कॉर्पल टनल सिंड्रोम, जानें क्यों होती है यह समस्या, इसके बचाव एवं उपचार
लगातार कंप्यूटर पर बैठे रहकर काम करने से सिर्फ कमर और पीठ ही नहीं हाथों में भी दर्द की समस्या हो सकती है। जानेंगे इसके बारे में बचाव और उपचार की संभाव ...और पढ़ें

आजकल लोगों का ज्यादातर वक्त कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल के कीबोर्ड पर अंगुलियां चलाते हुए व्यतीत होता है, जिससे उनकी कलाई और अंगुलियों में दर्द होने लगा है। आधुनिक लाइफस्टाइल की वजह पैदा होेने वाली इस स्वास्थ्य समस्या को कॉर्पल टनल सिंड्रोम का नाम दिया जाता है।
क्या है मर्ज
लंबे समय तक गैजेट्स पर अंगुलियां चलाने के कारण कलाई के खास हिस्से में सूजन आने लगती है। इससे हथेलियों क मिडियम नर्व पर अधिक दबाव पड़ता है। यही नर्व कलाई और अंगुलियों को जोड़ने का काम करती है। दरअसल शरीर के नर्वस सिस्टम को संचालित करने के लिए स्वभाविक रूप से करंट का संचार होता है। जब उसकी मात्रा पढ़ जाता है तो अंगुलियों में झनझनाहट महसूस होती है। कई बार जब इस करंट का प्रवाह कम हो जाता है तो हाथ सुन्न पड़ जाता है। इसके अलावा एक स्थिति ऐसी भी होती है कि कभी करंट का प्रवाह बहुत तेजी से कभी बिल्कुल धीमा हो जाता है। इससे व्यक्ति के हाथों में कमजोरी आने लगती है।
प्रमुख कारण
नर्व कंडक्शन स्टडी से इस बीमारी की जांच की जाती है। शुरूआती दौर में कलाई की नस के नीचे स्टेरॉयड का इंजेक्शन लगाकर समस्या के लक्षणों को नियंत्रित किया जाता है। ज्यादा दर्द होेने पर कॉर्पल टनल स्लिंग पहनने की सलाह दी जाती है। अगर इससे भी समस्या दूर न हो तो गंभीर स्थिति में कलाई की मामूली सर्जरी करानी पड़ती है, जिसके बाद यह समस्या दूर हो जाती है।
कैसे करें बचाव
1. कंप्यूटर पर माउस चलाते समय कलाई को लंबे समय तक एक ही मुद्रा में न रखें। बीच-बीच में कोहनियों की पोजिशन में भी बदलाव लाएं।
2. की-बोर्ड पर काम करते समय हर आधे घंटे के अंतराल पर एक-दो मिनट के लिए अपनी अंगुलियों को थोड़ा आराम दें।
3. अगर आपके प्रोफेशन में लंबे समय तक मोबाइल पर बात करना जरूरी हो तो उसे हाथ से पकड़ने के बजाय हैंड फ्री प्लग का इस्तेमाल करें और हैंडसेट को अपने सामने टेबल पर रख दें।
4. कंप्यूटर पर काम कते हुए हर दो घंटे के अंतराल पर पांच मिनट के लिए अपने दोनों हाथों की कलाइयों को क्लॉकवाइज और एंटी क्लॉकवाइज घुमाएं।
5. अपना वजन और शुगर लेवल नियंत्रित रखें।
6. रबड़ की सॉफ्ट स्माइली बॉल को हथेलियों में पकड़कर उसे दबाने से भी दर्द दूर होता है।
7. दर्द से प्रभावित हिस्से पर आइसबैग रखें।
8. घड़ी की बेल्ट को कसकर न बांधें।
9. अपने मन से कोई दर्द निवारक दवा न लें।
10. ज्यादा दर्द हो तो कोई भारी सामान न उठाएं।

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