Malaria: 5 तरह का होता है मलेरिया, जानिए इसके लक्षण
Malaria- बारिश के बाद आमतौर पर डेंगू और मलेरिया फैलना शुरू हो जाता है। जिनके लक्षणों को नजरअंदाज करने से आपकी जान भी जा सकती है। इस तरह नीचे दिए गए कोई भी लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Malaria: बारिश के मौसम में मलेरिया होने का खतरा बढ़ जाता है। इस बीमारी में मरीज बुखार और शरीर के दर्द से बेहाल रहता है। WHO के मुताबिक देश में हर साल 2, 05,000 लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। आमतौर पर यह बीमारी संक्रमित मच्छरों के काटने से होती है। बच्चे हों या बूढ़े, यह बीमारी किसी को भी अपने चपेट में ले सकती है।
मलेरिया मच्छरों के काटने से फैलता है। अनोफलीज नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से शरीर में ये वायरस फैलता है। इस मच्छर में एक खास प्रकार का जीवाणु पाया जाता है, जिसे मेडिकल भाषा में प्लाज्मोडियम कहते हैं।
मलेरिया के लक्षण क्या हैं?
लगातार बुखार आना
मलेरिया होने पर रोगी को तेज़ बुखार आता है, जो तीन दिन से ज़्यादा तक रह सकता है।
हाथ-पैर में ऐंठन महसूस होना
यह समस्या होने पर दिमागी मलेरिया होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके ज्यादा असर होने से हाथ-पैर में अजीब सी ऐंठन महसूस होती है। अगर ये बीमारी किसी बच्चे में होती है, तो उसका मानसिक विकास भी रूक सकता है।
सिरदर्द के साथ बुखार आना
संक्रमित मच्छर के काटने के 6 से 14 दिनों बाद यह लक्षण दिखता है। इसमें तेजी से सिर दर्द के साथ बुखार आ सकता है।
बुखार के साथ ठंड लगना
इस बीमारी का ये मुख्य लक्षण है। बुखार के साथ तेज ठंड लगने लगती है। एक्सपर्ट के अनुसार, ये बुखार लगभग 5-6 घंटे तक रहता है और फिर पसीने आने के बाद उतर जाता है।
आंखें लाल होना
इस बीमारी में आंखें लाल होने के साथ इनमें जलन भी महसूस हो सकती है। यह लक्षण लगातार नजर आये तो डॉक्टर से सम्पर्क करें।
मल में खून आना
मल में खून आने के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें मलेरिया भी शामिल है।
मलेरिया के प्रकार
प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम (P falciparum)
इसमें मरीज बेहोश हो जाता है। उसे सिर दर्द के साथ ठंड लगने लगती है और लगातार उल्टियां शुरू हो जाती है। बुखार आने की भी संभावना होती है।
प्लास्मोडियम मलेरिया (P. malariae)
यह मलेरिया प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम की तुलना ज्यादा खतरनाक नहीं होता है। इसमें मरीज को हर चौथे दिन बुखार आने लगता है और उसके यूरिन से प्रोटिन निकलने लगता है। जिससे शरीर में प्रोटिन की कमी हो जाती है।
प्लास्मोडियम विवैक्स (P. vivax)
मलेरिया के अधिकतर रोगियों में यह प्रकार पाया जाता है। इसमें रोगी को कमर दर्द, हाथ दर्द, पैर दर्द, तेज बुखार, भूख न लगने आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
प्लास्मोडियम ओवले (P. ovale)
इसके कारण शरीर में टरसियन मलेरिया होता है।
प्लास्मोडियम नोलेसी (P. knowlesi)
इससे पीड़ित व्यक्ती को ठंड लगने के साथ बुखार आने लगता है। इसमें सिर दर्द, भूख न लगना जैसी समस्याएं भी झेलनी पड़ती हैं।
Disclaimer: लेख में दिए गए सुझाव और टिप्स सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी तरह के सवाल या परेशानी हो तो फौरन अपने डॉक्टर से सलाह करें।
Picture Courtesy: Freepik/Pexel
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