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    भारत में कैसे और कहां से आया समोसा, दिलचस्प है हर गली-नुक्कड़ पर बिकने वाले इस व्यंजन का इतिहास

    Updated: Tue, 17 Sep 2024 02:51 PM (IST)

    क्या आप जानते हैं कि आपका पसंदीदा स्नैक समोसा भारत नहीं बल्कि विदेशी धरती की देन है? जी हां यह सुनकर आपको आश्चर्य हो सकता है मगर हकीकत यही है कि भारत में नाश्ते का सबसे लोकप्रिय विकल्प माना जाने वाला समोसा दरअसल मध्य पूर्व का मेहमान है। आइए इस आर्टिकल में आपको इसकी दिलचस्प कहानी (How Samosa Came To India) से रूबरू करवाते हैं।  

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    बेहद दिलचस्प है समोसे का इतिहास, मध्य पूर्व से होते हुए भारत आया ये खास व्यंजन

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Samosa Origin: यह कुरकुरा, स्वादिष्ट और हर जगह आसानी से मिल जाने वाला समोसा भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में बेहद लोकप्रिय है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह स्वादिष्ट व्यंजन असल में हिंदुस्तानी नहीं है? जी हां, 13वीं से 14वीं शताब्दी के बीच भारत की जमीन पर आए समोसे ने यहां के लोगों की जुबान पर कुछ ऐसा कब्जा किया कि देखते ही देखते ये लोगों के चाय-नाश्ते का साथी बन गया। आज भी जब घर पर मेहमान आए, तो हर किसी के दिमाग में सबसे पहला ख्याल समोसा सर्व करने का ही आता है। आइए विस्तार से जानते हैं इस चटपटे और स्वादिष्ट व्यंजन का दिलचस्प इतिहास (Samosa History)।

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    मध्य पूर्व से भारत का सफर

    समोसा शब्द फारसी शब्द 'सम्मोकसा' से लिया गया है। माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति 10वीं शताब्दी से पहले मध्य पूर्व में हुई थी। ईरानी व्यंजन 'संबुश्क' (sanbusak) से प्रेरित होकर, भारत में इसका रूपांतरण 'समोसा' में हुआ। कई जगहों पर इसे Sambusa या samusa भी कहा जाता था। बिहार और पश्चिम बंगाल में तो इसे पानी के फल सिंघाड़ा से मिलता-जुलता दिखने के कारण 'सिंघाड़ा' भी कहा जाता है।

    इसके तिकोने आकार के पीछे कोई खास वजह तो नहीं है, लेकिन मुमकिन है कि यह मध्य पूर्वी खासतौर से ईरान की संस्कृति से प्रभावित हो। 11वीं सदी के इतिहासकार अबुल-फजल बेहाकी ने अपनी रचनाओं में पहली बार इस तरह के नमकीन व्यंजन का जिक्र किया है, जिसमें कीमा और मावे की फिलिंग होती थी। यह इस बात का संकेत है कि समोसे जैसे व्यंजन मध्य पूर्व में काफी समय से लोकप्रिय थे।

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    समोसे में लगा भारतीय मसालों का तड़का

    भारत आने के बाद समोसा भारतीय मसालों के साथ घुल-मिल गया। आलू की फसल ज्यादा होने के कारण इसमें आलू की स्टफिंग का इस्तेमाल किया जाने लगा और देखते ही देखते यह भारतीयों का पसंदीदा स्नैक बन गया। आज तो समोसा हर जगह आसानी से मिल जाता है. चाहे आप सड़क किनारे के ठेले पर खड़े हों या फिर किसी फैंसी रेस्तरां में। इतना ही नहीं, आज बाजार में आपको समोसे की कई किस्में भी देखने को मिल जाएंगी जिन्हें धनिया-पुदीने या इमली की चटनी के साथ परोसा जाता है।

    ईरान की देन है यह खास व्यंजन

    भारत में फ्राइड फूड की दुनिया में राज करने वाला समोसा असल में ईरान से आया था। एक दिलचस्प कहानी के अनुसार, 10वीं शताब्दी में महमूद गजनवी के दरबार में एक ऐसी शाही पेस्ट्री परोसी जाती थी, जिसमें कीमा की स्टफिंग होती थी। यह आज के समोसे से काफी मिलती-जुलती थी। बता दें, मध्य पूर्व के लोग व्यापार और युद्ध के लिए विभिन्न देशों में जाते थे। इस दौरान, वे अपने साथ स्थानीय व्यंजन ले जाते थे, जो धीरे-धीरे उन देशों में लोकप्रिय हो जाते थे। 

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