Cervical Cancer: 35 साल की उम्र के बाद बढ़ जाता है सर्वाइकल कैंसर का खतरा, इन लक्षणों से करें इसकी पहचान
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे गंभीर कैंसर है। 35 साल की उम्र के बाद महिलाओं में इस बीमारी का खतरा काफी बढ़ जाता है। ऐसे में इसे लेकर जागरुकता बढ़ाने के लिए हर साल जनवरी में सर्वाइकल कैंसर अवेयरनेस मंथ मनाया जाता है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Cervical Cancer: सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाले सबसे गंभीर कैंसर में से एक है। ब्रेस्ट कैंसर के बाद भारत में महिलाएं सबसे ज्यादा इसी बीमारी से ग्रसित रहती हैं। यह कैंसर का एक गंभीर प्रकार है, जो सर्विक्स में होता है। दरअसल, महिलाओं के गर्भाशय और योनि को जोड़ने वाले हिस्से को सर्विक्स कहा जाता है। इसी सर्विक्स में होने वाले कैंसर को सर्वाइकल कैंसर कहते हैं। अक्सर 35 से 40 साल की उम्र के बाद महिलाओं के पीरियड्स अनियमित होने लगते हैं। कई बार तो उन्हें ज्यादा ब्लीडिंग होने लगती है। लेकिन वह इसे सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देती हैं। हालांकि, यह सर्वाइकल कैंसर की शुरुआत हो सकती है।
सर्वाइकल कैंसर काफी खतरनाक माना जाता है, क्योंकि सर्वाइकल से शुरू होने वाला यह कैंसर फैलते हुए लिवर, ब्लैडर, योनि, फेफड़ों और किडनी तक पहुंच जाता है। ऐसे में इसके लक्षणों की पहचान कर समय से इसका इलाज कराना बेहद जरूरी है। लोगों में अभी भी इस बीमारी को लेकर जागरुकता की कमी है। ऐसे में हर साल इस गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जनवरी के महीने को सर्वाइकल कैंसर अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है। तो चलिए जानते हैं इस गंभीर बीमारी के कुछ लक्षणों के बारे में-
इन सामान्य लक्षणों से करें सर्वाइकल कैंसर की पहचान
- बार-बार यूरिन आना
- सफेद पदार्थ का निकलना
- सीने में जलन और लूज मोशन
- पीरियड्स अनियमित हो जाना
- भूख न लगना या बहुत कम खाना
- बहुत अधिक थकान महसूस करना
- पेट के निचले हिस्से में दर्द या सूजन
- अक्सर हल्का बुखार और सुस्ती रहना
- शारीरिक संबंध के बाद खून निकलना
- पीरियड्स में सामान्य से ज्यादा खून निकलना
सर्वाइकल कैंसर की वजह
शरीर में एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) वायरस फैलने की वजह से अक्सर सर्वाइकल कैंसर की समस्या देखने को मिलती है। इसके अलावा आनुवंशिकता भी इसका प्रमुख कारण है। कई स्टडीज में ऐसा पाया गया है कि फैमिली हिस्ट्री होने पर महिलाओं में सर्विक्स कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा सिगरेट में मौजूद निकोटिन भी इस समस्या की वजह हो सकता है। साथ ही पर्सनल हाइजीन की कमी या कुपोषण भी सर्वाइकल कैंसर की वजह बन सकता है। इतना ही नहीं सर्वाइकल कैंसर एक सेक्सुअली ट्रांस्मिटेड डिजीज (एसटीडी) भी है। ऐसे में असुरक्षित यौन संबंध से भी यह बीमारी हो सकती है।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए इन बातों का रखें का ध्यान
- अगर आप खुद को सर्वाइकल कैंसर से बचाना चाहती हैं, तो इसके लिए बेहद जरूरी है कि नियमित रूप से पैप जांच कराएं।
- तंबाकू या इसके उत्पाद के सेवन से सर्विक्स कोशिकाओं के डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं, जो सर्वाइकल कैंसर में बदल सकता है। ऐसे में इस जानलेवा बीमारी से बचने के लिए आज ही धूम्रपान से दूरी बना लें।
- सर्वाइकल कैंसर कई प्रकार के एचपीवी के कारण होता है। ऐसे में यह जरूरी है कि एचपीवी से सुरक्षा के लिए टीका जरूर लगवाएं।
- अगर आप किसी के साथ संबंध बनाती हैं, तो सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें। सुरक्षित संबंध की वजह से आप इस गंभीर बीमारी से खुद को काफी हद तक बचा सकती हैं।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
Picture Courtesy: Freepik


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