मथुरा का पेड़ा हो या बनारस का पान... उत्तर प्रदेश के इन 20 जायकों को चखने दूर-दूर से आते हैं लोग
उत्तर प्रदेश की गलियों में कदम रखते ही ऐसा लगता है जैसे हर मोड़ पर कोई नया स्वाद आपका इंतजार कर रहा हो। यहां की मिठाइयों, स्नैक्स और पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद सिर्फ खाने भर का अनुभव नहीं, बल्कि एक कहानी है- शहरों की, लोगों की और सदियों पुरानी पाक परंपराओं की। यही वजह है कि यूपी के खास व्यंजन न सिर्फ स्थानीय लोगों के दिलों पर राज करते हैं, बल्कि दूर-दूर से आने वाले पर्यटकों को भी अपनी ओर खींच लाते हैं।

UP के इन शहरों के पकवानों को चखे बिना अधूरा है आपका टूर (Image Source: AI-Generated & Instagram)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की बात हो और खाना-पीना छूट जाए, ऐसा हो ही नहीं सकता। यहां का खाना न सिर्फ पेट भरता है, बल्कि संस्कृति, परंपरा और भावनाओं से भी जोड़ता है। हर शहर का अपना अलग स्वाद, अलग कहानी और अलग अंदाज है। कोई मथुरा के पेड़े को प्रसाद मानकर खाता है, तो कोई बनारस का पान मुंह में जाते ही खुद को बादशाह समझने लगता है।
यही वजह है कि यूपी के ये जायके सिर्फ भारत में ही नहीं, दुनिया भर में अपनी पहचान बना चुके हैं। आइए, इस आर्टिकल में जानते हैं उत्तर प्रदेश के उन 20 मशहूर व्यंजनों (UP Famous Dishes) के बारे में, जिन्हें चखने लोग दूर-दूर से खिंचे चले आते हैं।

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मथुरा
आलू की जलेबी
आपने मीठी जलेबी खाई होगी, पर मथुरा की आलू जलेबी एक अलग ही दुनिया है। कुरकुरी, हल्की खट्टी-मीठी और बनते ही खाई जाने वाली ये जलेबी हर फूड लवर की पहली पसंद है।
डुबकी वाले आलू
यहां की मशहूर कचौड़ी-आलू वाली डिश में ‘डुबकी’ इसलिए कहा जाता है, क्योंकि आलू मसाले में ऐसे घुल जाते हैं कि स्वाद सीधा दिल में उतर जाता है।
पेड़ा
मथुरा का पेड़ा सिर्फ मिठाई नहीं, एक भावनात्मक अनुभव है। मंदिरों का प्रसाद, घरों की मिठास और यात्रियों की पहली पसंद- इससे बेहतर स्वागत भला और क्या हो सकता है।
मालपुआ
गाढ़े दूध से बने नरम, घी में तले हुए मालपुए खासतौर से त्योहारों पर यहां की शान बढ़ाते हैं।
प्रयागराज

सकौड़ा चाट
चाट प्रेमियों के लिए यह स्वर्ग है। कुरकुरा सकौड़ा, ऊपर से मसाले और खट्टी-मीठी चटनी- बस एक बार खा लिया तो भूलना मुश्किल।
कचौड़ी-सब्जी
प्रयागराज की कचौड़ी-सब्जी का स्वाद घर की याद दिला देता है। गरमा-गरम कचौड़ी के साथ मसालेदार आलू की सब्जी- परफेक्ट कॉम्बो कहलाता है।
समौसे
यहां के समौसे आकार में बड़े और स्वाद में और भी शानदार होते हैं। भीतर के मसाले और बाहर की कुरकुराहट इसे खास बनाते हैं।
दही जलेबी
मीठे और खट्टे का बेहतरीन मेल। ठंडी दही और गर्म जलेबी का ये अनोखा कॉम्बिनेशन हर किसी को चौंका देता है।
आगरा

पेठा
आगरा का पेठा देशभर में मशहूर है- कभी सूखा, कभी रस वाला, कभी पान फ्लेवर तो कभी चॉकलेट। हर बाइट में अलग मजा चखने को मिलता है।
बेड़मी पूड़ी-सब्जी
यहां की सुबह बेड़मी पूड़ी और खास मसालेदार आलू की सब्जी से शुरू होती है। पर्यटक इसे चखने के लिए खास तौर पर पहुंचते हैं।
छोले-भठूरे
दिल्ली के छोले-भठूरे मशहूर होंगे, पर आगरा वाले स्वाद में बिल्कुल अलग होते हैं। मसाले हल्के, भठूरे फूले हुए और छोले जरा से खट्टे- यानी परफेक्ट बैलेंस।
आलू की चाट
छोटे-छोटे तले हुए आलू के टुकड़े, उन पर मसालों की बारिश- आगरा की चाट खाने वाले इसे हमेशा याद रखते हैं।
लखनऊ

मक्खन मलाई
सर्दियों में सुबह-सुबह मिलने वाली यह डिश झाग-सी हल्की और बेहद स्वादिष्ट होती है। इसे एक बार खाकर ही नवाबों का असली शौक समझ आता है।
मलाई पान
यह साधारण पान से बिल्कुल अलग होता है। मुलायम, मीठा और मलाई से भरा- लखनऊ का यह पान किसी मिठाई से कम नहीं।
बिरयानी
लखनऊ की बिरयानी कहने भर से लोग खुश हो जाते हैं। यहां की बिरयानी मसालों से नहीं, सुगंध और नजाज़ाकत से पहचानी जाती है।
पिंक चाय
कश्मीर की गुलाबी चाय हो या लखनऊ की पिंक चाय- दोनों का स्वाद दिल जीत लेता है। यह चाय हल्की-सी नमकीन और बेहद स्मूद होती है।
वाराणसी

मलइयो
वाराणसी का मलइयो सर्दियों में खूब पसंद किया जाता है। हाथों से छूते ही पिघल जाए, यह इतना मुलायम होता है। बता दें, इसका स्वाद सिर्फ बनारस में ही मिलता है।
कचौड़ी-सब्जी और जलेबी
सुबह की शुरुआत कचौड़ी-जलेबी के बिना यहां अधूरी है। बनारसी लोग इसे गर्व से अपनी पहचान मानते हैं।
बनारसी पान
यह तो विश्व प्रसिद्ध है। बनारस का पान सिर्फ पान नहीं, एक परंपरा है- मीठे से लेकर मसालेदार तक हर फ्लेवर में उपलब्ध।
बाटी-चोखा
देसी घी में डूबी बाटी और धुएं की खुशबू वाला चोखा- बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई शौक से खाता है।
यहां की हर डिश के पीछे एक कहानी, एक परंपरा और एक असली देसी खुशबू छिपी है। चाहे मथुरा का पेड़ा हो या बनारस का पान- एक बार इन जायकों को चख लिया, तो हर शहर आपकी यादों में बस जाता है।

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