित करता है।

- टीबी के मरीज के लार की बूंदों में भीबैक्टीरिया होते हैं जो संक्रमित कर सकते हैं।

- टीबी का मरीज जब छींकता, खांसता, बोलता है तो ऐसे में संक्रमित होने की पूरी-पूरी संभावना होती है।

- हां, लेकिन टीबी का हर संक्रमण खतरनाक नहीं होता, अगर इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग है तो बैक्टीरिया संक्रमित नहीं कर सकता है।

- कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग इससे जल्द और ज्यादा दिनों तक प्रभावित होते हैं। जैसे- कोई व्यक्ति डायबिटीज का मरीज है या धूम्रपान का सेवन करता है। तो ऐसे में संक्रमण बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।

- टीबी सीरियस होने पर गले में सूजन, पेट में सूजन, सिरदर्द और दौरे भी पड़ सकते हैं। टीबी का पूरी तरह से इलाज संभव है इसलिए ऐसा होने पर दवाएं समय से लें और कोर्स अधूरा न छोड़ें।

Pic credit- unsplash


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