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Diabetes Diet: डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए अमृत है ये एक फल, तेज़ी से करता है शुगर कंट्रोल

Diabetes Diet डायबिटीज़ हो जाने पर इसका असर दिल किडनी आंखें दिमाग़ जैसे दूसरे अंगों पर भी पड़ने लगता है। डायबिटीज़ के मरीज़ों को अपने ब्लड शुगर स्तर को कंट्रोल करने की ज़रूरत होती है। ऐसे में जामुन का सेवन आपको कई तरह के फायदे पहुंचा सकता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 11:42 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 11:42 AM (IST)
Diabetes Diet: डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए अमृत है ये एक फल, तेज़ी से करता है शुगर कंट्रोल
डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए अमृत है ये एक फल, तेज़ी से करता है शुगर कंट्रोल

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Diabetes Diet: कोरोना वायरस महामारी से पहले डायबिटीज़ का जोखिम सबको सताता था। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका कोई इलाज नहीं है, इसे सिर्फ दवाइयों, डाइट और लाइफस्टाइल के ज़रिए कंट्रोल में रखा जा सकता है। डायबिटीज़ हो जाने पर इसका असर दिल, किडनी, आंखें, दिमाग़ जैसे दूसरे अंगों पर भी पड़ने लगता है। डायबिटीज़ के मरीज़ों को अपने ब्लड शुगर स्तर को कंट्रोल करने की ज़रूरत होती है। इसमें अहम भूमिका निभाती है डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव। आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे फल के बारे में जो डायबिटीज़ में काफी फायदेमंद साबित होता है।

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एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लामेट्री गुणों से भरपूर जामुन

जी हां, हम जामुन की बात कर रहे हैं। जामुन किसी औषधि से कम नहीं है। सिर्फ ये फल ही नहीं, बल्कि जामुन के पत्ते और गुठली भी औषधीय गुणों से भरी होती हैं। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल सदियों से औषधि के रूप में किया जाता रहा है। जामुन डायबिटीज़ और एनीमिया से पीड़ित लोगों के लिए रामबांण साबित होता है, यह ब्लड शुगर लेवल को तेज़ी से कम कर इसे कंट्रोल करने में मदद करता है।

जामुन खाने में जितना मज़ेदार होता है, उससे कहीं ज्यादा यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लामेट्री गुणों से भरपूर जामुन न सिर्फ बीमारियों से राहत दिलाता है, बल्कि यह कई गंभीर बीमारियों के संक्रमण से बचाने का भी काम करता है। एक्सपर्ट्स की मानें, तो एक कप जामुन में 20 से 25 ग्राम कैलोरी होती है।

डायबिटीज़ में कैसे लाभदायक होता है जामुन?

डायबिटीज़ में ख़ून में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। साथ ही अग्नाशय (pancreas) से इंसुलिन हार्मोन निकलना बंद हो जाता है। ऐसे में जामुन टाइप-2 डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों के वरदान की तरह काम करता है। यह शरीर के स्टार्च को ऊर्जा में परिवर्तित करता है। इसमें जी आई नामक तत्व भरपूर मात्रा में होता है, जो डायबिटीज में प्यास लगना और बार-बार पेशाब जाने के लक्षणों को कम करता है।

सिर्फ इतना ही नहीं जामुन की छाल और गुठली भी मधुमेह से पीड़ित रोगियों के लिए लाभदायक होता है।

1. यह फल एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लामेट्री गुणों के अलावा फाइबर, मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटेशियम, सोडियम, आयरन और विटामिन-ए, बी, सी से भी भरपूर होता है। इसमें फाइटोकेमिकल्स जैसे ऑक्सैलिक एसिड, गैलिक एसिड और टैनिक एसिड भी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं।

2. जामुन का ग्लाइमेक्स इंडेक्स कम होता इसलिए यह डायबिटीज़ की जटिलताओं को कम करने में असरदार होता है। एंटी-डायबिटीज़ गुणों से भरपूर होने की वजह से यह शुगर लेवल को 30 प्रतिशत तक घटा सकता है। यह शुगर को स्टार्च में बदलने से रोकता है।

3. एक अध्ययन के मुताबिक जामुन की गुठली में 86.2 प्रतिशत और गूदे में 53.8 प्रतिशत मधुमेह रोधी गुण पाया जाता है। ये डाटा भारत के गिर वन में पाए जाने वाली जामुन की 6 तरह की प्रजातियों से लिया गया था, जो अलग-अलग वज़न और आकार के थे।

4. एक रिसर्च के मुताबिक, जामुन के बीज में ट्राइटरपेनोइड्स, ग्लाइकोसाइड्स,  एंथोसायनिन, ओलिक एसिड, सैपोनिन फ्लेवोनोइड्स जैसे फाइटोकैमिकल्स मौजूद होते हैं, जो पैंक्रीयाज़ के बीटा सेल को प्रभावित करने और इंसुलिन प्रतिरोध को रोकने लिए ज़िम्मेदार होता है। जामुन के बीज में जाम्बोलिन और जाम्बोसिन नामक यौगिक पाया जाता है, जो ब्लड शुगर के स्तर को कम करने और ग्लूकोज के स्तर को बेहतर करने में मदद करता है।

5. टाइप-2 डायबिटीज से पहले प्री-डायबिटीज़ होती है, लेकिन इसमें मरीज़ों को इसके लक्षण नज़र नहीं आते। इस स्थिति के दौरान व्यक्ति डायबिटीज़ की चपेट में तो आ जाता है, लेकिन उसके ख़ून में शुगर का लेवल इतना भी नहीं होता कि ब्लड टेस्ट में सामने आ सके। हालांकि, इस स्थिति में आप डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव की मदद से इसे निपट सकते हैं। साथ ही जामुन का सेवन आपको इस स्थिति से निकाल सकता है।

Disclaimer: लेख में दिए गए सुझाव और टिप्स सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। इसके बारे में ज़्यादा जानकारी या फिर जामुन को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से ज़रूर सलाह लें।


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