Diet For Menopause: मेनोपॉज के दौरान आपको भी हो रही हैं समस्याएं, तो इन न्यूट्रिशनल टिप्स से पाएं राहत
Diet For Menopause एक महिला अपने जीवन अलग-अलग पड़ावों और बदलावों से गुजरती है। मेनोपॉज इन्हीं बदलावों में से एक है। यह एक हत्वपूर्ण शारीरिक प्रक्रिया है जिसकी वजह से उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह हार्मोनल बदलाव विभिन्न प्रकार के लक्षणों को जन्म दे सकता है जो हर महिला में अलग-अलग होते हैं। आइए जानते हैं वह सब कुछ जो आपको जानना जरूरी है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Diet For Menopause: मेनोपॉज एक महिला के जीवन में होने वाली एक महत्वपूर्ण शारीरिक प्रक्रिया है। जैसे-जैसे प्रजनन प्रणाली कमजोर होती जाती है, हार्मोनल उतार-चढ़ाव विभिन्न शारीरिक और भावनात्मक बदलाव लाते हैं। हालांकि, ये परिवर्तन उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का एक स्वाभाविक हिस्सा, जिसकी वजह से मूड स्विंग्स, वजन बढ़ना और हड्डियों के स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी होती हैं।
मेनोपॉज आम तौर पर 45 और 55 की उम्र के बीच होता है। यह हार्मोनल बदलाव विभिन्न प्रकार के लक्षणों को जन्म दे सकता है, जो हर महिला में अलग-अलग होते हैं। हालांकि, सही आहार की मदद से आप इस मेनोपॉज के दौरान होने वाले बदलावों को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं। आइए जानते हैं मेनोपॉज के दौरान फॉलो की जाने वाली कुछ न्यूट्रिशनल टिप्स के बारे में-
संतुलित आहार
मेनोपॉज के दौरान शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति होना बेहद जरूरी है। ऐसे में कोशिश करें कि आप अपनी डाइट में जैसे फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट आदि सभी को शामिल करें। पर्याप्त प्रोटीन का सेवन मांसपेशियों के स्वास्थ्य और मेटाबॉलिज्म को बेहतर करता है। वहीं एवोकाडो, नट्स और मछली में पाया जाने वाला हेल्दी फैट अच्छे हृदय स्वास्थ्य में योगदान करता है।
कैल्शियम और विटामिन डी
एस्ट्रोजन हड्डियों के घनत्व को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और मेनोपॉज में इसकी गिरावट से हड्डियों का नुकसान हो सकता है। ऐसे में इस जोखिम को कम करने के लिए, डेयरी प्रोडक्ट्स, फोर्टिफाइड प्लांट बेस्ड दूध, पत्तेदार सब्जियां और फोर्टिफाइड अनाज जैसे कैल्शियम युक्त फूड आइटम्स को डाइट में शामिल कर सकते हैं। विटामिन डी, जो कैल्शियम अब्जॉर्प्शन में मदद करता है, सूर्य की रोशनी और मछली और फोर्टिफाइड फूड्स से प्राप्त किया जा सकता है।
फाइटोएस्ट्रोजेन
यह मेनोपॉज के कुछ लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। फाइटोएस्ट्रोजेन से भरपूर फूड आइटम्स में सोया प्रोडक्ट्स जैसे टोफू, टेम्पेह, एडामे, अलसी, छोले और दाल शामिल हैं।
हाइड्रेशन
मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव शरीर में फ्यूइड बैलेंस को प्रभावित कर सकते हैं, ऐसे में हाइड्रेशन बेहद जरूरी हो जाता है। शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा बनाए रखने के लिए पूरे दिन खूब सारा पानी पिएं और फल-सब्जियों जैसे हाइड्रेटिंग फूड आइटम्स को डाइट में शामिल करें।
ओमेगा-3 फैटी एसिड
मछली और कुछ सीड्स जैसे अलसी, चिया बीज में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और कॉग्नेटिव फंक्शन को मैनेज करने में मदद कर सकते हैं। ये दोनों ही हार्मोनल परिवर्तनों से प्रभावित हो सकते हैं।
चीनी और प्रोसेस्ड फूड्स से दूरी
मेनोपॉज महिलाओं में धीमे मेटाबॉलिज्म और फैट के रीडिस्ट्रीब्यूशन के कारण वजन बढ़ने की वजह बन सकता है। ऐसे में मीठे फूड आइटम्स और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन कम से कम करें, जो वजन बढ़ाने में योगदान दे सकते हैं और पूरे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
फाइबर
फाइबर से भरपूर आहार पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और वजन को नियंत्रित करने में सहायता कर सकता है। ऐसे में फाइबर की पूर्ति के लिए आप साबुत अनाज, फल, सब्जियां और बीन्स अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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