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    महाराष्ट्र नहीं, बल्कि अमेरिका से जुड़ा है आपकी पसंदीदा Pav Bhaji का इतिहास! पढ़ें दिलचस्प कहानी

    आपको जानकर हैरानी होगी कि Pav Bhaji जो आज मुंबई की पहचान बन चुकी है और पूरे देश में पसंद की जाती है इसकी जड़ें 1860 के दशक में हुई American Civil War से जुड़ी हैं। बता दें पाव भाजी का आविष्कार अमेरिका में नहीं हुआ था बल्कि यह मुंबई में ही बनी थी लेकिन अमेरिकी गृह युद्ध ने इसकी लोकप्रियता में एक बड़ी भूमिका निभाई।

    By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Updated: Sun, 06 Jul 2025 08:00 PM (IST)
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    मुंबई की शान है पाव भाजी, लेकिन अमेरिका से क्या है रिश्ता? (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। गली-नुक्कड़ से लेकर फैंसी रेस्टोरेंट तक पाव भाजी की खुशबू हर किसी का ध्यान अपनी तरफ खींच ही लेती है। ऐसे में, अगर आपसे कहा जाए कि "इसका कनेक्शन महाराष्ट्र से नहीं, बल्कि अमेरिका से जुड़ा है?"

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    चौंक गए ना? दरअसल, आपके इस पसंदीदा स्ट्रीट फूड की कहानी (Pav Bhaji History) में अमेरिकी गृह युद्ध का एक दिलचस्प मोड़ छिपा है। हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा! पाव भाजी का जन्म भले ही हमारी मुंबई में हुआ हो, लेकिन इसकी लोकप्रियता और जरूरत को जन्म देने में 1860 के दशक के अमेरिकी गृह युद्ध की एक अहम भूमिका रही है।

    दिलचस्प है पाव भाजी की कहानी

    उन्नीसवीं सदी के मध्य में, जब अमेरिका में गृह युद्ध चल रहा था, तब कपास की वैश्विक आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई। ऐसे में, ब्रिटिश शासकों ने भारत, खासकर मुंबई (तब बॉम्बे) की कपड़ा मिलों से बड़े पैमाने पर कपास का उत्पादन बढ़ाने का आदेश दिया।

    मुंबई की कपड़ा मिलों में कामगारों को दिन-रात काम करना पड़ता था ताकि कपास की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके। उनकी शिफ्टें लंबी होती थीं और उनके पास खाना खाने के लिए ज्यादा समय नहीं होता था। उन्हें एक ऐसा भोजन चाहिए था जो जल्दी बने, पेट भरे, सस्ता हो और आसानी से खाया जा सके, क्योंकि काम के बाद उन्हें तुरंत भारी शारीरिक श्रम पर लौटना होता था।

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    एक जरूरत से उपजा यह व्यंजन

    यहीं पर मुंबई के चतुर स्ट्रीट वेंडरों का कमाल सामने आया। उन्होंने इन मिल मजदूरों की जरूरत को समझा। उन्होंने बची हुई सब्जियों को एक साथ मैश किया, उनमें मसाले डाले और उन्हें एक खास ब्रेड रोल के साथ परोसना शुरू किया। यह एक ऐसा "फास्ट फूड" था जो उन दिनों में मजदूरों के लिए एकदम सही था।

    और यहीं पर 'पाव' का इतिहास भी जुड़ता है। पाव शब्द पुर्तगाली शब्द 'pão' से आया है, जिसका अर्थ है ब्रेड। पुर्तगाली भारत में ब्रेड लाए थे, और मुंबई में यह पाव के रूप में लोकप्रिय हुआ। शुरुआत में, भाजी के साथ चपाती या चावल परोसे जाते थे, लेकिन जल्दी ही पाव को इसके लिए सबसे बेस्ट पाया गया, क्योंकि यह सस्ता था और खाने में भी आसान।

    कैसे बढ़ा पाव भाजी का जलवा?

    शुरुआत में, पाव भाजी सिर्फ मिल मजदूरों का भोजन थी, लेकिन धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई। रात में देर तक काम करने वाले कपास व्यापारियों ने भी इसे खाना शुरू कर दिया। ये व्यापारी अक्सर देर रात तक बॉम्बे कॉटन एक्सचेंज में काम करते थे, क्योंकि अमेरिका से कपास की दरें टेलीग्राम के जरिए आती थीं। देर रात घर जाकर खाना बनाना उनकी पत्नियों के लिए मुश्किल था, इसलिए उन्होंने पाव भाजी को एक आसान और टेस्टी ऑप्शन के रूप में अपनाया।

    देखते ही देखते, पाव भाजी मुंबई के हर कोने में फैल गई। इसकी साधारणता, भरपूर स्वाद और कम कीमत ने इसे हर वर्ग के लोगों के बीच फेमस बना दिया। आज यह सिर्फ एक स्ट्रीट फूड नहीं, बल्कि मुंबई की Culinary Identity का एक खास हिस्सा है।

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