एसिडिटी की प्रॉब्लम को इग्नोर करना हो सकता है खतरनाक, जानें इसकी वजहें, लक्षण और बचाव
एसिडिटी बहुत ही कॉमन प्रॉब्लम है जिसे ज्यादातर लोग इनो या डाइजीन की टैबलेट से दूर करने की कोशिश करते हैं लेकिन इसकी अनदेखी कई दूसरी समस्याएं पैदा कर सकती है जानेंगे इसके बारे में
खानपान और लाइफस्टाइल की गलत आदतों की वजह से कम उम्र में ही हम कई बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। एसिडिटी भी उनमें से ही एक है। जिसे ज्यादातर लोग ठीक होते ही इग्नोर कर देते हैं लेकिन अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकती है। पेट की भीतरी दीवारों की कोशिकाओं से हाइड्रोक्लोरिक एसिड का स्राव होता है। यह पाचन तंत्र की स्वाभाविक और नियमित प्रक्रिया है और यही एसिड हमारे भोजन को पचाने का काम करता है, लेकिन कई बार हमारा स्टमक जरूरत से ज्यादा मात्रा में एसिड बनाने लगता है, जिसकी वजह से एसिडिटी की समस्या होती है।
एसिडिटी के लक्षण
- सीने में जलन
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द
- जी मिचलाना और उल्टियां आना
- गला सूखना
- भोजन में अरुचि
- खट्टी डकारें आना
- पेट में भारीपन और कब्ज
- बेचैनी और सांस लेने में तकलीफ
क्या है वजह
1- नाश्ता न करना, लंबे समय तक खाली पेट रहना या ओवर ईटिंग
2- चावल, घी-तेल, मैदा, और मिर्च-मसाले का अधिक मात्रा में सेवन
3- ज्यादा मानसिक तनाव और क्रोध की वजह से आंतों से अधिक मात्रा में एसिड का स्राव
4- चाय, कॉफी, एल्कोहॉल और सिगरेट का अधिक मात्रा में सेवन
5- भोजन को अच्छी तरह नहीं चबाना
6- खानपान की अनियमित दिनचर्या और पर्याप्त नींद न लेना
7- एक्सरसाइज और शारीरिक गतिविधियों में कमी
8- दर्द निवारक दवाओं का लगातार और अधिक मात्रा में सेवन
क्या करें
1. अगर आपको लगातार बैठकर काम करना होता है तो हर दो-तीन घंटे के अंतराल पर अपनी सीट से उठकर 5 मिनट के लिए टहलें।
2. जब भी गुंजाइश हो पैदल चलने की कोशिश करें, लिफ्ट के बजाय सीढियों का प्रयोग करें।
3. अगर फील्ड जॉब हो तो फल, बिस्किट, सैंडविच और जूस जैसी चीजें हमेशा अपने साथ रखें, ताकि अगर कभी लंच के लिए समय न हो तो बाहर की नुकसानदेह चीजें न खानी पडें।
4. एक ही बार ज्यादा खाने के बजाय हर दो घंटे के अंतराल पर थोडा-थोडा और अच्छी तरह चबाकर खाएं।
5. आमतौर पर इस दौरान डॉक्टर एसिडिटी दूर करने की दवाएं भी देते हैं। ऐसी दवाओं का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए।
6. अपने भोजन में तरल पदार्थो जैसे जूस, सूप, लस्सी और छाछ जैसी चीजों की मात्रा बढा दें। गरिष्ठ चीजें न खाएं।
Pic Credit- Freepik
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