शुगर कंट्रोल करने के लिए रोजाना इतनी मात्रा में करें तेजपत्ते का सेवन
आयुर्वेद में तेजपत्ता को औषधि माना जाता है। किचन में इसका उपयोग तड़का लगाने में किया जाता है। अंग्रेजी में इसे बे लीफ कहा जाता है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। यह पौधा एशिया के कई देशों में पाया जाता है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। आजकल डायबिटीज एक आम बीमारी बन गई है। इस बीमारी में रक्त में शर्करा स्तर बढ़ जाता है। साथ ही अग्नाशय से इंसुलिन हार्मोन निकलना बंद हो जाता है। विशेषज्ञ हमेशा डायबिटीज के मरीजों को अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देने की सलाह देते हैं। डायबिटीज के मरीजों को मीठे चीजों से परहेज और रोजाना वर्कआउट करना चाहिए। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और ब्लड शुगर करना चाहते हैं, अपनी डाइट में तेजपत्ते को जरूर शामिल करें। कई शोधों में खुलासा हो चुका है कि तेजपत्ता डायबिटीज के मरीजों के लिए किसी दवा से कम नहीं है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
तेजपत्ता क्या है
आयुर्वेद में तेजपत्ता को औषधि माना जाता है। किचन में इसका उपयोग तड़का लगाने में किया जाता है। अंग्रेजी में इसे बे लीफ कहा जाता है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। यह पौधा एशिया के कई देशों में पाया जाता है। इसकी पत्तियां लीची की पत्तियों जैसी होती हैं। डॉक्टर्स तेजपत्ता की चाय पीने की सलाह देते हैं। इसमें खास प्रकार की सुगंध होती है, जिससे जायके का स्वाद बढ़ जाती है।
क्या कहती है शोध
रिसर्च गेट पर छपी एक लेख में तेजपत्ता पर गहन शोध किया गया है। इस शोध में टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित 65 लोगों को शामिल किया गया था। इन्हें दो वर्गों में बांटा गया था। इनमें पहले समूह में 50 और दूसरे समूह में 15 लोगों को शामिल किया गया था। पहले समूह में शामिल 50 लोगों को 30 दिनों तक रोजाना 2 ग्राम तेजपत्ता खाने की सलाह दी गई। एक महीने बाद परिणाम बेहद संतोषजनक मिला। एक महीने में प्लाज्मा शुगर स्तर 30% कम हुआ। इसके लिए डायबिटीज के मरीज रोजाना तेजपत्ते का सेवन जरूर करें।
कैसे करें सेवन
डायबिटीज के मरीज तेजपत्ते को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। आप चाहे तो दाल और सब्जी में तेजपत्ते डालकर सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा, रोजाना तेजपत्ते का काढ़ा जरूर पिएं। विशेषज्ञों की मानें तो तेजपत्ते में एंटी-डायबिटिक के गुण पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर कंट्रोल और कम करने में सहायक होते हैं।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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