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    World Mosquito Day 2023: मच्छरों से फैलने वाली 7 सबसे गंभीर बीमारियां, जानें कैसे बचें इससे

    World Mosquito Day 2023 20 अगस्त 1897 को एक ब्रिटिश डॉक्टर सर रोनाल्ड रॉस ने मादा एनाफिलीज मच्छर की खोज की थी। इस खोज की सफलता को सेलिब्रेट करने के लिए ही विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है। इसको मनाने का उद्देश्य दुनिया मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों से मुक्त बनाना और इन बीमारियों के प्रति जागरूक बनाना भी है।

    By Priyanka SinghEdited By: Priyanka SinghUpdated: Sun, 20 Aug 2023 08:58 AM (IST)
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    World Mosquito Day 2023: मच्छरों से होने वाली बीमारियां

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Mosquito Day 2023: विश्व मच्छर दिवस हर साल 20 अगस्त को मनाया जाता है। ब्रिटिश चिकित्सक, सर रोनाल्ड रॉस ने साल 1897 में 20 अगस्त को मादा एनाफिलीज मच्छर की खोज की थी, जो मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी का कारण होते हैं। जिसके बाद से हर साल इस दिन को मनाया जाने लगा। इस दिन को मनाने का उद्देश्य मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियों और उनसे बचाव के तरीकों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना है।

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    मानसून का मौसम आते ही मच्छरों का खतरा बढ़ जाता हैं। ये कई गंभीर और जानलेवा बीमारियां की वजह बन जाते हैं। इसलिए इस मौसम में मच्छरों से बच कर रखना बहुत जरूरी है। मच्छरों से कैसे बजा जाए, यह जानने के साथ ही ये भी जान लें कि इनके काटने से कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं।

    मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां

    1. मलेरिया

    मलेरिया मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है। ये मच्छर गंदे और दूषित पानी में पनपते हैं। इस बीमारी के फैलने का मुख्य कारण एक परजीवी होता है। मलेरिया का मच्छर सुबह या शाम को काटता है। मलेरिया के लक्षण चक्कर आना, सांस फूलना, बुखार हैं। इनमें से किसी भी लक्षण का प्रभाव ज्यादा समय तक बना रहे, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें। 

    2. डेंगू

    यह बीमारी एडीज एल्बोपिक्टस और एडीज एजिप्टी द्वारा फैलती है और मानसून के दौरान तो डेंगू के मामले और ज्यादा देखने को मिलते हैं। डेंगू बुखार को हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं। जब डेंगू का संक्रमण गंभीर रूप ले लेता है, तो डेंगू रक्तस्रावी बुखार या डीएचएफ होने का खतरा बढ़ जाता है। इसमें भारी ब्लीडिंग, ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट, यहां तक ​​कि पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। डेंगू बुखार के लक्षण, जो आमतौर पर संक्रमण के चार से छह दिन बाद शुरू होते हैं और 10 दिनों तक रहते हैं। इसमें तेज बुखार के साथ सिरदर्द, जोड़ों- मांसपेशियों में दर्द, थकान, जी मिचलाना, उल्टी, दस्त, त्वचा पर लाल चकत्ते की समस्या देखने को मिल सकती है। 

    3. पीला बुखार

    पीला बुखार (पीत ज्वर) एडीज एजिप्टी मच्छरों से फैलने वाला एक गंभीर वायरल रोग है, जो डेंगू बुखार, चिकनगुनिया और जीका बुखार भी फैलाता है। पीला बुखार अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में बहुत ही आम बीमारी है। इस रोग के लक्षण मलेरिया के समान होते हैं, लेकिन इसमें मतली, उल्टी और पीलिया भी शामिल हैं।

    4. जापानी इंसेफेलाइटिस

    यह भी एडीज या कुलीसेटा मच्छर जैसे मच्छरों से फैलता है। जैपनीज़ एंकफ्लाइटस जिसे आसान भाषा में जापानी बुखार कहा जाता है। मच्छर से होने वाली इस बीमारी की वजह से दिमाग में सूजन आ जाती है। इसके अलावा बुखार और शरीर में दर्द इसके सबसे आम लक्षण हैं। गंभीर मामलों में मरीज़ व्यवहार में बदलाव, कंफ्यूज़न, कंपकंपी और यहां तक की कोमा में भी जा सकता है।

    5. जीका

    यह एक वायरल बीमारी है, जो एडीज मच्छर से फैलती है, जो दिन में काटता है। जीका के सबसे आम लक्षणों में, बुखार, दाने, जोड़ों में दर्द और लाल आंखें हैं। इस रोग के लक्षण कुछ दिनों से लेकर एक सप्ताह तक रहते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान यह बीमारी और भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है। इससे गंभीर जन्म दोष माइक्रोसेफली और विकृतियां हो सकती है, जिन्हें जन्मजात जीका सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है। कुछ दुर्लभ मामलों में जीका वायरस से गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस सिंड्रोम) भी हो सकता है।

    6. चिकनगुनिया

    यह बीमारी, एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छरों के माध्यम से फैलती है। चिकनगुनिया के मरीजों में सिरदर्द, बुखार, मतली, उल्टी और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण देखे जाते हैं।

    7. वेस्ट नाइल वायरस

    वेस्ट नाइल वायरस मच्छर जनित बीमारी है, जो आमतौर पर संक्रमित मच्छरों के काटने के कारण फैलती है। यह विभिन्न प्रजातियों द्वारा फैलने वाली बीमारी है, जिसे प्राथमिक प्रजाति क्यूलेक्स पिपियन्स के रूप में जाना जाता है। वेस्ट नाइल वायरस कुछ दिनों से कई हफ्तों तक व्यक्ति के शरीर में रह सकता है। इस वायरस से संक्रमित 80 फीसद लोगों में कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। इसमें कुछ फ्लू जैसे लक्षण होते हैं और दुर्लभ मामलों में स्थायी रुप से न्योरोलॉजिकल डैमेज भी हो सकता है।  

    बचाव और उपाय

    - मानसून के दौरान घर के अंदर या बाहर कहीं भी पानी इकट्टा न होने दें।

    - दरवाजों और खिड़कियों को मच्छर जाले से ढककर रखें।

    - बाहर निकलने से पहले मच्छर रिपेलेंट का इस्तेमाल करें खासतौर से बच्चों को

    - पूरी बाजू के कपड़े पहनें।

    - किसी भी लक्षण के नजर आने पर बिना ज्यादा देर किए डॉक्टर को दिखाएं। 

    Pic credit- freepik