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Blood Test For Stress Level: अब कोर्टिसोल बल्ड टेस्ट बताएगा आप कितने स्ट्रेस में हैं!

Blood Test For High Stress Level क्या आप जानते हैं कि एक टेस्ट के ज़रिए आप अपने तनाव का स्तार जान सकते हैं। नहीं? तो आइए जानते हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Thu, 02 Apr 2020 03:57 PM (IST)Updated: Sun, 05 Apr 2020 09:41 AM (IST)
Blood Test For Stress Level: अब कोर्टिसोल बल्ड टेस्ट बताएगा आप कितने स्ट्रेस में हैं!

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Test For Stress: कोरोना वायरस महामारी ने विकराल रूप ले लिया है। इस वायरस से पूरी दुनिया में अब तक 9 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 47 हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। भारत में भी इस वायरस से अब तक 2 हज़ार लोग संक्रमित हो चुके हैं। इससे निपटने के लिए पूरी दुनिया में लॉकडाउन है।

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इस वायरस ने सबके मन मस्तिष्क में दहशत पैदा कर दी है। लोग न केवल अपने घरों में बंद हैं बल्कि डरे और सहमे हुए हैं। इसकी वजह से तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याएं पैदा हो रही हैं। ऐसी स्थिति में यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम अपने घरों में रहें ताकि न हम संक्रमित हों और न कोई अन्य संक्रमित हो। 

इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है कि कब हालात सामन्य हो जाएंगे। अगर ऐसी स्थिति में आप अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं तो घबराएं नहीं, परिवर्तन ही संसार का नियम है। क्या आप जानते हैं कि एक टेस्ट के ज़रिए आप अपने तनाव का स्तार जान सकते हैं। नहीं? तो आइए जानते हैं।

कोर्टिसोल: स्ट्रेस हार्मोन

यह एक हार्मोन है जो अधिवृक्क ग्रंथि ( adrenal glands ) से उत्सर्जित होता है, जब आपका शरीर किसी परिस्थिति से गुज़रता है। यह शरीर का मुख्य तनाव तंत्र है, जो मस्तिष्क को संदेश भेजकर आपातकाल के लिए तैयार करता है। अधिवृक्क ग्रंथि आकार में बहुत छोटे और त्रिभुजाकार (triangle) होते हैं। यह आपके किडनी के ऊपर होते हैं। जब आपके शरीर को ख़तरा महसूस होता है, तब एड्रेनल ग्लैंड्स, एड्रेनालाइन और कोर्टिसोल छोड़ते हैं।

कोर्टिसोल ब्लड टेस्ट 

कभी कभार तनाव महसूस करना सामान्य बात है। यह आपको अपने काम को पूरा करने के लिए प्रेरित करता है। अगर आप हर समय तनाव में जीते हैं तो यह ख़तरे की घंटी है। वहीं, जब आप तनाव में ही जीने लगते हैं तो इससे आपके शरीर पर बुरा असर पड़ने लगता है। 

कोर्टिसोल ब्लड टेस्ट में आपके कोर्टिसोल हार्मोन लेवल की जांच की जाती है। इसमें यह पता लगाया जाता है कि आपका कोर्टिसोल हार्मोन लेवल कम है या अधिक। इस टेस्ट से यह जानकारी भी मिलती है कि आप तनाव के किस स्टेज से गुज़र रहे हैं। अगर  कोर्टिसोल हार्मोन लेवल कम हो तो व्यक्ति को कशिंग सिंड्रोम हो जाता है जिसे एडिसन्स रोग कहा जाता है।

टेस्ट कैसे किया जाता है

अगर आपके डॉक्टर को लगता है कि आपका कोर्टिसोल लेवल अधिक है तो वो आपको ब्लड टेस्ट की सलाह दे सकते हैं। कोर्टिसोल लेवल सुबह 7 बजे काफी ऊंचा रहता है और शाम होते तक काफी गिर जाता है। क्योंकि कोर्टिसोल लेवल दिन भर बलदता रहता है, इसलिए ज़रूरी है कि ध्यान रखें कि ब्लड टेस्ट के लिए खून का नमूना किस वक्त लिया गया। हालांकि, डॉक्टर अस्कर पहले ही बता देते हैं कि ब्लड टेस्ट सुबह के समय ही कराएं। 

ये टेस्ट बेहद सिम्पल होता है। इसमें नर्स आपके हाथ की नस से खून का सैम्पल लेती हैं। कोर्टिसोल का नॉर्मल स्तर सुबह के समय 6 से 23 माइक्रोग्राम के बीच होना चाहिए। अगर आपके टेस्ट रिजल्ट में कोर्टिसोल का स्तर अधिक आया है, तो अपने डॉक्टर से सलाह करें। 


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