भारत में 5 सितंबर, मगर दुनिया में 5 अक्टूबर को मनाते हैं World Teacher’s Day, पढ़ें इतिहास और महत्व
भारत में हम हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते हैं। यह दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के सम्मान में मनाया जाता है जो एक महान शिक्षाविद् और विद्वान थे। वहीं दुनिया के बाकी देशों में 5 अक्टूबर को World Teachers Day के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं इसका इतिहास और महत्व।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हर साल 5 अक्टूबर को पूरी दुनिया में विश्व शिक्षक दिवस (World Teacher’s Day) मनाया जाता है। यह दिन सिर्फ शिक्षकों के योगदान का सम्मान करने के लिए ही नहीं, बल्कि उनके सामने आने वाली चुनौतियों और शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए जरूरी बदलावों पर चर्चा करने का अवसर भी देता है।
कब और क्यों हुई थी शुरुआत?
साल 1994 से विश्व शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। इसकी नींव 1966 में रखी गई थी, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सिफारिश अपनाई गई थी, जिसमें शिक्षकों के अधिकार, जिम्मेदारियां, प्रशिक्षण और काम की परिस्थितियों से जुड़े मानक तय किए गए थे। बाद में 1997 में उच्च शिक्षा से जुड़े शिक्षकों को भी इसमें शामिल किया गया।
विश्व शिक्षक दिवस की थीम
इस साल विश्व शिक्षक दिवस की थीम है- “शिक्षण को सहयोगी पेशे के रूप में पुनर्परिभाषित करना”। दरअसल, आज भी कई शिक्षक अकेलेपन और सीमित संसाधनों के बीच काम करते हैं। न तो उन्हें पर्याप्त मार्गदर्शन मिलता है और न ही सहकर्मियों के साथ ज्ञान साझा करने के अवसर। इसका असर न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ता है, बल्कि शिक्षक लंबे समय तक इस पेशे में टिके भी नहीं रह पाते।
इस साल का संदेश यही है कि अगर शिक्षा को बदलना है तो शिक्षण को केवल व्यक्तिगत प्रयास न मानकर साझेदारी और सहयोग का पेशा बनाया जाए। जब शिक्षक मिलकर विचार साझा करेंगे, एक-दूसरे की मदद करेंगे और जिम्मेदारी को बांटेंगे, तभी शिक्षा अधिक प्रभावी और प्रेरक बन सकेगी।
विश्व शिक्षक दिवस का महत्व
शिक्षक सिर्फ किताबों का ज्ञान नहीं देते, बल्कि समाज में समानता, नवाचार और परिवर्तन के बीज बोते हैं। वे बच्चों को सपने देखने और उन्हें पूरा करने का साहस सिखाते हैं, लेकिन अगर उन्हें पर्याप्त सहयोग, सम्मान और अवसर न मिले तो शिक्षा की पूरी व्यवस्था कमजोर हो सकती है।
विश्व शिक्षक दिवस 2025 हमें यही याद दिलाता है कि शिक्षा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए शिक्षक और सहयोग, दोनों का साथ होना जरूरी है। जब शिक्षण पेशा सहयोग और साझा जिम्मेदारी पर आधारित होगा, तभी शिक्षक अपनी पूरी क्षमता से बच्चों और समाज को दिशा दे पाएंगे।
वैश्विक स्तर पर आयोजन
2025 में इसकी सबसे बड़ी वैश्विक सभा इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा में आयोजित हो रही है। यहां अफ्रीकी संघ के नेतृत्व में विभिन्न देशों के मंत्री, अंतरराष्ट्रीय संगठन जैसे यूनेस्को, यूनिसेफ, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और एजुकेशन इंटरनेशनल मिलकर इस बात पर चर्चा करेंगे कि कैसे "अकेलेपन से सामूहिक शक्ति" की ओर बढ़ा जा सकता है। इसके अलावा दुनिया के अलग-अलग देशों में भी शिक्षक दिवस पर सेमिनार, कार्यशालाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
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