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    Nipah Virus: क्या बुजुर्गों को गंभीर रूप से बीमार कर सकता है निपाह वायरस, जानें इससे कैसा बचा जाए?

    By Ruhee ParvezEdited By: Ruhee Parvez
    Updated: Wed, 20 Sep 2023 12:22 PM (IST)

    Nipah Virus निपाह वायरस का कहर अब भी केरल में बना हुआ है। इस संक्रमण की चपेट में आने पर लोगों को फ्लू जैसे लक्षणों का अनुभव होता है। जिसमें तेज बुखार सिर दर्द मांसपेशियों में दर्द उल्टी और गले में खराश जैसे लक्षण परेशान करते हैं। गंभीर मामलों में यह बीमारी दिमाग में सूजन का कारण भी बन सकती है।

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    Nipah Virus: निपाह वायरस से बच्चों और बुजुर्गों को कैसे बचाएं?

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Nipah Virus: निपाह वायरस एक बेहद दुर्लभ लेकिन खतरनाक बीमारी है, जिसमें मौत की दर काफी ज्यादा है। भारत में केरल के तटीय और भारत-बांग्लादेश क्षेत्र प्रभावित हो चुका है। निपाह वायरस भी एक ज़ूनॉटिक बीमारी है, क्योंकि यह चमगादड़ों से मनुष्यों और फार्म के जानवरों खासकर सुअरों में फैलती है। इस वक्त केरल में इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जो चिंता का कारण भी बना हुआ है। तो आइए जानें इस जानलेवा बीमारी से जुड़ी जरूरी है। 

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    क्या हैं Nipah Virus के लक्षण?

    • तेज बुखार
    • सिर दर्द
    • चक्कर आना
    • सिर घूमना
    • सांस लेने में दिक्कत आना

    शरीर के किन अंगों को अटैक करता है यह वायरस?

    निपाह वायरस प्रमुख रूप से फेफड़ों और दिमाग को प्रभावित करता है। इससे संक्रमित होने पर खांसी और गले में खराश हो सकती है। यहां तक कि इसमें मरीज सांस का तेजी से चलना, बुखार और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण जैसे मितली और उल्टी से भी जूंझ सकता है। गंभीर मामलों में इससे एन्सेफलाइटिस (Encephalitis) यानी मस्तिष्क में सूजन आ सकती है, जिससे कुछ समझ न आना (confusion) या दौरे भी पड़ सकते हैं। दिमाग मेंसूजन आने से मरीज कोमा में जा सकता है या उसकी मौत भी हो सकती है।

    क्या बुजुर्गों में बढ़ जाता है निपाह वायरस का खतरा?

    कोई भी उम्र ऐसी नहीं है जो इस बीमारी से बचाव कर सके। जो भी निपाह वायरस के संपर्क में आएगी, उसमें संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाएगी। यानी निपाह किसी भी उम्र के इंसान को अपना शिकार बना सकता है, लेकिन उम्रदराज लोग और छोटे बच्चे इस बीमारी की चपेट में आसानी से आ सकते हैं। वजह है उनका कमजोर या अपरिपक्व इम्यून सिस्टम, जो उनके शरीर को इस बीमारी से सुरक्षित नहीं रख पाता।

    निपाह वायरस की न वैक्सीन और न इलाज

    निपाह वायरस के लिए न तो कोई वैक्सीन है और न ही इसका कोई इलाज है। दवाओं से सिर्फ इसके लक्षणों को कम करने की कोशिश की जाती है। इसलिए इस वायरस से बचाव ही एक मात्र तरीका है

    निपाह वायरस से कैसे बचा जा सकता है?

    • N95 मास्क का उपयोग करें, ताकि आप वायरस से बचे रहें।
    • दिन में कई बार हाथों को धोएं, खासतौर पर बाहर से आने के बाद, किसी दूषित सतह को छूने के बाद आदि।
    • हम सभी को बीमार लोगों या फिर जानवरों के संपर्क में आने से बचना चाहिए, खासकर के बच्चों और बुजुर्गों को उनके नजदीक जानें से बचाएं।
    • संक्रमित व्यक्ति का खाना, कपड़ों या जिस भी चीज का वे इस्तेमाल कर रहे हैं,उसको छूने से बचें क्योंकि इससे भी आप संक्रमित हो सकते हैं। 
    • कच्चे खजूर का रस पीने से बचें क्योंकि यह चमगादड़ की लार से दूषित हो सकता है।
    • पेड़ के पास नीचे गिरे फलों को न उठाएं या खाएं। इनसे भी निपाह वायरस का खतरा बढ़ता है।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik

    अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

    एक्सपर्ट्स का कहना है कि वायरस के साथ कुछ भी कहना मुश्किल है, हालांकि, इसके भारत से बाहर जाकर फैलने की संभावना काफी कम है। भारत में प्रकोप के बीच इसका प्रसार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीमित रूप से हुआ है।

    यह वायरस गंभीर लक्षणों का कारण बन सकता है, जिसमें कंफ्यूजन, सिर चकराना, दौरे पड़ना या दिमाग में सूजन होना शामिल है। जो 24 से 48 घंटों में कोमा में तबदील हो सकता है। इस बीमारी में मौत की दर 40 से 75 प्रतिशत है।

    इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिर दर्द, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ, उल्टी होना, दस्त, मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी शामिल है। डॉक्टर्स भी चेतावनी देते हुए बता रहे हैं कि यह लक्षण तेजी से गंभीर रूप ले सकते हैं। इसलिए शुरुआती लक्षणों के दिखते ही डॉक्टर्स से संपर्क कर लें।