बेफिक्र होकर मत पीजिए E-Cigarettes, पता चल गया इसमें क्या मिलाया जाता है तो आज ही छूट जाएगी लत
ई-सिगरेट यानि की वेपिंग इसकी लत पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ है। लेकिन अब वेपिंग करने वालों के शरीर पर बुरा असर पड़ रहा है। वजह है कि वेपिंग में जो निकोटीन और रसायन मिलाए जा रहे हैं वो शरीर को बहुत नुकसान पहुंचा रहे हैं। डॉक्टर अब लोगों को वेपिंग नहीं करने या फिर छोड़ने की नसीहत दे रहे हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सिगरेट पीना किसी भी तरह से सेहत के लिए फायदेमंद नहीं है। सिगरेट की लत इंसान को कैंसर की दहलीज़ पर ले जा रही है। जबकि मौजूदा समय में अब ई- सिगरेट का चलन बढ़ा है। जिसको लोग वेपिंग के नाम से भी जानते हैं।
सिगरेट पीने वालों का तर्क होता है कि ई-सिगरेट पीने का नुकसान नहीं है। जबकि अब डॉक्टरों ने ई-सिगरेट के भी साइड इफेक्ट्स बताने शुरु कर दिए हैं। अगर आप भी ई-सिगरेट के शौकीन हैं तो संभल जाइए इसकी लत आपके शरीर में यह बड़ा नुकसान कर रही है।
दिल के लिए काफी नुकसानदेह
ई-सिगरेट दिल के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो रही है। यह लगातार आपके दिल की धड़कनों को कमजोर कर रही है। वेपिंग से फेफड़ों की बीमारियां और अस्थमा का खतरा बढ़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि वेपिंग करने से धमनियां सख्त हो सकती हैं। जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ रहा है।
दिमाग हो जाएगा कमजोर
वेपिंग करने का असर दिल पर तो पड़ ही रहा है दिमाग पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है। एक्सपर्ट के अनुसार वेपिंग करने से दिमाग पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। वेपिंग की लत में पड़ चुके लोगों के दिमाग के उन हिस्सों में नुकसान पहुंच सकता है जो ध्यान, सीखने, मनोदशा और गुस्से को काबू में रखते हैं। वहीं कम उम्र के बच्चों पर तो इसका खास असर पड़ता है क्योंकि इस उम्र में दिमाग विकसित होने की राह पर होता है।
वेपिंग की लत जानलेवा
वेपिंग की लत एक बार अगर पड़ गई तो इसको छोड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है। डॉक्टरों का मानना है कि वेपिंग से दूर रहना ही इससे बचाव का उपाय है। आपको बता दें कि वेपिंग में मौजूद निकोटीन एक ऐसी दवा होती है कि जिसकी लत बहुत आसानी से लग तो जाती है लेकिन फिर यह जल्दी छूटती नहीं है।
बन रही कैंसर का कारण
वेपिंग कैंसर का कारण बन रही है। ई-सिगरेट में मौजूद रसायन कैंसर का कारण बन रहे हैं। बता दें कि ई-सिगरेट में पाया जाने वाला फ़ॉर्मेल्डिहाइड एक तरह का रसायन होता है। इस रसायन को शवों को परिरक्षित करने में इस्तेमाल किया जाता है। यानि कि इस रसासन की मदद से शवों को Preserve करके मोर्चरी में रखा जाता है ताकि शवों की शिनाख्त हो सके और उनको सड़ने या गलने से बचाया जा सके।
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