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    Male Infertility: पुरुषों की फर्टिलिटी कम कर सकता है स्टेरॉयड्स का सेवन, जानें इसके अन्य नुकसान

    Male Infertility शारीरिक स्ट्रेंथ को बनाए रखने और मसल मास को बढ़ाने के दौरान पुरुषों को यह एहसास नहीं होता है कि टेस्टोस्टेरोन उनकी प्रजनन क्षमता और समग्र स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। जानें स्टेरॉयड्स के अन्य नुकसान।

    By Ritu ShawEdited By: Ritu ShawUpdated: Sun, 07 May 2023 08:14 PM (IST)
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    पुरुषों की फर्टिलिटी कम कर सकता है स्टेरॉयड्स का सेवन

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Male Infertility: महिलाओं की तरह पुरुष भी एक आदर्श शरीर पाने के लिए काफी मेहनत करते हैं। हालांकि, कई लोग ऐसा करने के लिए कुछ सप्लिमेंट्स और यहां तक कि स्टेरॉयड का भी सेवन कर लेते हैं। लेकिन शारीरिक स्ट्रेंथ को बनाए रखने और मसल मास को बढ़ाने के दौरान पुरुषों को यह एहसास नहीं होता है कि टेस्टोस्टेरोन उनकी प्रजनन क्षमता और समग्र स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, जब कोई पुरुष मांसपेशियों की ताकत बनाने के लिए टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने के लिए स्टेरॉयड का उपयोग करता है, तो इससे उनके स्पर्म काउंट पर असर पड़ सकता है।

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    हालांकि, स्टेरॉयड के सेवन के कारण स्पर्म हेल्थ पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव का समय अवधि के आधार पर इलाज किया जा सकता है। जब व्यक्ति स्टेरॉयड का उपयोग करना बंद कर देता है, तो शुक्राणुओं की संख्या ठीक होने में लगभग तीन महीने लगते हैं। ऐसे मामलों में जहां पुरुषों ने लंबी अवधि के लिए स्टेरॉयड का उपयोग किया है, रिकवरी अवधि में तो थोड़ा अधिक समय लग सकता है, लगभग एक वर्ष या उससे भी अधिक। मेल इंफर्टिलिटी के अलावा, स्टेरॉयड मुंहासे, स्तन विकास, लिवर की समस्याओं, दिल का दौरा या स्ट्रोक से लेकर कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है।

    स्टेरॉयड पुरुषों की फर्टिलिटी को कैसे करते हैं प्रभावित

    -स्टेरॉयड का सेवन करते समय मस्तिष्क को यह मानने के लिए बरगलाया जाता है कि शरीर आवश्यक मात्रा में टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन कर रहा है।

    -जब दिमाग सोचता है, यह टेस्टिकल्स को स्पर्म के उत्पादन को धीमा करने या यहां तक कि पूरी तरह से बंद करने का संकेत देता है।

    -यह कंफ्यूजन स्पर्म काउंट लेवल को कम करता है। कुछ मामलों में शुक्राणुओं की अनुपस्थिति भी होती है। स्पर्म काउंट कम होने के चलते टेस्टिकल्स के सिकुड़ने का कारण बनता है जिससे मेल इंफर्टिलिटी होती है।

    मेल इंफर्टिलिटी के अलावा स्टेरॉयड के अन्य नुकसान

    कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम: टेस्टोस्टेरोन के अलावा, स्टेरॉयड कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (LDL) के स्तर को बढ़ा सकते हैं और उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (HDL) के स्तर को कम कर सकते हैं, जो हाई ब्लड प्रेशर, ब्लड क्लॉट, हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकते हैं।

    एंडोक्राइन सिस्टम: स्टेरॉयड का उपयोग हार्मोनल इंबैलेंस का कारण बन सकता है, जो फर्टिलिटी और स्पर्म काउंट को बाधित करत सकते हैं। इसके अलावा बढ़े हुए ब्रेस्ट टिशू, टेस्टिकल्स का सिकुड़न, गंजापन के साथ-साथ गंभीर मुंहासे, सिस्ट और गंभीर मामलों में कैंसर जैसी समस्या को बढ़ावा दे सकता है।

    मस्कुलर और स्केलेटल सिस्टम: वयस्कों में, स्टेरॉयड के उपयोग के परिणामस्वरूप कठोर टेंडन हो सकते हैं, जो टेंडन की चोट के जोखिम को ट्रिगर कर सकते हैं। वहीं युवाओं में, स्टेरॉयड के उपयोग से विकास रुक सकता है। इसलिए याद रखें कि हमेशा टेस्टोस्टेरोन का उपयोग एक चिकित्सक द्वारा सुझाए जाने के बाद ही करना चाहिए।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik