Move to Jagran APP

बच्चों की बढ़ती उम्र में विकास संबंधी समस्याओं को न करें नजरअंदाज, जानें इसकी वजहें और क्या है उपचार

बच्चों की बढ़ती उम्र के साथ अगर ग्रोथ नहीं बढ़ रही है तो इसे लेकर परेशान न हों लेकिन साथ ही साथ नजरअंदाज भी न करें। वजहों को जानते हुए इसके उपचार के बारे में सोचें।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 07:00 AM (IST)
बच्चों की बढ़ती उम्र में विकास संबंधी समस्याओं को न करें नजरअंदाज, जानें इसकी वजहें और क्या है उपचार
बच्चों की बढ़ती उम्र में विकास संबंधी समस्याओं को न करें नजरअंदाज, जानें इसकी वजहें और क्या है उपचार

वैसे तो माता-पिता शुरू से ही अपने बच्चों और उनकी सेहत को लेकर काफी चिंतित और जागरूक थे लेकिन हालिया समय में ये चिंता थोड़ी और ज्यादा बढ़ गई है। अगर उन्हें बच्चों के विकास में थोड़ी भी कमी दिखाई देती है तो वे चिंतित हो उठते हैं, पर उन्हें घबराना नहीं चाहिए। बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास काफी हद तक आनुवंशिकता पर निर्भर करता है। 11 से 13 वर्ष की आयु सीमा के भीतर लड़कियों का शारीरिक विकास ज्यादा तेजी से होती है, जबकि लड़कों के अधिकतम विकास की आयु 13-15 वर्ष के बीच निर्धारित की जाती है।

loksabha election banner

कारण

हॉर्मोन संबंधी गड़बड़ी और स्टेरॉयड दवाओं के साइड इफेक्ट की वजह से बच्चों के विकास की गति धीमी पड़ जाती है।किड़नी, दिल या लिवर संबंधी किसी गंभीर बीमारी के कारण भी बच्चे का विकास रूक जाता है।

अगर बच्चे के पेट में वर्म हो तो इससे भी उसका विकास प्रभावित होता है।

बचाव

-अगर आपका बच्चा अपनी क्लास के दूसरे बच्चों की तुलना में सबसे छोटा दिखाई देता है, तो उसे बाल रोग विशेषज्ञ को जरूर दिखाएं।

-जन्म के बाद शुरुआत में तीन महीने के अंतराल पर और एक वर्ष की उम्र के बाद साल में एक बार बच्चे वजन और कद के विकास की जांच जरूर करवाएं।

-अगर आपको ऐसा लगे कि बच्चे का विकास सही ढंग से नहीं हो रहा है तो उसकी कलाई और कोहनी हड्डियों का एक्स-रे करवाना चाहिए। हमारी हड्डियों में कुछ खास पॉइंट्स होते हैं, जिन्हें ऑसिफिकेशन सेंटर कहा जाता है। इन्हें देखकर हड्डियों की उम्र का पता लगाया जा सकता है। अगर हड्डियों की उम्र बच्चे के वास्तविक उम्र से कम होती है तो इसका मतलब यह है कि बच्चे का विकास धीमी गति से हो रहा है।

-अगर बच्चे में जन्मजात रूप से विकास संबंधी हॉर्मोन की कमी हो तो उसका कद बढ़ाने के लिए हॉर्मोन के इंजेक्शन दिए जाते हैं, अगर ऐसा नहीं है तो बच्चे को यह इंजेक्शन लगवाना उसके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।

-कुछ बच्चों के विकास की गति तेज तो कुछ की धीमी होती है। इसलिए अगर बच्चा स्वस्थ है तो उसके विकास को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं होना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.