Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Coronavirus Variants: जानें तीन साल में कितनी बार म्यूटेट हुआ कोरोनावायरस, देखें पूरी लिस्ट

    दुनियाभर में इन दिनों ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट ने हाहाकार मचाया है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब भारत में भी सरकार अलर्ट मोड पर है। पिछले तीन साल में दुनियाभर से कोरोना के अलग-अलग मामले सामने आ चुके हैं।

    By Harshita SaxenaEdited By: Updated: Thu, 22 Dec 2022 04:20 PM (IST)
    Hero Image
    दुनियाभर में कोरोना के अब तक कई वेरिएंट्स सामने आ चुके हैं

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Coronavirus Variants: दुनियाभर में इन दिनों कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ने सभी की चिंता बढ़ा दी है। चीन में इस वक्त ओमिक्रॉन BF.7 ने कोहराम मचा रखा है। दुनिया के अलग-अलग देशों में एक बार फिर कोरोना सिर उठाने लगा है। इतना ही नहीं भारत में भी इस नए वेरिएंट के अब तक 5 मामले सामने आ चुके हैं। ओमिक्रॉन BF.7 का वैज्ञानिक नाम BA.5.2.1.7 है, जो ओमिक्रॉन BA.5 का सब-वेरिएंट है। रिपोर्ट्स की मानें तो ओमिक्रॉन BF.7 तेजी से लोगों में संक्रमण फैलाने की क्षमता रखता है। ऐसे में नए वेरिएंट के आने के बाद हर कोई फिर सतर्क हो चुका है। यह पहली बार नहीं है, जब कोरोना के किसी वेरिएंट ने लोगों की चिंता बढ़ाई हो। साल 2019 में आए इस वायरस के अब तक कई अलग-अलग वेरिएंटेस ने दुनियाभर में हाहाकार मचाया है। तो चलिए जानते हैं अब तक सामने आए कोरोना वायरस के अलग-अलग वेरिएंट के बारे में-

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अल्फा वेरिएंट

    साल 2020 में सितंबर के महीने में कोरोना के अफ्ला वेरिएंट ने पूरी दुनिया में तहलका मचाया था। इसे वैज्ञानिक भाषा में B.1.1.7 कहे जाने इसे वेरिएंट को सबसे पहले ब्रिटेन में पाया गया था, जिसके बाद यह पूरे विश्व में फैल गया। अमेरिका में भी कोरोना के इस वेरिएंट ने काफी तबाही मचाई थी।

    बीटा वेरिएंट

    साल 2020 में भी सामने आए कोरोना के बीटा वेरिएंट को सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में खोजा गया था। इसका वैज्ञानिक नाम B.1.351 है। बीटा वेरिएंट के दो म्यूटेशन E484K और N501Y सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हुए थे। यह वेरिएंट पहले आए सभी पुराने वेरिएंट से काफी ज्यादा संक्रामक था।

    गामा वेरिएंट

    सबसे पहले ब्राजील में पाए गए गामा वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम P.1 है। इस वेरिएंट के दो स्ट्रेन E484K और N501Y को वैज्ञानिकों ने काफी खतरनाक माना था। जांच में यह पाया गया था कि वैक्सीन लगवाने के बाद यह वेरिएंट मामूली रूप से असर करता है।

    लैम्‍बडा वेरिएंट

    लाम्बडा वेरिएंट को पहली बार अगस्त 2020 में पेरू में पाया गया था। लेकिन मार्च 2021 से इसने गति पकड़नी शुरू की थी। इसी साल इस वेरिएंट को वैज्ञानिक नाम C.37 नाम दिया गया।

    डेल्‍टा वेरिएंट

    कोरोना वायरस का डेल्‍टा वेरिएंट सबसे पहले भारत में पाया गया था। साल 2020 में अक्टूबर के महीने में इस वेरिएंट की पहचान की गई। इसका वैज्ञानिक नाम B.1.617.2 है। कोरोना के इस वेरिएंट को दुनियाभर में सबसे ज्यादा संक्रामक और खतरनाक वेरिएंट माना जाता है। यह वेरिएंट दुनिया के 100 देशों में पाया गया था।

    एमयू वेरिएंट

    सबसे पहले कोलंबिया में मिले एमयू वेरिएंट की पहचान भी जनवरी साल 2021 में ही गई। डब्‍लूएचओ ने कोरोना के इस वेरिएंट को वैज्ञानिक नाम B.1.621 दिया।

    ओमिक्रॉन वेरिएंट

    साइंटिफिक नेम B.1.1.529 वाले इस वेरिएंट को विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) ने ओमिक्रॉन नाम दिया। यह कोरोना का अब तक का सबसे ज्यादा संक्रामक वेरिएंट माना गया। इसकी पहचान सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में हुई थी। ओमिक्रॉन के अब तक अलग-अलग सब वेरिएंट सामने आ चुके हैं, जिसमें BA.1, BA.2, BA.4, BA.5, XE और ओमिक्रॉन BF.7 शामिल हैं।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik