सावधान! अगर आप भी सोते हैं आधी रात के बाद, तो जान लीजिए अपनी सेहत के बारे में यह कड़वा सच
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में देर रात तक जागना और फिर सुबह देर तक सोना एक आम बात हो गई है। काम का दबाव हो एंटरटेनमेंट की चाहत हो या फिर सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करने की आदत कई लोग आधी रात के बाद ही बिस्तर पर जाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी यह आदत आपकी सेहत पर कितना गहरा असर डाल सकती है?

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। एक अच्छी और गहरी नींद न सिर्फ हमारे शरीर को आराम देती है, बल्कि यह हमारी सेहत और मेंटल हेल्थ को भी सुधारने में मदद करती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि रात को देर से सोना आपकी सेहत के लिए कितना हानिकारक हो सकता है? खासकर अगर आप आधी रात के बाद सोते हैं, तो इसके साइड इफेक्ट्स (Sleeping Late Health Risks) को समझना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं, आधी रात के बाद सोने से शरीर में क्या कुछ बदलाव देखने को मिलते हैं।
शरीर का रूटीन बिगड़ता है
हमारा शरीर एक नेचुरल रूटीन पर काम करता है, जिसे 'सर्केडियन रिदम' कहते हैं। यह रिदम हमारे नींद-जागने के चक्र को कंट्रोल करता है। जब हम देर से सोते हैं, तो हमारा सर्केडियन रिदम बिगड़ जाता है। इसका असर न सिर्फ हमारी नींद पर पड़ता है, बल्कि शरीर के अन्य जरूरी कामों जैसे पाचन, हार्मोनल संतुलन और मेटाबॉलिज्म पर भी असर डालता है।
हॉर्मोनल असंतुलन
नींद की कमी और देर से सोने से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन 'कोर्टिसोल' का स्तर बढ़ सकता है। इसके चलते न सिर्फ मानसिक तनाव बढ़ता है, बल्कि यह आपकी रोग प्रतिकारक क्षमता को भी कमजोर करता है। इसके अलावा, हार्मोनल असंतुलन से वजन बढ़ने, मांसपेशियों में कमजोरी और त्वचा पर असर भी पड़ सकता है।
मानसिक और शारीरिक थकावट
आधी रात के बाद सोने से आपकी नींद की गुणवत्ता में कमी आती है। हालांकि आप जितना भी सोते हैं, शरीर को पर्याप्त आराम नहीं मिल पाता। इसका असर आपकी मानसिक स्थिति पर भी पड़ता है- आप ज्यादा चिड़चिड़े, थके हुए और स्ट्रेसफुल महसूस कर सकते हैं। इसके अलावा, फिजिकल एनर्जी भी कम हो जाती है, जिससे दिनभर की वर्किंग कैपेसिटी में गिरावट आती है।
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दिल और दिमाग पर असर
विशेषज्ञों के अनुसार, देर रात तक जागने से हार्ट और ब्रेन दोनों पर बुरा असर पड़ सकते हैं। शोध बताते हैं कि देर रात तक जागने और फिर बुरी तरह से सोने से हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। यह स्थिति मानसिक तनाव और चिंता को भी बढ़ावा देती है, जिससे लंबे समय में मानसिक बीमारियां हो सकती हैं।
किसी भी उम्र में हो सकता है नुकसान
हालांकि, ज्यादातर लोग यह मानते हैं कि देर रात तक जागना या आधी रात के बाद सोना केवल युवाओं के लिए ही हानिकारक होता है, लेकिन यह सच नहीं है। किसी भी उम्र में यह आदत शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकती है। बच्चों और किशोरों में यह मानसिक विकास को प्रभावित कर सकता है, जबकि बुजुर्गों में यह शारीरिक कमजोरी और थकावट का कारण बन सकता है।
याददाश्त पर भी पड़ता है असर
आपकी मानसिक स्थिति और ताजगी को प्रभावित करने वाली एक और बड़ी समस्या है देर से सोने का असर। नींद की गुणवत्ता खराब होने पर आपकी याददाश्त, सोचने-समझने और फैसले लेने की क्षमता में कमी आती है। यह न केवल आपकी पर्सनल लाइफ को प्रभावित करता है, बल्कि वर्कप्लेस पर भी परफॉर्मेंस में गिरावट ला सकता है।
आपका वजन बढ़ सकता है
देर से सोने और नींद की कमी से शरीर में 'ग्लूकागन' और 'इंसुलिन' जैसे हार्मोन का असंतुलन हो सकता है, जिससे वजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, देर रात तक जागने से अधिक खाने की आदत भी बन सकती है, जो वजन बढ़ने का एक और कारण है।
मूड स्विंग्स और डिप्रेशन
देर रात तक जागने और नींद की कमी से मूड स्विंग्स और डिप्रेशन का खतरा बढ़ सकता है। यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो मेंटल हेल्थ पर गंभीर असर डाल सकती है। अध्ययन बताते हैं कि नींद की कमी से डिप्रेशन और चिंता जैसी मानसिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जो जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं।
देर रात तक जागने और आधी रात के बाद सोने की आदत को छोड़ने के लिए, सबसे पहले आपको अपनी नींद को प्राथमिकता देनी होगी। कोशिश करें कि आप रात को 10 बजे से पहले सोने जाएं और सुबह जल्दी उठें। सोने का एक फिक्स शेड्यूल तय करें, ताकि आपका शरीर और दिमाग सही समय पर आराम कर सके।
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