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    Couvade Syndrome: जब पत्नी के साथ पति को भी महसूस होने लगते हैं मितली, पेट फूलने जैसे प्रेग्नेंसी के लक्षण

    Updated: Thu, 08 Aug 2024 05:57 PM (IST)

    प्रेग्नेंसी एक बेहद खुशनुमा एहसास होता है लेकिन ये अपने साथ कई बदलाव भी लेकर आता है। इस दौरान सिर्फ गर्भवती महिला ही नहीं बल्कि पुरुषों में भी प्रेग्नेंसी के कुछ लक्षण (Pregnancy Symptoms In Men) देखने को मिलते हैं। अपने पार्टनर की प्रेग्नेंसी के दौरान कई पुरुषों में वजन बढ़ने या मितली जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। आइए डॉक्टर से इस बारे में और गहराई से जानते हैं।

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    Couvade Syndrome, जिसमें पुरुषों में भी दिखते हैं प्रेग्नेंसी के लक्षण (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Couvade Syndrome: आजकल आपने सोशल मीडिया पर देखा होगा कि कोई भी कपल प्रेग्नेंसी के बारे में बताने के लिए वी आर प्रेग्नेंट लिखते हैं। यह नया चलन है, जिसमें नॉन प्रेग्नेंट पार्टनर यानी वो पार्टनर जो प्रेग्नेंट नहीं है, वह अपने पार्टनर को गर्भावस्था के दौरान पूरी तरह से सपोर्ट करने की कोशिश करता है। हालांकि, इसे हम अक्सर मानसिक सपोर्ट के रूप में देखते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि नॉन प्रेग्नेंट पार्टनर में भी कुछ प्रेग्नेंसी के लक्षण (Pregnancy Symptoms In Men) देखने को मिल सकते हैं।

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    Pregnancy symptoms in Men

    (Picture Courtesy: Freepik) 

    क्या पुरुषों में भी दिखते हैं प्रेग्नेंसी के लक्षण?

    जी हां, ये थोड़ा चौंकाने वाला हो सकता है, लेकिन ये बिल्कुल सच है और ऐसा कई लोगों के साथ होता भी है। कई लोग अपने पार्टनर की प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ गर्भावस्था जैसे लक्षणों से गुजरते हैं, जिनमें मूड स्विंग्स से लेकर वजन बढ़ना तक शामिल हैं। ऐसा क्यों होता है और इससे कैसे डील कर सकते हैं, इस बारे में जानने के लिए हमने डॉ. गौरव गुप्ता (तुलसी हेल्थ केयर के सीईओ और वरिष्ठ साइकैट्रिस्ट) से बात की। आइए जानें इस बारे में उन्होंने क्या बताया।

    डॉ. गुप्ता ने बताया कि नॉन प्रेग्नेंट पार्टनर में प्रेग्नेंसी के लक्षणों का दिखना कूवेड सिंड्रोम (Couvade Syndrome) कहलाता है। इसे सिंपेथेटिक प्रेग्नेंसी भी कहा जाता है। इस डिसऑर्डर में मेंटल और फिजीकल लक्षण शामिल हैं, जैसे- वजन बढ़ना, मूड स्विंग्स, थकान, मितली। ये लक्षण प्रेग्नेंसी के दौरान देखने को मिलते हैं। हालांकि, इस सिंड्रोम को कोई बीमारी नहीं माना जाता है और इस बारे में गहराई से जानकारी मिलना भी मुश्किल है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि ये लक्षण तनाव, एंग्जायटी और आने वाले बच्चे के प्रति आत्मभूति महसूस होने की वजह से होता है।

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    कूवेड सिंड्रोम में दिखने वाले लक्षण

    Pregnancy symptoms in Men

    कैसे करें कूवेड सिंड्रोम को मैनेज?

    कूवेड सिंड्रोम के इलाज के लिए जरूरी है कि इसके पीछे के इमोश्नल और साइकोलॉजिकल कारण को समझा जाए। इसके लिए जरूरी है कि पार्टनर्स खुलकर बातचीत करें। बच्चे के आने की जितनी खुशी होती है, उतनी ही उससे जुड़ी चिंताएं भी होती हैं। उसके लालन-पालन, अच्छा माता-पिता बनने की कोशिश और जीवन में हो रहे बदलावों की वजह से कपल्स काफी भाव-विभोर महसूस करते हैं। इसलिए जरूरी है कि वे आपस में इस बारे में बात करें और अपनी चिंताओं, उम्मीदें और अनुभव को एक-दूसरे के साथ शेयर करें। इससे तनाव कम होगा और एक-दूसरे की मदद मिलेगी।

    दूसरी चीज प्रेग्नेंसी के दौरान यह भी देखी जाती है कि सारी देखभाल प्रेग्नेंट पार्टनर की ही की जाती है। हालांकि, यह लाजमी है कि उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना जरूरी है, लेकिन इस दौरान पुरुष भी अपनी सेहत का ख्याल रखें। रोज एक्सरसाइज करें, हेल्दी खाना खाएं और पूरी नींद लें। इससे कूवेड सिंड्रोम के लक्षणों को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

    साथ ही, माइंडफुलनेस प्रैक्टिस करें या काउंसलिंग भी ले सकते हैं। इससे तनाव कम होता है और मेंटल हेल्थ को फायदा मिलता है। इससे अकेलेपन की भावना भी कम होती है और अपने इमोश्नस को समझने में मदद मिलती है। डॉ. गुप्ता कहते हैं कि अगर कूवेड सिंड्रोम के लक्षण और गंभीर होने लगे या इनकी वजह से रोजमर्रा के कामों में रुकावट आने लगे, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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