Isolation Revised Guidelines: होम आइसोलेशन को लेकर जानें क्या कहते हैं स्वास्थ्य मंत्रालय के नए दिशानिर्देश
Home Isolation Revised Guidelinesएक बात दोहराई गई है कि हल्के या पूर्व-लक्षण वाले मरीज़ जिनके पास अपने घर पर आत्म-अलगाव की सुविधा हैवे घर पर ही आइसोलेशन के विकल्प को चुनें।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Home Isolation Revised Guidelines: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बहुत हल्के या पूर्व-लक्षणी COVID-19 रोगियों के घर पर अलगाव के लिए दिशानिर्देशों में कुछ बदलवा किए हैं। नए दिशानिर्देशों के अनुसार, हल्के या पूर्व-लक्षणी मामलों में कोरोना वायरस के मरीज़ लक्षण दिखने के 17 दिन बाद घर के आइसोलेशन को ख़त्म कर सकते हैं। अगर उन्होंने कोरोना वायरस का टेस्ट नहीं करवाया है और 10 दिन से बुख़ार नहीं है, तब भी आइसोलेशन ख़त्म किया जा सकता है।
मंत्रालय ने कहा कि ये दिशानिर्देश 7 अप्रैल को जारी की गई गाइडलाइन्स का ही हिस्सा हैं। इसमें एक बात दोहराई गई है कि हल्के या पूर्व-लक्षण वाले मरीज़, जिनके पास अपने घर पर आत्म-अलगाव की सुविधा है, वे घर पर ही आइसोलेशन के विकल्प को चुनें।
घर पर आइसोलेशन के दिशानिर्देशों में बदलाव
नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, मेडिकल ऑफिसर ही इस बात की पुष्टि करेगा कि एक व्यक्ति का हल्के/ पूर्व-लक्षण का मामला है। मरीज़ों के पास आत्म-अलगाव और साथ ही परिवार के संपर्क को कम करने के लिए घर पर अपेक्षित सुविधा होनी चाहिए। मरीज़ की 24x7 देखभाल के लिए कोई होना चाहिए।
- जो व्यक्ति कोविड-19 के मरीज़ की देखभाल कर रहा है और घर के बाकी लोगों को प्रोटोकॉल और डॉक्टक की साल के तहत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन प्रोफीलाक्सिस लेनी चाहिए।
- नए निदानिर्देशों में आरोग्य सेतु एप को मोबाइल पर डाउनलोड करने के लिए कहा गया है। इसे आप https://www.mygov.in/aarogya-setuapp/) से डाउनलोड कर सकते हैं और इसे हर वक्त एक्टिव रखना है।
- मरीज़ों को अपने स्वास्थ्य की निगरानी ख़ुद करनी चाहिए और नियमित रूप से अपनी स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी ज़िला निगरानी अधिकारी को देनी चाहिए।
- मंत्रालय ने कहा है कि मरीज़ो को आत्म-अलगाव पर एक उपक्रम भरना होगा और होम संगरोध दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।
चिकित्सा की मदद कब लें
मंत्रालय की सलाह में कहा गया है कि रोगी या देखभाल करने वाले को अपने स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी करनी चाहिए और निम्नलिखित लक्षणों में से किसी के भी विकसित होने पर तत्काल चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए:
- सांस लेने में तकलीफ
- लगातार दर्द या सीने में दबाव
- मानसिक भ्रम की स्थिति
- होठों या चेहरा का नीला पड़ना