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    World Food Day 2024: हर साल क्यों मनाया जाता हैं वर्ल्ड फूड डे? जानें इसका दिलचस्प इतिहास

    Updated: Wed, 16 Oct 2024 07:55 AM (IST)

    दुनिया में हर साल कई लोग भूख की वजह से मर जाते हैं। कई लोग ऐसे भी हैं जो कुपोषण का शिकार हैं। यह चिंता का एक गंभीर विषय है जिसके प्रति सभी को जागरूक होने की जरूरत है। यही वजह है कि हर साल 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस (World Food Day 2024) मनाया जाता है। आइए आपको बताते हैं इसका रोचक इतिहास।

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    क्यों मनाया जाता है World Food Day, जानें इसका दिलचस्प इतिहास और इस साल की थीम (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हर साल 16 अक्टूबर का दिन वर्ल्ड फूड डे (World Food Day 2024) के तौर पर मनाया जाता है। यह दिन दुनियाभर में मौजूद भूखे और कुपोषण का शिकार लोगों के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से मनाया जाता है। हाल ही में जारी हुई ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) 2024 की रिपोर्ट ने भारत को एक बड़ा झटका दिया है। 127 देशों में भारत 105वें स्थान पर है, जो देश में गंभीर स्तर के भूख की समस्या को दर्शाता है। यह डेटा हमें विश्व खाद्य दिवस (World Food Day 2024) की अहमियत को और गहराई से समझने पर मजबूर करता है।

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    भारत जैसे देश के लिए विश्व खाद्य दिवस (October 16) और भी जरूरी हो जाता है जहां अभी भी लाखों लोग कुपोषण का शिकार हैं। GHI रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में बच्चों में कुपोषण और बाल मृत्यु दर काफी ज्यादा है। इस स्थिति में, हमें अपने खाद्य प्रणाली में सुधार लाने के लिए कई जरूरी कदम उठाने होंगे। जी हां, आज हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं जहां तकनीक ने चांद पर कदम रख लिया है, लेकिन दुनिया के एक बड़े हिस्से के लिए रोज का खाना जुटाना अभी भी एक बड़ी चुनौती है। हां, हमने प्रगति जरूर की है, लेकिन भुखमरी और कुपोषण जैसी समस्याएं अभी भी हमारे समाज को दागदार कर रही हैं।

    क्यों मनाते हैं वर्ल्ड फूड डे?

    भोजन को जीवन का आधार कहा जाता है। इसके बावजूद लाखों लोग रोजाना भूखे पेट सोते हैं। यह एक ऐसा सच है जिसे हम नजरअंदाज नहीं कर सकते, इसलिए हर साल 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य दुनिया को याद दिलाना है कि भोजन सिर्फ एक जरूरत नहीं, बल्कि हर व्यक्ति का अधिकार है।

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    वर्ल्ड फूड डे मनाने की शुरुआत कैसे हुई?

    1945 में, जब दुनिया अभी भी युद्ध के घावों से उबर रही थी, तब एक नई उम्मीद जगी। रोम में, खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की स्थापना हुई। इस संगठन का जन्म हुआ ताकि दुनिया में हर व्यक्ति के पास पर्याप्त भोजन हो सके। विश्व खाद्य दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के 20वें महासम्मेलन में हुई थी। एफएओ, दुनिया भर में भूख और कुपोषण से लड़ने के लिए समर्पित एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। एफएओ ने 1981 से हर साल 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाने का निर्णय लिया।

    हर साल, 16 अक्टूबर को हम एफएओ की इस पहल को याद करते हैं। विश्व खाद्य दिवस के रूप में मनाया जाने वाला यह दिन, हमें याद दिलाता है कि भोजन सिर्फ पेट भरने का साधन नहीं है, बल्कि यह स्वस्थ जीवन और एक बेहतर भविष्य का आधार है।

    वर्ल्ड फूड डे 2024 की थीम

    साल 2024 की थीम है- 'Right to foods for a better life and a better future' यानी बेहतर जीवन और बेहतर भविष्य के लिए भोजन का अधिकार। इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि हर इंसान को पौष्टिक भोजन का अधिकार है। इसके लिए हमें ऐसी खाद्य प्रणाली विकसित करनी होगी जो न सिर्फ लोगों को भोजन उपलब्ध कराए बल्कि यह भी सुनिश्चित करे कि यह प्रणाली टिकाऊ हो। हमें भोजन की बर्बादी को कम करने और उन सभी तक पौष्टिक भोजन पहुंचाने के उपाय खोजने होंगे जो लोग भूख और कुपोषण से पीड़ित हैं।

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