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    Breastfeeding Week: महिलाओं के स्तन में गांठ की हो सकती हैं कई वजह, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

    By Harshita SaxenaEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Fri, 04 Aug 2023 03:55 PM (IST)

    Breastfeeding Week ब्रेस्टफीडिंग बच्चे के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यही वजह है कि खुद डॉक्टर्स भी हर मां को अपने बच्चे को स्तनपान कराने की सलाह देते हैं। यह सिर्फ बच्चे ही नहीं मां के लिए भी गुणकारी होता है। हालांकि इस दौरान महिलाओं को कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। स्तनपान करा रहीं कई महिलाओं को स्तन में गांठ की समस्या हो सकती है।

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    महिलाओं में स्तन में होने वाली गांठों की वजह

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Breastfeeding Week: स्तनपान मातृत्व का एक सुंदर और जरूरी पहलू है। इससे बच्चे और मां दोनों को कई फायदे मिलते हैं। ब्रेस्टफीडिंग की इसी अहमियत को समझाने के लिए हर साल एक अगस्त से 7 अगस्त तक ब्रेस्टफीडिंग वीक मनाया जाता है। ब्रेस्टफीड मां और बच्चे दोनों के लिए भी काफी जरूरी होती है, लेकिन यह अपने साथ कई सारी चुनौतियां और समस्याएं भी लेकर आती हैं। इन्हीं समस्याओं में से एक है स्तन में गांठ का विकास। स्तन में होने वाली ये गांठें खतरनाक हो सकती हैं।

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    गौर करने वाली बात यह है कि इन गांठों में से अधिकतर गैर-कैंसरयुक्त होती हैं और वे अक्सर अपने आप ठीक हो जाती हैं। ब्रेस्टफीडिंग वीक के मौक पर हमने स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्तन में गांठ के कुछ प्रमुख कारणों के बारे में जानने के लिए हमने मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर, वैशाली की डॉ. राजिंदर कौर सग्गू से बातचीत की। डॉक्टर ने ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं के स्तन में गांठ की निम्न

    मिल्क डक्ट में रुकावट

    ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं के स्तन में गांठ का एक मुख्य कारण मिल्क डक्ट यानी दूध नली में रुकावट है। जब स्तनों से दूध पर्याप्त रूप से नहीं निकल पाता है, तो इससे दूध नलिकाओं में रुकावट हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप एक गांठ बन जाती है, जो छूने पर दर्दनाक हो सकती है। प्रभावित क्षेत्र की मालिश करने और उचित स्तनपान तकनीक सुनिश्चित करने से मिल्क डक्ट की रुकावट को दूर करने में मदद मिल सकती है।

    मास्टिटिस

    मास्टिटिस एक सामान्य स्थिति है, जो बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण स्तन के टिशूज में सूजन का कारण बनती है। यह संक्रमण आम तौर पर तब होता है जब बैक्टीरिया फटे हुए निपल्स या अन्य छिद्रों के माध्यम से स्तन में प्रवेश करते हैं। दर्दनाक गांठ के अलावा, मास्टिटिस के लक्षणों में रेडनेस, गर्मी और बुखार शामिल हो सकते हैं। तुरंत चिकित्सा सहायता लेने और स्तनपान जारी रखने से मास्टिटिस के इलाज में मदद मिल सकती है।

    गैलेक्टोसेलिस

    गैलेक्टोसेले सिस्टिक संरचनाएं हैं, जो स्तन में दूध जमा होने पर बनती हैं, जिससे दर्द रहित, मुलायम गांठ बन जाती है। ये गांठें आमतौर पर नुकसानदेय होती हैं और अपने आप ठीक हो सकती हैं। कुछ मामलों में, यदि सिस्ट आकार में बढ़ जाती है, असहज हो जाती है या स्तनपान में बाधा डालती है, तो उचित इलाज की मदद से सिस्ट बाहर निकाल सकता है।

    फाइब्रोसिस्टिक बदलाव

    स्तनपान के दौरान ब्रेस्ट के टिशूज में अक्सर हार्मोनल उतार-चढ़ाव होता है, जिससे फ़ाइब्रोसिस्टिक परिवर्तन होते हैं। इसके परिणामस्वरूप स्तन में कई, छोटी और कभी-कभी दर्दनाक गांठें विकसित हो सकती हैं। ये गांठें आम तौर पर हानिकारक नहीं होती हैं, लेकिन अगर यह ज्यादा परेशान कर रही हैं, तो किसी विशेषज्ञ या डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है।

    स्तन में फोड़ा

    कुछ दुर्लभ मामलों में, स्तनपान कराने वाली माताओं में स्तन में फोड़ा हो सकता है। इसकी वजह से ब्रेस्ट के टिशूज के अंदर पस जमा हो सकता है, जो आमतौर पर अनट्रीटेड इन्फेक्शन के कारण होता है। ऐसे में जटिलताओं को रोकने के लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अल्ट्रासाउंड की मदद से पस बाहर निकाल सकते हैं।

    स्तन कैंसर

    ब्रेस्टफीडिंग करा रही महिलाओं के स्तन की गांठ एक बड़ी वजह स्तन कैंसर भी हो सकती है। ऐसे में आपके ब्रेस्ट में होने वाले किसी भी बदलाव के बारे में सतर्क रहना बेहद जरूरी है। साथ ही इन बदलावों के बारे में डॉक्टर्स से सही सलाह लेनी भी जरूरी है।

    Picture Courtesy: Freepik