Chandranamaskar Benefits: शाम को करें चंद्र नमस्कार का अभ्यास, जो मिटा देगा दिनभर की थकान, होंगे और भी फायदे
Chandranamaskar Benefits योग में जिस प्रकार सूर्य नमस्कार के अनेकों फायदे हैं वैसे ही चंद्र नमस्कार भी है जिसके अभ्यास से आपकी पूरी बॉडी की स्ट्रेचिंग हो जाती है। मेंटल स्ट्रेस दूर होता है कमजोी का एहसास नहीं होता बॉडी फ्लेक्सिबल हो जाती है और नींद भी अच्छी आती है। आइए जानते हैं इसे करने का तरीका व अन्य दूसरे फायदे।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Chandranamaskar Benefits: फिट रहने के लिए कहा जाता है कि रोजाना थोड़ा समय योग व एक्सरसाइज के लिए निकालें। महज 15-20 मिनट योग करने से आप कई सारी समस्याओं से बचे रह सकते हैं साथ ही लंबे समय तक खूबसूरत और जवां भी बने रह सकते हैं। योग में सूर्य नमस्कार बहुत पॉपुलर है। कहा जाता है कि इसे करने से पूरी बॉडी की स्ट्रेचिंग हो जाती है, लेकिन क्या आपने कभी चंद्र नमस्कार के बारे में सुना है? अगर नहीं, तो आपको बता दें कि सूर्य नमस्कार की तरह ही चंद्र नमस्कार भी कई सारे फायदों से भरपूर आसन है। बस सूर्य नमस्कार को जहां सुबह के समय किया जाता है वहीं चंद्र नमस्कार को शाम या रात के समय। दिनभर के काम और थकान के बाद शाम को चंद्र नमस्कार करने से आप फिजिकली और मेंटली फिट रह सकते हैं। आइए जानते हैं इसके फायदे।
1. प्रणामासन
इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को आपस में जोड़ लें और इसे अपने सीने के पास रखें और सांस लें।
फायदा
हर तरह का तनाव दूर होता है इससे।
2. हस्त उत्तानासन
सांस लेते हुए हाथों को आसमान की ओर उठाएं। पीठ तो लगभग 30 डिग्री या उससे ज्यादा मोड़ने के लिए स्ट्रेच करें।
फायदा
बॉडी का बैलेंस ठीक रखता है।
3. पाद हस्तासन
सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकें। फिर मैट पर पैरों के बगल में हथेलियां रखें। अब घुटनों के बीच सिर को जितना पास ले जा सकते हैं ले जाएं।
फायदा
रीढ़ की हड्डी को स्ट्रॉन्ग और फ्लेक्सिबल बनाता है।
4. अश्व संचालनासन
बाएं पैर को पीछे की ओर फैलाएं, पैर की उंगलियां बाहर की ओर और एड़ी ऊपर हो। दाहिना पैर नॉर्मल पोजीशन में रखें।
फायदा
शरीर के निचले हिस्से में दर्द की समस्या ठीक होती है।
5. अर्ध च्रंदासन
हाथों को आसमान की तरफ उठाएं। दोनों तरफ से हाथों को ऊपर उठाते हुए आपस में जोड़ें और ऊपर की ओर देखें।
फायदा
माइग्रेन की प्रॉब्लम में बेहद कारगर है।
6. संतुलनासन
सांस छोड़ें और हाथों को वापस ले आएं। दाहिने पैर को पीछे की ओर ले जाएं और पैर की उंगलियों पर आएं और आगे की ओर देखें।
फायदा
हार्ट हेल्दी रहता है और इससे जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है।
7. अष्टांग नमस्कार
कोहनी मोड़ें, पैर की उंगलियां, घुटने, दोनों हथेलियां, चेस्ट और कंधे फर्श को छूते हों। पेल्विक ऊपर उठा हुआ होना चाहिए।
फायदा
इससे कमर की स्ट्रेचिंग होती है।
8. भुजंगासन
सांस लेते हुे पेल्विक को चटाई पर रखें। छाती को नाभि तक ऊपर उठाएं, फिर ऊपर की ओर देखें।
फायदा
पेट का फैट कम होता है, पीठ की स्ट्रेचिंग होती है जिससे वो फ्लेक्सिबल होती है।
9. अधोमुख श्वानासन
शरीर को हथेलियां और पैर की उंगलियों पर वापस ऊपर उठाएं। कोहनी और घुटने इस पोजीशन में सीधे होने चाहिए, फिर सांस छोड़ें।
फायदा
कोर मजबूत होता है और बॉडी शेप में आता है।
10. अश्व संचालनासन
बाएं पैर को हथेलियों के बीच में लाएं। दायां पैर चटाई के पीछे जहां था वहां ही रखें। सांस लें और ऊपर की ओर देखें।
फायदा
शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन सही तरह से होता है।
11. अर्ध चंद्रासन
हाथों को आसमान की तरफ उठाएं। सिर को ऊपर स्ट्रेच करें और ऊपर की ओर देखें।
फायदा
पेट की मसल्स को मजबूत बनाता है और इससे अपर बॉडी की भी अच्छी स्ट्रेचिंग हो जाती है।
12. पाद हस्तानसन
सांस छोड़ें। आसन 3 को दोहराएं।
फायदा
इस योग के अभ्यास से पूरे शरीर में ब्लड का फ्लो सही तरीके से होता है। यह तनाव दूर कर मन को शांति देता है।
13. हस्त उत्तानासन
सांस लें। आसन 2 को फिर से करें।
फायदा
फेफड़ों की कार्य क्षमता को बेहतर बनाता है। डाइजेस्टिव सिस्टम को हेल्दी बनाता है। हार्ट से जुड़ी समस्याएं दूर करता है और यहां तक कि तनाव दूर करने में भी सहायक है।
14. प्रणामासन
आसन 1 को फिर से करें। सांस लें और छोड़ें। धीरे-धीरे हथेलियों को बाहर की ओर ले जाएं और सीधे खड़े हो जाएं।
फायदा
शरीर के पोश्चर को सुधारने के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। शरीर को रिलैक्स करने में फायदा मिलता है। थकान दूर करने और शरीर का दर्द कम करने में मददगार है। मस्तिष्क से सारे नेगेटिव थॉट्स दूर हो जाते हैं।
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