क्या हेल्मेट और रेनकोट से भी मिल सकती है कोरोना से सुरक्षा?
Can helmet and raincoat also provide protection from corona? कोरोना का इलाज करने वाले डॉक्टरों की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम होना जरुरी ताकि इस जंग को जीता जा सके।
नई दिल्ली,लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना के खिलाफ जंग लड़ना डॉक्टरों के बिना मुमकिन नहीं हैं। कोरोना के मरीजों की संख्या दिनों-दिन बढ़ रही है, ऐसे में डॉक्टरों के लिए कोरोना के मरीजों का इलाज करना बेहद चुनौतीभरा है। कोरोना इस कदर तेजी से दुनिया में विस्फोटक हो गया है कि उससे बचने के लिए डॉक्टरों के पास भी संसाधन कम पड़ रहे हैं।
रोगी के शरीर से किसी तरह का सीधा संपर्क नहीं हो, इसके लिए डॉक्टर को अपने पूरे शरीर पर प्लास्टिक का हैजमैट सूट पहनना पड़ता है। इसके अलावा उन्हें मुंह को पूरी तरह ढकने के लिए खास तरह के हेडगियर की जरूरत होती है। इतना ही नहीं डॉक्टरों को इलाज करने के लिए विशेष किस्म के मास्क और गिलप्स की भी जरूरत पड़ती है।
लेकिन अपने देश में इसका बहुत अभाव है। कोविड-19 के सीधे संपर्क में आने वाले डॉक्टरों को एन-95 मास्क, चेस्ट कवर दिए जा रहे हैं, जो उनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीं है। आपको हैरानी होगी कि कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर इस संक्रामक बीमारी से अपना बचाव करने के लिए हेल्मेट और रेनकोट का इस्तेमाल भी जरूरत पड़ने पर कर रहे हैं।
देश में कोरोना से पीड़ित मरीजों की संख्या 1,251 हो गई है, जबकि मरने वालों की संख्या 32 हो गई है। ऐसे में जब हर दिन कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है तो डॉक्टरों की सुरक्षा बड़ा सवाल बन गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉक्टरों की सुरक्षा के सभी इक्विपमेंट दक्षिण कोरिया और चीन से खरीदने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि इस आपात स्थति से निबटने के लिए जल्द ही समाधान ढ़ूंढा जाएगा।
कोलकाता के बेलियाघाटा संक्रामक रोग अस्पताल में जूनियर डॉक्टर जो कोरोना का इलाज कर रहे हैं उन्होंने मीडिया को बताया कि पिछले सप्ताह उन्हें कोरोना से पीड़ित मरीजों का इलाज करने के लिए रेनकोट दिया गया था।
Written By Shahina Noor
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