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    Eid-ul-Fitr 2025: ईद के मौके पर जानें भारत में सर्व की जाने वाली अलग-अलग तरह की बिरयानी

    ईद के मौके पर बिरयानी (Eid Special Biryani) की बात न हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता। बिरयानी एक ऐसी डिश है जो न सिर्फ भारत में बल्कि दुनियाभर में मशहूर है। इसका जायका और सुगंध किसी का भी मनमोह लेने के लिए काफी है। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं भारत में मिलने वाली अलग-अलग बिरयानी की खासियत और इन्हें कैसे तैयार किया जाता है।

    By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Mon, 31 Mar 2025 04:43 PM (IST)
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    एक नहीं, कई तरह की होती है बिरयानी (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बिरयानी एक ऐसी डिश है, जिसने अपने अनोखे स्वाद और सुंगध से दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। यह न सिर्फ स्वाद में बेमिसाल है, बल्कि इसके अलग-अलग प्रकार (types of biryani in India) और बनाने के तरीके भी इसे बेहद खास बनाते हैं। बिरयानी शब्द फारसी शब्द 'बिरयान' से आया है। आज ईद (Eid-ul-Fitr 2025) के मौके पर आइए, जानते हैं भारत की अलग-अलग बिरयानियों और उनकी खास बातों के बारे में।

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    मुगलई बिरयानी

    मुगलई बिरयानी (Eid special biryani) का इतिहास मुगल बादशाहों के दरबार से जुड़ा है। यह बिरयानी अपने मसालेदार स्वाद और खुशबू के लिए जानी जाती है। इसमें मांस (चिकन या मटन) को दही और मसालों में मैरीनेट करके धीमी आंच पर पकाया जाता है। इसकी खासियत है बिरिस्ता (तले हुए प्याज) का इस्तेमाल और दम पकाने की विधि, जिसमें बिरयानी को आटे से सील करके पकाया जाता है।

    हैदराबादी बिरयानी

    हैदराबादी बिरयानी अपने तीखे मसालों और खुशबूदार चावल के लिए मशहूर है। इसमें कच्चे गोश्त (कच्चे मांस) को मसालों में मैरीनेट करके चावल के साथ दम पर पकाया जाता है। केसर और इलायची की खुशबू इसे और भी लजीज बनाती है।

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    लखनवी बिरयानी

    लखनऊ की बिरयानी को सबसे रिफाइन्ड माना जाता है। यह कम मसालेदार लेकिन जायकेदार होती है। इसमें पक्के गोश्त (पहले से पका हुआ मांस) का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे चावल के साथ लेयर करके दम पर पकाया जाता है। इसमें केसर और गुलाब जल का इस्तेमाल इसे और भी खास बनाता है।

    कोलकाता बिरयानी

    कोलकाता की बिरयानी में आलू और अंडे का इस्तेमाल इसकी पहचान है। यह बिरयानी माइल्ड होती है और इसमें लखनवी बिरयानी की तरह पक्के गोश्त का इस्तेमाल किया जाता है। माना जाता है कि नवाब वाजिद अली शाह के समय में मांस की कमी के कारण आलू को बिरयानी में शामिल किया गया, जो आज तक इसका हिस्सा बना हुआ है।

    मेमोनी बिरयानी

    मेमोनी बिरयानी मुगलई बिरयानी से मिलती-जुलती है, लेकिन इसमें तेल का इस्तेमाल ज्यादा होता है। यह सिंधी और मेमन समुदाय में खूब पसंद की जाती है और इसमें मसालों का संतुलित स्वाद होता है।

    दक्षिण भारतीय बिरयानी

    दक्षिण भारत में बिरयानी का अपना अलग ही स्वाद है। यहां बासमती की जगह छोटे चावल (कैमा या जीराकाशाला) का इस्तेमाल किया जाता है।

    • डिंडीगुल बिरयानी (तमिलनाडु)- यह गहरे भूरे रंग की होती है और इसमें नरम मांस का इस्तेमाल होता है।
    • थालास्सेरी बिरयानी (केरल)- यह हल्की मसालेदार और खुशबूदार होती है, जिसमें जायफल, जावित्री और शाही जीरे का इस्तेमाल किया जाता है।
    • डोने बिरयानी (कर्नाटक)- यह तीखी और खुशबूदार होती है, जिसे केले के पत्ते में परोसा जाता है।

    शाकाहारी बिरयानी

    शाकाहारी बिरयानी में कथल (कटहल), सब्जियां और पनीर का इस्तेमाल किया जाता है। गुजरात में मीठी बिरयानी भी पसंद की जाती है, जबकि केरल और रामपुर में कटहल की बिरयानी मशहूर है।

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