Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Blood Donation Myths: खून देने से घबराते हैं? तो जानें इन 6 मिथकों की सच्चाई और बेफिक्र होकर करें रक्तदान

    By Ruhee ParvezEdited By:
    Updated: Wed, 15 Jun 2022 09:22 AM (IST)

    Blood Donation Myths रोज़ ऐसे हज़ारों लोग होते हैं जिन्हें रक्तदान की ज़रूरत पड़ती है। ऐसे में हम सभी का फर्ज़ है कि समय-समय पर रक्तदान करें। एक व्यक्ति रक्तदान कर तीन लोगों की जान बचा सकता है।

    Hero Image
    Blood Donation Myths: जानें रक्तदान के मिथकों की सच्चाई और करें रक्तदान

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Blood Donation Myths: रक्तदान करना एक ऐसा भाव है, जिससे आप  कई लोगों की जान बचा सकते हैं। हर साल हज़ारों लोग खून न मिलने से अपनी जान गंवा देते हैं। यही वजह है कि हर साल विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित और जागरुक किया जा सके। हालांकि, दशकों के शोध और जन जागरूकता अभियानों के बावजूद, इसे लेकर आज भी कई तरह के मिथक सुनने में आते हैं। लोग आज भी रक्तदान से डरते हैं, उनका मानना है कि इससे उनकी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जो बिल्कुल भी सच नहीं है। तो आइए जानें रक्तदान से जुड़े ऐसे मिथकों का सच। 

    तो आइए जाने रक्तदान से जुड़े 6 मिथकों का सच:

    1. मिथक: रक्तदान से इम्यून सिस्टम कमज़ोर होता है।

    फैक्ट: आप जैसे ही रक्तदान करते हैं, आपका शरीर खोया हुआ खून बनाने में लग जाता है। प्रतिरक्षा प्रणाली की योद्धा सफेद रक्त कोशिकाओं को सामान्य स्तर पर आने में कुछ सप्ताह लग सकते हैं। हालांकि, आम स्वस्थ रक्तदाता में कभी भी रक्तदान के बाद कोई दिक्कत नहीं होती है।

    2. मिथक: रक्तदान करने में काफी समय लगता है?

    फैक्ट: रक्तदान करने से पहले आपको रजिस्ट्रेशन कराना होता है, फिर स्क्रीनिंग और मेडिकल एक्सामिनेशन होता है। उसके बाद आप रक्तदान करते हैं। इस पूरे प्रोसेस में करीब एक घंटा लग जाता है, लेकिन ब्लड देने में सिर्फ 10 मिनट का समय लगता है।

    3. मिथक: महिलाएं रक्तदान नहीं कर सकतीं।

    फैक्ट: सच्चाई यह है कि कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। अगर हीमोग्लोबिन का स्तर नीचे है या फिर एनेमिक हैं, तभी रक्तदान की सलाह नहीं दी जाती। और यह बात पुरुषों पर भी लागू होती है। डोनर के हीमोग्लोबिन का स्तर कम से कम 12.5 होना चाहिए। अगर इससे कम है, तो उसे रक्तदान की अनुमति नहीं मिलती

    4. मिथक: रक्तदान से शरीर में खून की कमी हो जाती है।

    फैक्ट: रक्तदान करते वक्त आपक शरीर से 400 एमएल खून लिया जाता है, जो आपके शरीर में मौजूद रक्त का 10 प्रतिशत भी नहीं है। रक्तदान करते वक्त आप जितना खून दे देते हैं, उतना ही खून आपका शरीर फिर से बना लेता है। अगर आप ज़्यादा तरल पदार्थ लेते हैं, तो आपका शरीर 48 घंटे में अतिरिक्त रक्त बना लेगा।

    5. मिथक: अगर आप डायबिटीज़ के मरीज़ हैं, तो आप रक्तदान नहीं कर सकते!

    फैक्ट: आप सिर्फ तभी रक्तदान नहीं कर सकते जब आप रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन ले रहे हों। लाइफस्टाइल में बदलाव और ओरल मेडिसिन की मदद से अगर आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में है, तो आप ब्लड डोनेट कर सकते हैं।

    6. मिथक: हाई ब्लड प्रेशर के मरीज़ रक्तदान नहीं कर सकते!

    फैक्ट: 140 मिमी सिस्टोलिक और 90 मिमी डायस्टोलिक के बीच रक्तचाप वाले लोग बहुत आसानी से रक्तदान कर सकते हैं। एंटी-हाइपरटेंसिव दवाएं आपको रक्तदान से नहीं रोकतीं।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।