Broken Heart Syndrome से पुरुषों को ज्यादा खतरा, यहां जानें कैसे होते हैं इसके लक्षण
क्या दिल टूटने की वजह से भी किसी की मौत हो सकती है? एक ताजा स्टडी तो ऐसा ही कुछ कहती है। ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम जो किसी इमोशनल या फिजिकल स्ट्रेस के कारण हो सकता है से पुरुषों की जान जाने का खतरा महिलाओं की तुलना में दोगुना है। आइए जानते हैं इसके लक्षण कैसे होते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आप जानते हैं दिल टूटना सिर्फ एक कहावत नहीं है, बल्कि यह सचमुच एक मेडिकल कंडिशन है। इसे ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम (Broken Heart Syndrome) या ताकोसुबो कार्डियोमायोपैथी कहा जाता है। इससे जुड़ी एक हाल ही में एक स्टडी भी सामने आई है, जिसके मुताबिक पुरुषों में ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के कारण मौत की दर महिलाओं की तुलना में दोगुना ज्यादा है।
इस सिंड्रोम से 2016 से 2020 में डायग्नोस हुए अमेरिका के 2 लाख मरीजों पर हुई स्टडी में पाया गया कि इस सिंड्रोम के कारण पुरुषों में 11.2% मृत्यु दर थी, तो वहीं तुलना में महिलाओं में सिर्फ 5.5%। आइए जानते हैं कि आखिर यह सिंड्रोम होता क्या है और इसके लक्षण (Broken Heart Syndrome Symptoms) कैसे होते हैं।
क्या होता है ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम? (What is Broken Heart Syndrome)
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम एक शॉर्ट टर्म कंडिशन है, जिसमें दिल की मांसपेशियां तेजी से कमजोर होने लगती है। यह आमतौर पर किसी इमोशनल या फिजिकल स्ट्रेस के बाद होता है। इस कंडिशन में दिल का कुछ हिस्सा ठीक से काम नहीं कर पाता और कुछ हिस्सों ठीक से फंक्शन करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।
इस कंडिशन के कारण दिल की ब्लड सप्लाई और ब्लड पंप करने की क्षमता कम हो जाती है। इसकी वजह से सेल्स तक सही मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचाना मुश्किल हो जाता है और पूरा शरीर प्रभावित होने लगता है।
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ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के लक्षण कैसे होते हैं? (Symptoms of Broken Heart Syndrome)
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के लक्षण किसी इमोशनल या फिजिकल स्ट्रेस के कुछ मिनटों बाद से लेकर घंटों तक महसूस हो सकते हैं। स्ट्रेस के कारण शरीर में कुछ हार्मोन्स रिलीज होते हैं, जो दिल की मांसपेशियों को कुछ समय के लिए कमजोर कर देते हैं। इसके कारण ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के कुछ लक्षण हार्ट अटैक जैसे भी महसूस हो सकते हैं।इसके लक्षण ऐसे नजर आ सकते हैं-
- सीने में अचानक से तेज दर्द
- दिल के लेफ्ट वेंट्रिकल का कमजोर होना
- अनियमित धड़कनें
- सांस फूलना
- ब्लड प्रेशर कम होना
- हार्ट पाल्पिटेशन
- बेहोश होना
कैसे कर सकते हैं इसे मैनेज?
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम को मैनेज करने का कोई तरीका नहीं है, लेकिन कुछ स्ट्रेस मैनेजमेंट तरीकों से फिजिकल और इमोशनल स्ट्रेस को कम किया जा सकता है। स्ट्रेस मैनेज करने के लिए इन तरीकों की मदद ले सकते हैं-
- रोज कुछ देर एक्सरसाइज करें
- डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें
- माइंडफुलनेस प्रैक्टिस करें
- मेडिटेशन करें
- सपोर्ट ग्रुप जॉइन कर सकते हैं
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Source:
Cleveland Clinic: https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/17857-broken-heart-syndrome
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