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    Adenovirus: कोलकाता में छोटे बच्चों को शिकार बना रहा है एडेनोवायरस, जानें कैसे हैं इसके लक्षण

    By Ruhee ParvezEdited By: Ruhee Parvez
    Updated: Fri, 24 Feb 2023 11:14 AM (IST)

    Adenovirus कोरोना वायरस और डेंगू के बाद अब एडेनोवायरस कहर बरपा रहा है। पश्चिम बंगाल में 13 साल से कम उम्र के बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं। तो आइए जानें इस संक्रमण के लक्षण और बचाव के तरीके क्या हैं?

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    Adenovirus: जानें क्या है एडेनोवायरस जो कोलकाता में छोटे बच्चों को बना रहा शिकार

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Adenovirus: कोरोना वायरस महामारी के बाद जब सभी लोग धीरे-धीरे अपनी नॉर्मल जिंदगी की ओर बढ़ रहे थे, तभी एक और जानलेवा वायरस ने दस्तक दे दी। पश्चिमी बंगाल में यह वायरस तेजी से पैर पसार रहा है। एडेनोवायरस एक ऐसा इन्फेक्शन है, जो कोलकाता में छोटे बच्चों में श्वसन से जुड़ा संक्रमण पैदा कर रहा है। अभी तक इस वायरस ने 5 साल से कम उम्र के कई बच्चों को संक्रमित कर दिया है।

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    कोविड महामारी ने हमें सिखाया है कि किसी भी वायरस को कम नहीं समझना चाहिए। वायरस म्यूटेट हो सकते हैं और पहले से ज्यादा ताकतवर बनकर उभर सकते हैं। इन से सुरक्षित रहना का एक ही मंत्र है और वह है वायरस और उसके लक्षणों को समझना और उससे बचाव के तरीकों को अपनाना।

    हवा से भी फैल सकता है एडेनोवायरस

    अमेरिका के CDC के मुताबिक, एडेनोवायरस इन्फेक्शन एक हल्के फ्लू की तरह का है, जो खासतौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को संक्रमित करता है। एडेनोवायरस एक जानलेवा इन्फेक्शन है, जो एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है। यह आमतौर पर हाथ मिलाने या फिर छूने जैसे शारीरिक संपर्क में आने से फैलता है। साथ ही अगर व्यक्ति किसी संक्रमित रोगी की खांसी या छींक से निकलने वाली बूंदों के संपर्क में आ जाए, तो भी वह संक्रमित हो सकता है। जिसका मतलब यह भी हुआ कि यह वायरस हवा में फैल सकता है।

    Adenovirus: क्या है एडेनोवायरस?

    कोलकाता में एडेनोवायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में हम सभी के लिए यह जानना जरूरी है कि यह वायरल इन्फेक्शन आखिर है क्या। एडेनोवायरस आमतौर पर मध्यम आकार के और अविकसित वायरस होते हैं, जिनमें कई तरह के संक्रमण पैदा करने की क्षमता होती है, जो ज्यादातर सामान्य सर्दी या फ्लू जैसे होते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें, तो इस वक्त 50 से ज्यादा प्रकार के एडेनोवायरस इस वक्त मौजूद हैं। यह सभी मनुष्यों को संक्रमित करने की क्षमता रखते हैं। आमतौर पर सर्दी के मौसम में यह वायरस ज्यादा सक्रीय होता है।

    डॉक्टर्स के अनुसार, एडेनोवायरस काफी खतरनाक होता है, जो फेफड़ों और श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है। यह 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है, खासतौर पर सर्दी, वसंत और गर्मियों की शुरुआत के मौसम में। यह वायरस शरीर के पाचन तंत्र को भी प्रभावित करते हैं।

    Adenovirus: एडेनोवायरस के लक्षण क्या हैं?

    इस वायरस को फैलने से बचाने के लिए, जरूरी है कि हम इससे जुड़े संकेतों और लक्षणों को समझें। एडेनोवायरस शरीर के पाचन तंत्र और श्वसन तंत्र पर अटैक करता है। इसका मतलब यह है कि इससे संक्रमित होने पर कई तरह के संकेत नजर आते हैं। तो आइए जानें कि एडेनोवायरस के लक्षण किस तरह के होते हैं:

    • नाक बहना
    • सांस लेने से जुड़ी दिक्कतें
    • सीने में दर्द
    • गले में खराश
    • बुखार के साथ कंपकपी
    • लगातार खांसी होना
    • मतली
    • पेट फूलना
    • ब्रॉन्काइटिस
    • निमोनिया
    • आंखों का इंफेक्शन (आंखों का लाल होना)

    इन लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है एडेनोवायरस

    एडेनोवायरस उन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है, जो इन बीमारियों से पहले से ग्रस्त हैं:

    • साइनसाइटिस
    • निमोनिया
    • ब्रॉन्काइटिस (सांस की नली में सूजन)
    • जठरांत्र संबंधी समस्याएं
    • दस्त
    • केराटाइटिस या फिर कंजक्टिवाइटिस

    Adenovirus: एडेनोवायरस से कैसे बचा जा सकता है?

    1. यह वायरस आमतौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को ही संक्रमित करता है, इसलिए जरूरी है कि मां-बाप अपने बच्चों के बचाव के लिए सभी तरीकों को आजमाएं।
    2. अपने बच्चों को खांसने से जुड़ा सही तरीका सिखाएं। ताकि वह खांसी आने पर मुंह पर हाथ रखें या किसी के मुंह पर न खांस दें।
    3. अगर आपका बच्चा बीमार है, तो उसे दूसरे बच्चों से मिलने न दें।
    4. बच्चा अगर बीमार है, तो उसके कपड़े, तौलिया आदि को अलग रखें।
    5. बच्चों को हाथ धोने का सही तरीका सिखाएं।
    6. उनके लिए अच्छी क्वालिटी का N94 फेस मास्क खरीदें।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik