Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Diabetes In Kids: बच्चों में डायबिटीज़ को कैसे मैनेज किया जा सकता है?

    Diabetes In Kids हर साल 14 नवंबर को विश्व डायबिटीज़ दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों में इस साइलेंट किलर बीमारी को लेकर जागरुकता फैलाई जा सके। आज जानते हैं कि डायबिटीज़ से पीड़ित बच्चों की कैसे देखभाल की जा सकती है।

    By Ruhee ParvezEdited By: Updated: Mon, 14 Nov 2022 01:32 PM (IST)
    Hero Image
    Diabetes In Kids: बच्चों में ब्लड शुगर के स्तर को कैसे मैनेज करें?

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Diabetes In Kids: डायबिटीज़ एक आम बीमारी बन गई है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को अपना शिकार बना सकती है। दो तरह की डायबिटीज़ आम है, जिसमें टाइप-1 और टाइप-2 शामिल है। टाइप-1 डायबिटीज़ को जुवेनाइल डायबिटीज़ भी कहा जाता है, जो आमतौर पर बच्चों में देखी जाती है। इस स्थिति में, पैंक्रियाज़ बहुत कम या बिल्कुल भी इंसुलिन नहीं बना पाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    टाइप-1 डायबिटीज़ का पता कैसे चलता है?

    बच्चों में डायबिटीज़ जन्म के बाद से कभी भी हो सकती है। जो बच्चे इससे प्रभावित होते हैं, उनमें ज़रूर से ज़्यादा पेशाब आना, रात में बिस्तर में पेशाब हो जाना, ज़्यादा प्यास लगना, भूख न लगना, वज़न कम होना, मतली, उल्टी और पेट दर्द जैसी दिक्कतें दिखती हैं। इसके अलावा बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज़ या फिर नियोनेटल डायबिटीज़ भी देखी जाती है। नियोनेटल डायबिटीज़ जन्म से एक साल तक रहती है।

    डायबिटिक बच्चों की डाइट और लाइफस्टाइल कैसी होनी चाहिए?

    डायबिटीज़ को कंट्रोल करने के लिए एक संतुलित और पोषण से भरपूर डाइट बेहद ज़रूरी होती है। इसके लिए ज़्यादा से ज़्यादा सब्ज़ियां, फल, अनाज और प्रोटीन को डाइट में ज़रूर शामिल करें। वहीं, चीनी और रिफाइन्ड कार्ब्स से दूरी बनाएं। डायबिटीज़ के बेहतर कंट्रोल के लिए एक्सरसाइज़ भी काफी मददगार साबित होती है। साथ ही नियमित तौर पर डॉक्टर से चेकअप भी कराएं। रुटीन में इन चीज़ों का पालन करने से शरीर में शुगर का स्तर बना रहेगा और जटिलताओं से बचेंगे।

    डायबिटीज़ से पीड़ित बच्चों की देखभाल कैसे करें?

    कम उम्र में ऐसी क्रॉनिक बीमारी के साथ जीना न सिर्फ बच्चों के लिए बल्कि मां-बाप के लिए भी मुश्किल होता है। मां-बाप या फिर देखभाल करने वाले लोग मानसिक तनाव से गुज़रते हैं, साथ ही बच्चा भी जो एक आम बचपन नहीं जी पाता है। स्कूल प्रशासन को भी इस बारे में पता होना चाहिए, ताकि दिन में इंसुलिन की डोज़ दी जा सके। डायबिटीज़ एक गंभीर बीमारी ज़रूर है, लेकिन अगर बच्चों की सही देखभाल की जाए, तो वह आम ज़िंदगी जी पाते हैं।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik