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    Air Pollution: वायु प्रदूषण बिगाड़ सकता है आपकी रिप्रोडक्टिव हेल्थ, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

    प्रदूषण का बढ़ता स्तर हमारी सेहत के लिए काफी हानिकारक है।प्रदूषण की वजह से हमारी उम्र घटती जा रही है। प्रदूषण के कारण हमारे कई बॉडी पार्ट्स पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है जिनमें फेफड़ें दिल त्वचा बाल रिप्रोडक्टिव सिस्टम आदि शामिल हैं। एक्सपर्ट से जानें कि प्रदूषण की वजह से महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर क्या असर हो सकते हैं।

    By Swati SharmaEdited By: Swati SharmaUpdated: Fri, 17 Nov 2023 04:04 PM (IST)
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    वायु प्रदूषण भी बन सकता है मिसकैरेज की वजह

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Air Pollution: वायु प्रदूषण का स्तर दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। AQI का स्तर बढ़ने की वजह से हवा की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। बढ़ते प्रदूषण की वजह से हमें कई स्वास्थय संबंधी परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। प्रदूषण की मुख्य वजह PM 2.5 है। ये आकार में इतने छोटे होते हैं कि ये आपकी सांस के जरिए आपके ब्लड में मिलकर शरीर के किसी भी हिस्से में पहुंच सकते हैं।

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    प्रदूषण का प्रभाव सिर्फ फेफड़ों पर नहीं बल्कि आपके शरीर के अन्य हिस्सों पर भी पड़ सकता है, जिसमें आपकी रिप्रोडक्टिव हेल्थ भी शामिल है। प्रदूषण का आपकी रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर क्या प्रभाव पड़ सकता है, यह जानने के लिए हमने मैक्स हॉस्पिटल, गुरूग्राम की गायनोलॉजिस्ट और ऑरा स्पेशिएलिटी क्लीनिक, गुरूग्राम की फाउंडर डॉ. रितु सेठी से बात की। आइए जानते हैं इस बारे में उनका क्या कहना है।

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    डॉ. सेठी ने बताया कि बढ़ता प्रदूषण कई रिप्रोडक्टिव समस्याओं का कारण बन सकता है। एक स्टडी में पाया गया है कि प्रदूषक तत्व जैसे PM 2.5 और जहरीले केमिकल्स के संपर्क में आने से महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इन प्रदूषक तत्वों के संपर्क में लंबे समय तक रहने की वजह से अनियमित पीरियड्स, इन्फर्टिलिटी यानी कंसीव करने में दिक्कत होना, मिसकैरेज का खतरा बढ़ने, जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।इसके अलावा, प्रदूषण की वजह से हार्मोनल इम्बैलेंस भी हो सकता है, जिस वजह से पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) और एंडोमेट्रिओसिस का जोखिम बढ़ जाता है।

    प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए प्रदूषण और भी खतरनाक होता है क्योंकि इससे मिसकैरेज के साथ-साथ प्रिटर्म बर्थ यानी 37 हफ्ते से पहले बच्चे का जन्म होना और लो बर्थ वेट, बच्चे का वजन कम होने का जोखिम रहता है। ये दोनों स्थितियां ही बच्चे की सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकती हैं।वायु प्रदूषण की वजह से महिलाओं के रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर पड़ने वाले गहरे और नकरात्मक प्रभाव, इस बात की ओर संकेत करते हैं कि साफ हवा हेल्दी जीवन के लिए बहुत आवश्यक है। प्रदूषण कम करना न केवल हमारे पर्यावरण के लिए बल्कि महिलाओं के रिप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए भी लाभदायक है।

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    Picture Courtesy: Freepik