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    Healthy Diet For Men: ऐसे 5 फूड्स जो पुरुषों को नहीं खाने चाहिए, जानें इसकी वजह...

    By Ruhee ParvezEdited By:
    Updated: Mon, 11 Jul 2022 02:14 PM (IST)

    Healthy Diet For Men सेहतमंद रहने के लिए रोज़ाना हेल्दी डाइट का पालन करना किसी के लिए भी आसान नहीं है। फिर चाहे महिलाएं हों या फिर पुरुष। इसके अलावा कई हेल्दी फूड्स का ज़रूरत से ज़्यादा सेवन भी गंभीर नुकसान पहुंचाने का काम करता है।

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    Healthy Diet For Men: 5 ऐसे फूड्स जिनसे पुरुषों को बनानी चाहिए दूरी

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क।Healthy Diet For Men: हेल्दी लाइफस्टाइल बनाए रखने के लिए रोज़ खाने को लेकर सही चीज़ें चुनना किसी के लिए भी आसान नहीं है, फिर चाहे पुरुष हों या महिलाएं। हालांकि, खाने की कई ऐसी चीज़ें हैं जो पॉपुलर हेल्दी फूड्स की लिस्ट में आने के बावजूद सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं। आज हम ऐसे ही फूड्स के बारे में बात करेंगे, जिनके सेवन से पुरुषों को बचना चाहिए।

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    सोया

    क्या आप जानते हैं कि सोया में फाइटोएस्ट्रोजेन होता हैं। लेकिन क्या यह नुकसान पहुंचाते हैं? फाइटोएस्ट्रोजेन मूल रूप से एस्ट्रोजन जैसे यौगिक होते हैं जो पौधों से आते हैं। हेल्थलाइन के अनुसार, कुछ वैज्ञानिक चिंतित हैं कि फाइटोएस्ट्रोजेन का अधिक सेवन शरीर के हार्मोनल संतुलन को बाधित कर सकता है।

    ज़रूरत से ज़्यादा सोया का सेवन स्पर्म एकाग्रता को कम कर सकता है। इसके अलावा सोसाइटी फॉर एंडोक्रिनोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि सोया के अधिक सेवन से टेस्टोस्टेरोन के स्तर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

    ट्रांस फैट्स

    वैसे तो ट्रांस फैट्स पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए हेल्दी ऑप्शन नहीं है। ट्रांस फैट्स फ्राइड, फास्ट फूड या फिर प्रोसेस्ड फूड्स में पाया जाता है। शोधकर्ता मुख्य रूप से ट्रांस वसा के बारे में चिंतित हैं, जिससे हृदय रोग का ख़तरा बढ़ रहा है। दुर्भाग्य से, चिंताएं सिर्फ यहीं ख़त्म नहीं होतीं। 2011 के एक स्पेनिश अध्ययन के अनुसार, ट्रांस वसा के सेवन में वृद्धि भी स्पर्म काउंट की संख्या में कमी के साथ जुड़ी हुई है।

    प्रोसेस्ड मीट्स

    ऐसे कई शोध हैं जिसमें प्रोसेस्ड मीट से जुड़ी बीमारियों के बारे में बताया गया है, जो बिल्कुल भी आश्चर्यजनक नहीं है। प्रोसेस्ड मीट क्या होता है? उदाहरण के तौर पर हॉट डॉग्ज़, बेकन, सलामी आदि सब प्रोसेस्ड मीट्स हैं। कई रिसर्च में यह साबित हुआ है कि प्रोसेस्ड मीट स्पर्म काउंट की संख्या को कम करने का काम कर सकता है। हालांकि, इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि इसीअध्ययन में चिकन खाने और कम शुक्राणु के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया।

    पेस्टीसाइड्स और BPA

    भले ही ये खाने की चीज़ें नहीं हैं, लेकिन कीटनाशक सब्ज़ियों और फलों की खेती के समय इस्तेमाल होते हैं, जिनका सेवन हम करते हैं। क्या आप जानते हैं कि कीटनाशक में मौजूद केमिकल्स नॉन-स्टिक कुकवेयर में भी होते हैं? यहां तक कि BPA भी कोई अच्छी चीज़ नहीं है। यह ज़्यादातर फूड पैकेजिंग और कैन्स में पाया जाता है। पेस्टीसाइड्स में मौजूद केमिकल्स और बीपीए ज़ीनोएस्ट्रोजन की तरह काम करते हैं। ज़ेनोएस्ट्रोजेन, वे रसायन हैं, जो एस्ट्रोजन की नकल करते हैं। सोया में पाए जाने वाले फाइटोएस्ट्रोजन की तरह ज़ीनोएस्ट्रोजन भी स्पर्म काउंट को प्रभावित करने का काम करते हैं।

    हाई फैट डेयरी प्रोडक्ट्स

    इस लिस्ट में उच्च वसा युक्त डेयरी प्रोडक्ट्स भी शामिल हैं। रोचेस्टर यंग मेन्स स्टडी के अनुसार, 18-22 की उम्र के बीच 189 पुरुषों पर शुक्राणु और आहार का विश्लेषण किया गया था। इससे पता चला कि उच्च वसा वाले डेयरी उत्पाद (दूध, क्रीम और पनीर), कम शुक्राणु गतिशीलता और असामान्य शुक्राणु आकार से जुड़े थे। यहां तक कि इनमें से कुछ गायों को दिए जाने वाले स्टेरॉयड के कारण हो सकते हैं।

    डाइट में किसी भी चीज़ का ज़रूरत से ज़्यादा सेवन आपके सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए बेहतर है कि सोच समझकर ही खाना चुनें ताकि आप एक हेल्दी ज़िंदगी जी सकें।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Pexel/Freepik