बेहद मामूली लगते हैं किडनी डिजीज के ये 4 लक्षण, नजरअंदाज करने की भूल बढ़ा सकती है बीमारी
कम पानी पीने ज्यादा नमक खाना प्रोसेस्ड फूड्स ज्यादा ऑक्सोलेट्स वाला खाना खाना ऐसे कई कारणों से किडनी को नुकसान पहुंचता है। अगर लंबे समय तक इनमें सुधार न किया जाए तो किडनी डिजीज भी हो सकती है। हालांकि कुछ लक्षणों (Kidney Disease Symptoms) की मदद से इसका जल्दी पता लगाकर इलाज करवाया जा सकता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। किडनी शरीर से टॉक्सिन्स को फिल्टर करने का काम करती है। इसलिए इसका हेल्दी रहना बेहद जरूरी है। हालांकि, हमारी बदलती लाइफस्टाइल के कारण हमारी किडनी को काफी नुकसान (Kidney Disease) पहुंचता है।
लेकिन अगर किडनी डिजीज का वक्त पर पता लगा लिया जाए, तो इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। हालांकि, इसके कई लक्षण (Symptoms of Kidney Disease) इतने मामूली होते हैं कि अक्सर लोग उन्हें अनदेखा कर देते हैं। आइए जानते हैं किडनी डिजीज ऐसे ही 4 कॉमन लक्षण।
भूख न लगना
किडनी की बीमारी का एक सामान्य लक्षण भूख में कमी है। जब किडनी ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर में टॉक्सिन जमा होने लगते हैं। ये टॉक्सिन्स पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं, जिससे मतली, उल्टी और भूख न लगने जैसी समस्याएं होती हैं। कई बार मुंह में मेटल जैसा स्वाद आना या खाने का स्वाद बदला हुआ लगना भी इसका संकेत हो सकता है। अगर लंबे समय तक भूख न लगे और वजन अचानक कम होने लगे, तो यह किडनी समस्या का संकेत हो सकता है।
यूरिन में बदलाव
यूरिन के पैटर्न में बदलाव किडनी डिजीज का शुरुआती संकेत हो सकता है। इस दौरान यूरिन में ऐसे बदलाव देखे जा सकते हैं-
- बार-बार पेशाब आना, खासकर रात के समय
- यूरिन का रंग गहरा होना या खून आना
- पेशाब में झाग बनना
- यूरिन करते समय दर्द या जलन होना
- पेशाब की मात्रा सामान्य से कम या ज्यादा होना
ये बदलाव इस बात का संकेत हैं कि किडनी ब्लड को ठीक से फिल्टर नहीं कर पा रही है।
पीठ में दर्द
किडनी शरीर में पीठ के निचले हिस्से में स्थित होती हैं। किडनी में इन्फेक्शन, सूजन या पथरी होने पर पीठ के निचले हिस्से में एक तरफ या दोनों तरफ दर्द हो सकता है। यह दर्द आम पीठ दर्द से अलग होता है और अक्सर गहराई से महसूस होता है। किडनी का दर्द बैठने-उठने या मूवमेंट के साथ बदलता नहीं है और कई बार बुखार, मतली या यूरिन में बदलाव के साथ होता है।
लगातार थकान
हेल्दी किडनी एक हार्मोन रिलीज है जो रेड बल्ड सेल्स बनाने में मदद करता है। लेकिन किडनी के डैमेज होने पर यह हार्मोन कम बनता है, जिससे शरीर में खून की कमी हो जाती है। इसके कारण शरीर के हर हिस्से तक सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता और लगातार थकान और कमजोरी महसूस होती है।
यह भी पढ़ें- किडनी डैमेज होने से पहले पैरों में दिखते हैं ये 5 लक्षण, नजरअंदाज करना हो सकता है जानलेवा
यह भी पढ़ें- किडनी को धीरे-धीरे डैमेज करने लगती है पथरी की समस्या, बचाव के लिए ध्यान में रखें ये 5 बातें
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।