मौसम में बदलाव के साथ बढ़ने लगी है जोड़ों की अकड़न, तो राहत पाने के लिए करें ये 5 योगासन
मौसम में बदलाव के साथ-साथ हमारी सेहत में भी बदलाव आता है। जैसे-जैसे सर्दी नजदीक आने लगती है बुजुर्गों और गठिया के मरीजों में जोड़ों में अकड़न और दर्द की समस्या भी बढ़ने लगती है। इसके कारण चलने-फिरने में भी तकलीफ होने लगती है। लेकिन योग (Yoga for Joint Stiffness) की मदद से इस समस्या से राहत मिल सकती है।

मौसम बदलने के साथ होने लगी है जोड़ों में अकड़न? (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। मौसम में बदलाव के साथ हमारे शरीर पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है, खासतौर से जोड़ों की समस्या से पीड़ित लोगों और बुजुर्गों पर। सर्दियों की शुरुआत में अक्सर लोग जोड़ों में अकड़न (Joint Stiffness), दर्द और सूजन की शिकायत करते देखे जाते हैं।
ऐसे में जोड़ों की अकड़न को दूर करने में योगासन एक प्राकृतिक और असरदार उपाय साबित हो सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही 5 योगासनों (Yoga Poses for Joint Pain Relie) के बारे में जो जोड़ों की अकड़न दूर करने में मददगार साबित होंगे।
भुजंगासन
भुजंगासन रीढ़ की हड्डी के लिए बेहद फायदेमंद आसन है। यह कमर दर्द से राहत दिलाने के साथ-साथ कंधों और गर्दन की अकड़न को दूर करता है। इसे करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और हथेलियों को छाती के पास रखें। सांस भरते हुए छाती को ऊपर उठाएं, कोहनियां सीधी रखें। इस पोजीशन में 15-30 सेकंड तक रुकें फिर सामान्य अवस्था में लौट आएं। यह आसन रीढ़ की हड्डी में लचीलापन लाता है और जोड़ों के दर्द में आराम पहुंचाता है।
त्रिकोणासन
त्रिकोणासन कूल्हों, घुटनों और टखनों की अकड़न दूर करने में सहायक है। सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और पैरों के बीच हल्की दूरी बनाएं। दाएं पैर को दाईं ओर मोड़ें और बाएं पैर को सीधा रखें। अब दाईं हथेली को दाएं पैर के पास जमीन से छूते हुए बाईं बाजू को ऊपर उठाएं। गर्दन को बाईं ओर घुमाएं और ऊपर देखें। इस स्थिति में 30 सेकंड तक बने रहें फिर दूसरी ओर से दोहराएं।
गोमुखासन
यह आसन कंधों और कूल्हों की अकड़न दूर करने के लिए खासतौर से फायदेमंद है। बैठकर बाएं पैर को मोड़कर दाएं पैर के नीचे ले जाएं। अब दाएं हाथ को ऊपर से और बाएं हाथ को नीचे से पीठ के पीछे ले जाकर दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में मिलाने की कोशिश करें। इस दौरान रीढ़ की हड्डी सीधी रखें और सामने की ओर देखें। कुछ देर इसी स्थिति में रहने के बाद दूसरी ओर से दोहराएं।
मार्जरी आसन
मार्जरी आसन रीढ़ की हड्डी के लिए एक बेहतरीन आसन है, जो पीठ दर्द और अकड़न को दूर करता है। घुटनों और हथेलियों के बल टेबल टॉप पोजिशन में आ जाएं। सांस भरते हुए पेट को नीचे की ओर ले जाएं और सिर को ऊपर उठाएं। फिर सांस छोड़ते हुए रीढ़ को ऊपर की ओर उठाएं और सिर को नीचे झुकाएं। इस प्रक्रिया को 10-15 बार दोहराएं।
वज्रासन
वज्रासन एक ऐसा आसन है जिसे खाने के बाद भी किया जा सकता है। यह घुटनों और टखनों की अकड़न दूर करने में मदद करता है। इसे करने के लिए घुटनों के बल बैठ जाएं और नितंबों को एड़ियों पर टिका दें। हाथों को घुटनों पर रखें और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। इस आसन में 5-10 मिनट तक बैठ सकते हैं। नियमित अभ्यास से पैरों के जोड़ों में लचीलापन आता है और दर्द में राहत मिलती है।
इन बातों का जरूर ध्यान रखें
- किसी भी आसन को जबरदस्ती न करें, अपनी बॉडी की लिमिट का ध्यान रखें
- योगासन साफ और हवादार जगह पर ही करें
- गंभीर जोड़ों की समस्या होने पर एक्सपर्ट की सलाह लें
- नियमित रूप से इन आसनों की प्रैक्टिस करें
- योग करते वक्त अपनी ब्रीदिंग तकनीक पर ध्यान दें
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