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    Arthritis Diet: गठिया के मरीज़ हैं, तो राजमा, मशरूम और चीकू से बनाएं दूरी, इन चीज़ों को करें शामिल

    By Ruhee ParvezEdited By:
    Updated: Tue, 08 Jun 2021 05:00 PM (IST)

    Arthritis Diet पुरुषों की तुलना में गठिया का जोखिम महिलाओं में ज़्यादा होता है। मोटापा भी इसके पीछे का कारण हो सकता है क्योंकि शरीर के जोड़ ज़्यादा वज़न सहन नहीं कर पाते और जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या होने लगती है।

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    गठिया के मरीज़ हैं, तो राजमा, मशरूम और चीकू से बनाएं दूरी, इन चीज़ों को करें शामिल

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। जोड़ो में दर्द और सूजन की समस्या का कारण आमतौर पर गठिया होता है। गठिया एक ऐसा रोग है, जो आमतौर पर बुजुर्गों में अधिक देखा जाता है, लेकिन यह जवान लोगों में भी हो सकता है। पुरुषों की तुलना में गठिया का जोखिम महिलाओं में ज़्यादा होता है। मोटापा भी इसके पीछे का कारण हो सकता है, क्योंकि शरीर के जोड़ ज़्यादा वज़न सहन नहीं कर पाते और जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या होने लगती है।

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    इसके पीछे दूसरा कारण शरीर में यूरिक एसिड की समस्या होना भी है। ख़राब लाइफस्टाइल के कारण लोगों को यूरिक एसिड की समस्या होना आम बात हो गई है। असल में, ज़्यादा प्यूरिन का सेवन करने से ब्लड में यूरिक एसिड बनता है। यूरिक एसिड ब्लड में ज्यादा हो जाए, तो इसे हाइपरयूरीसिमिया कहते हैं। इससे गाउट नामक बीमारी हो सकती है, जो जोड़ों में दर्द का कारण बनती है। गाउट, गठिया का ही जटिल रूप है।

    कैसे बढ़ता है यूरिक ऐसिड?

    यूरिक एसिड हामरी रक्त में पाया जाता है और ये वेस्ट प्रोडक्ट होता है। यह तब बनता है, जब शरीर प्यूरीन नाम के केमिकल्स को तोड़ता है। रेड मीट, राजमा, भिंडी और अरबी जैसी चीज़ों में प्यूरीन होता है और इसके सेवन से यूरिक एसिड बढ़ता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, जब किडनी की किसी वजह से फिल्टर करने की क्षमता धीमी पड़ जाती है, तब यूरिया यूरिक एसिड में बदल जाता है और गाउट का रूप ले लेता है। जिसके कारण जोड़ों में दर्द और सूजन आने लगती है।

    गठिया के मरीज़ को इन चीज़ों से बनानी चाहिए दूरी

    गठिया से पीड़ित लोगों को खाने में राजमा, चना, छोले, मसूर की दाल, सब्ज़ियों में मशरूम, मटर, बैंगन, फूलगोभी, बीन्स, फलों में शरीफा और चीकू खाने से बचना चाहिए या बेहद कम मात्रा में खाना चाहिए। साथ ही शराब से दूर रहना चाहिए। इसके अलावा कॉड फिश, ट्राउट, हैरिंग जैसे सी-फूड में भी प्यूरीन के मात्रा ज़्यादा होती है।

    ​वहीं, अगर आप गाउट के मरीज़ हैं, तो जितना संभव हो सके नमक की मात्रा कम रखें। टमाटर, नींबू का रस, दही, सिरका, कोकम, अमचूर और काली मिर्च पाउडर जैसी चीजों का उपयोग कम से कम करें। गाउट रोगी को खाने में ऊपर से एक्स्ट्रा नमक डालने से बचना चाहिए।

    ​क्या खाना चाहिए?

    शोध में यह पता चला है कि कैलोरी की संख्या, वज़न और प्यूरीन वाली चीज़ों का सेवन कम करने से गाउट की समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकता है। गाउट के मरीज़ अपने खाने में दही, बिना मलाई का दूध, ताज़े फल और सब्ज़ियां, मेवे, पीनट बटर, फैट्स, तेल, आलू, चावल शामिल कर सकते हैं। अंडे और मांस जैसे मछली, चिकन और लाल मांस खाते हैं, तो इन्हें कम मात्रा में ही लें।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। सिर्फ डाइट की मदद से ब्लड में यूरिक एसिड की मात्रा को कम नहीं किया जा सकता। इसके लिए आपको डॉक्टर का इलाज लेना ही पड़ेगा, लेकिन एक डिसिप्लिन डाइट लक्षणों को कम करने और उनकी गंभीरता को सीमित करने में मदद कर सकती है। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।