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    All About Influenza H3N2: गर्भवती महिलाएं, बच्चों और बुजुर्गों में दिखे ये लक्षण तो हो जाएं सावधान

    By Ritu ShawEdited By: Ritu Shaw
    Updated: Sun, 12 Mar 2023 02:29 PM (IST)

    All About Influenza H3N2 H3N2 इन्फ्लुएंजा ए वायरस का एक उपप्रकार है जो मुख्य रूप से मनुष्यों को प्रभावित करता है। चलिए जानते हैं इस वायरस के क्या-क्या लक्षण हैं और किन लोगों को इससे सबसे ज्यादा खतरा है।

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    All About Influenza H3N2: गर्भवती महिलाएं, बच्चों और बुजुर्गों में दिखे ये लक्षण तो हो जाएं सावधान

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। All About Influenza H3N2: भारत में H3N2 इन्फ्लूएंजा के मामलों में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है। वायरस लगातार खांसी और सांस की लक्षणों सहित कई अन्य दिक्कते भी लेकर आ रहा है। लोगों में फ्लू के लक्षणों के अलावा कुछ और प्रमुख कारण भी देखने को मिल रहे हैं, जैसे कि गर्म मौसम में तेजी से अत्यधिक ठंड लगना।

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    इसी के साथ मनुष्यों के अलावा ये वायरस पक्षियों और मैमल्स को भी संक्रमित कर सकता है। WHO के अनुसार, H3N2 इन्फ्लुएंजा ए वायरस का एक उपप्रकार है जो मुख्य रूप से मनुष्यों को प्रभावित करता है। चलिए जानते हैं इस वायरस के क्या-क्या लक्षण हैं और किन लोगों को इससे सबसे ज्यादा खतरा है।

    होली के बाद कई लोग फ्लू जैसे लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं। चलिए जानते हैं H3N2 के लक्षणों के बारे में, जो आपको संकेत दे रहे हैं कि अब आपको चिकित्सीय हस्तक्षेप की जरूरत है।

    H3N2 इन्फ्लूएंजा के लक्षण-

    खांसी

    बुखार

    ठंड लगना

    जी मिचलाना

    उल्टी करना

    गले में खराश/गले में दर्द

    दस्त

    बहती नाक

    छींक आना

    गंभीर मामलों में, संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द/बेचैनी, खाना निगलने में कठिनाई और लगातार बुखार का अनुभव हो सकता है। अगर आप, आपके परिवार में या आस-पास कोई इन लक्षणों का अनुभव कर रहा है, तो तुरंत चिकित्सीय सहायता लें। ये लक्षण पांच से सात दिनों तक बने रहते हैं।

    यह कैसे फैलता है?

    H3N2 इन्फ्लुएंजा एक संक्रामक है, जो खांसी या छींक की बूंदों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से संचारित हो सकता है। इस वायरस से गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, बुजुर्ग वयस्कों और या फिर पहले से किसी चिकित्सा समस्याओं से जूझ रहे व्यक्तियों को संभलकर रहने की जरूरत है। IMA इंडियन मेडिकल असोसिएशन की मानें तो इस वायरस की चपेट में आने वाले ज्यादातर लोगों की उम्र या तो 15 साल से कम है या फिर 50 साल से ज्यादा। इसके अलावा जिन लोगों को डायबिटीज, बीपी, अस्थमा, हार्ट प्रॉब्लम, वीक इम्यून और न्यूरोलॉजिकल संबंधी समस्या है उनके लिए भी यह खतरे की घंटी है।

    डॉक्टर के पास कब जाएं-

    दो हफ्तों से अधिक समय तक खांसी रहने पर डॉक्टर के पास जाएं।

    ऑक्सीजन लेवल 93 से कम होने पर डॉक्टर के पास जाएं।

    सांस लेने में लगातार तकलीफ हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।

    बच्चों में इन लक्षणों पर ध्यान दें-

    तेज बुखार

    पेट दर्द और लूज मोशन

    लंबे समय तक कफ का बनना

    खांसी जुखाम

    लगातार उल्टी

    बुजुर्गों में इन लक्षणों पर ध्यान दें-

    ज्यादा समय तक कफ का होना

    छाती में दबाव

    2 दिन से ज्यादा सर्दी खांसी

    हर वक्त थकान महसूस करना

    पेट में भारीपन और लूज मोशन

    प्रेग्नेंट लेडीज इन लक्षणों पर ध्यान दें-

    प्रेग्नेंसी के दौरान काफी कॉम्प्लीकेशन्स होती है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को इन अगर ये लक्षणों दिखे तो उन्हें तुरंत सावधानी बरतने की जरूरत है।

    तीन दिन से ज्यादा बुखार

    इम्युनिटी कम

    ब्रोंकाइटिस के लक्षण

    खांसी जुकाम

    ऐसे लक्षणों के दिखते ही आपको तुरंक गाइनोकॉलोजिस्ट से तुरंत संपर्क करना चाहिए। कोशिश करें कि बाहर का खाना बिल्कुल ना खाएं और बच्चे के मूवमेंट पर नजर रखें। इसके अलावा बाहरी लोगों के संपर्क से बचें और बराबर मास्क और हैंड सेनिटाइजर का उपयोग करें।

    पहले से गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं तो इन लक्षणों पर ध्यान दें-

    -सीने में दर्द

    -बुखार

    -गले में खराश

    -सांस में दिक्कत

    -कान में भारीपन

    ऐसे लक्षण दिखने पर आपको तुरंत अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए। ऐसे में घरवालों को ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता होती है। ऑक्सीजन लेवल की जांच करते रहें, साथ ही इंफ्लूएंजा H3N2 के अलावा पुरानी बीमारी को भी मॉनिटर करते रहें।

    इन्फ्लुएंजा A H3N2 से बचाव-

    फिल्हाल इस संक्रमण के लिए कोई निश्चित उपचार नहीं है। हालांकि, इससे बचाव के लिए आपको मास्क का उपयोग करना चाहिए।

    -खुद को हाईड्रेटेड रखें।

    -खांसी या छींक आने पर मुंह को ढकें।

    -बार-बार अपने नाक और आंखों को छूने से बचें।

    -नमक और गुनगुने पानी का गरारा करें।

    -भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें।

    -इसके अलावा बुखार और बदन दर्द होने पर डॉक्टर की सलाह से पैरासीटामॉल लें, लेकिन एंटीबायोटिक लेने से बचें।

    -इसके अलावा अन्य समस्या होने पर या कोई भी दवा का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें।

    Disclaimer: लेख में दिए गए सुझाव और टिप्स सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी तरह के सवाल या परेशानी हो तो फौरन अपने डॉक्टर से सलाह करें।