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    World Milk Day 2023: हर साल क्यों मनाया जाता है ‘वर्ल्ड मिल्क डे’, जानें इसका इतिहास और महत्व

    By Harshita SaxenaEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Wed, 31 May 2023 04:35 PM (IST)

    दूध छोटे बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी उम्र के लोगों का पसंदीदा पेय है क्योंकि यह स्वास्थ्यवर्धक होता है। इसे पीने से कई सारे फायदे मिलते हैं। लोगों तक दूध के इन फायदों को पहुंचाने के मकसद से हर साल 1 जून को वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है।

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    जानें हर साल क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड मिल्क डे

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Milk Day 2023: दूध हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। यही वजह है कि बड़े-बूढ़ों से लेकर डॉक्टर्स तक हर कोई दूध पीने की सलाह देते हैं। कैल्शियम से भरपूर दूध शरीर के संपूर्ण विकास के लिए काफी जरूरी होता है। दूध के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए हर साल 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस यानी वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है। इस दिन का मकसद से डेयरी उद्योग से जुड़ी गतिविधियों के बारे में जागरूकता और समर्थन को बढ़ावा देना है। तो चलिए इस खास मौके पर जानते हैं वर्ल्ड मिल्क डे के इतिहास और इसके महत्व के बारे में-

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    वर्ल्ड मिल्क डे का इतिहास क्या है?

    डेयरी उद्योग को पहचानने और दूध से मिलने वाले लाभों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 1 जून को वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2001 में हुई, जब संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन ने विश्व दुग्ध दिवस की स्थापना की। मौजूद समय में दुनियाभर के कई देशों में इस दिन को मनाया जाता है।

    वर्ल्ड मिल्क डे का उद्देश्य क्या है?

    मिल्क डे मनाने का लक्ष्य लोगों को इसके लाभ और महत्व समझाने के साथ ही उन्हें यह बताना भी था कि दूध कैसे स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं और समुदायों को लाभ पहुंचाता है। इसके बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए ही हर साल इस दिन को मनाया जाता है। एफएओ के अनुसार, करीब छह अरब लोग डेयरी उत्पादों का उपभोग करते हैं। इतना ही नहीं डेयरी व्यवसाय एक अरब से अधिक लोगों को आजीविका चलाने में मदद करता है।

    क्या है वर्ल्ड मिल्क डे 2023 की थीम

    किसी भी खास मकसद के साथ मनाए जाने वाले इन दिनों के लिए हर साल कोई खास थीम भी तय की जाती है। वर्ल्ड मिल्क डे के लिए भी हर साल एक थीम डिसाइड की जाती है। बात करें इस साल की थीम की, तो इस साल इस दिन का मकसद इस बात पर प्रकाश डालना होगा कि पौष्टिक आहार और आजीविका देते हुए यह कैसे यह एनवायरमेंट फूटप्रिंट्स को कम कर रही है।

    कब मनाया जाता है नेशनल मिल्क डे?

    दुनियाभर में जहां 1 जून को वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है, तो वहीं भारत में हर साल नेशनल मिल्क डे 26 नवंबर को मनाया जाता है। भारत में इस दिन को डॉक्टर वर्गीज कुरियन का जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है, जिन्हें भारत में श्वेत क्रांति (White Revolution) का जनक भी कहा जाता है। उन्हें 'मिल्क मैन' के नाम से भी जाना जाता है।

    क्या है श्वेत क्रांति?

    कुरियन ने साल 1970 में श्वेत क्रांति की शुरुआत की थी। इसका मकसद भारत में दूध के उत्पादन को बढ़ावा देना था। साल 1965 से लेकर 1998 तक डॉक्टर वर्गीज कुरियन नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष रहे। इस दौरान उन्होंने देश के हर कोने तक दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने की कोशिश की। उनकी इसी कोशिश की बदौलत आज भारत आज दुनिया में सबसे ज्यादा दूध का उत्पादन करने वाले देशों में से एक बन चुका है।

    Picture Courtesy: Freepik

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