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बदलते मौसम में डरें नहीं डायरिया से, ऐसे करें बचाव और इलाज

डायरिया किसी भी आयुवर्ग के व्यक्ति को हो सकता है लेकिन छोटे बच्चों बुर्जुगों और कमजोर लोगों में डायरिया की समस्या कहीं ज्यादा गंभीर रूप अख्तियार कर लेती है। जानेंगे इसके बारे में

By Priyanka SinghEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 03:01 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 03:01 PM (IST)
बदलते मौसम में डरें नहीं डायरिया से, ऐसे करें बचाव और इलाज
बदलते मौसम में डरें नहीं डायरिया से, ऐसे करें बचाव और इलाज

गर्मियों में लापरवाही बरतने पर डायरिया की समस्या गंभीर रूप अख्तियार कर लेती है, लेकिन कुछ सावधानियां बरतकर डायरिया से बचा सकता है। डायरिया एक ऐसा मर्ज है, जिसके मामले गर्मियों में कहीं ज्यादा बढ़ जाते हैं। वैसे तो यह रोग किसी भी आयुवर्ग के व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन छोटे बच्चों, बुर्जुगों और शारीरिक रूप से कमजोर लोगों में डायरिया की समस्या कहीं ज्यादा गंभीर रूप अख्तियार कर लेती है।

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क्यों होता है यह मर्ज

जब डायरिया जीवाणुओं और वायरस के संक्रमणों के चलते उत्पन्न होता है, तब उसे एक्यूट इंफेक्शस डायरिया कहते हैं।

1. प्रदूषित खाद्य व पेय पदार्थ लेना। बासी भोजन करना।

2. खाना खाने से पहले जीवाणुनाशक साबुन से हाथ न धोना।

ऐसे जानें मर्ज को 

1. दस्त या (लूज मोशन )का कई बार होना। मल में रक्त के कतरे या म्यूकस भी आ सकते हैं।

उल्टी भी आ सकती है।

2. पेट में मरोड़ या दर्द होना। दस्त होने के बाद पेट दर्द में कुछ समय के लिए राहत महसूस होती है।

तेज बुखार होना।

3. कभी-कभी सिरदर्द होना और हाथ व पैरों में दर्द होना। 

तो यह रहा इलाज

संक्रमण से होने वाले डायरिया के अधिकतर मामलों में मरीजों को एंटीबॉयटिक्स दवाएं देने की जरूरत नहीं पड़ती। एंटीबॉयटिक्स की जरूरत तब पड़ती है, जब मरीज को दस्त की समस्या 48 घंटों से ज्यादा वक्त तक लगातार बनी रहे। बुखार और पेट में तेज दर्द की समस्या बरकरार रहे और मरीज के मल में रक्त भी आने लगे। मरीज की अन्य समस्याओं का इलाज रोग के लक्षणों के आधार पर किया जाता है।

डीहाइड्रेशन न होने पाए

सच तो यह है कि इंफेक्शस डायरिया के इलाज के दौरान डीहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी होना)की स्थिति से बचने के प्रयास किए जाते हैं। इसलिए डीहाइड्रेशन का शीघ्र पता लगाकर उसका शीघ्र इलाज कराना जरूरी है।

 

लक्षणों को जानें

डीहाइड्रेशन के लक्षणों को जानकर इस समस्या का शीघ्र इलाज संभव है। डीहाइड्रेशन के प्रमुख लक्षण ये हैं...

1. प्यास का अहसास होना।

2. मुंह में सूखापन महसूस होना।

3. गला सूखना।

4. कमजोरी और सुस्ती महसूस होना।

5. गाढ़े रंग की पेशाब होना और पेशाब का बहुत कम होना। 

ऐसे मिलेगी राहत

1. डीहाइड्रेशन की समस्या का इलाज घर में रहकर भी किया जा सकता है। तरल पदार्थ खासकर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। डीहाइड्रेशन की समस्या को दूर करने में नारियल पानी पीना लाभप्रद है।

2. हर दस्त के बाद रोगी को एक गिलास पानी पीना चाहिए।

3. डीहाइड्रेशन की गंभीर स्थिति में (खासकर बढ़ती उम्र के बच्चों और वयस्कों को ओरल रीडीहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओआरएस) को पानी में मिलाकर देना चाहिए। एक लीटर पानी में ओआरएस मिलाए और फिर इसे रोगी को पीने के लिए दें।

ऐसे करें बचाव

1. शिशुओं और छोटे बच्चों को अगर मां स्तनपान कराएं, तो ऐसे बच्चों का डायरिया से काफी हद तक बचाव हो सकता है। 

2. वॉशरूम के इस्तेमाल के बाद जीवाणुनाशक साबुन से हाथ धोएं।

3. पानी और खाद्य पदार्थों को स्वच्छ रखें।

4. खाद्य पदार्थों को खाने से पहले साबुन से हाथ जरूर धोएं।

5. शौच जाने के बाद अच्छी तरह से साबुन से हाथ साफ करें।

6. पीने वाले पानी को उबालें और फिर उसे ठंडा कर पिएं।

7. बिना पके खाद्य पदार्थों, कटे और खुले फलों से परहेज करें।

8. सब्जी विक्रेता से सब्जियां लेने के बाद इन्हें घर में अच्छी तरह से धोएं।

घर में तैयार करें ओआरएस

6 टीस्पून (चाय की चम्मच) चीनी लें और इसमें आधा टीस्पून नमक मिलाएं। इसके बाद इन दोनों मिश्रणों को एक लीटर स्वच्छ या उबले हुए पानी में मिलाएं। इस पानी को ठंडाकर 5 कपों में रख लें। प्रत्येक कप ऐसा हो, जिसमें 200 मिली लीटर पानी समा सके। इसके बाद जरूरत पड़ने पर एक-एक कप पानी पिएं।

डॉ.रंधीर सूद प्रमुख: गैस्ट्रोइंटेरोलॉजी डिपार्टमेंट- मेदांता दि मेडिसिटी, गुड़गांव  


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