हर साल क्यों मनाया जाता है विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस, जानें इस दिन का इतिहास और महत्व
World Environmental Health Day 2023 हर साल 26 सितंबर यानी आज के दिन दुनियाभर में विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। हमारी बिगड़ती सेहत का सबसे बड़ा कारण है प्रकृति के प्रति लापरवाही। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पर्यावरण को बचाना बहुत जरूरी है। लोगों को इसी महत्व को समझाने के लिए यह दिन सेलिब्रेट किया जाता है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Environmental Health Day 2023: हर साल दुनियाभर में 26 सितंबर को विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य है, लोगों में पर्यावरणीय स्वास्थ्य के प्रभाव के बारे में जागरूकता पैदा करना। हम सभी जानते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए पर्यावरण को बचाना कितना जरूरी है। जिस जगह हम रहते हैं, वहां पर्यावरण से जुड़ी हर चीज का देखभाल करना हर व्यक्ति का फर्ज होना चाहिए। हर बीमारी का उपचार प्रकृति में है। इन्हीं चीजों के महत्व को समझाने के लिए विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।
मनुष्य की बिगड़ती सेहत का सबसे बड़ा कारण प्रकृति के प्रति लापरवाही है। ग्लोबल वार्मिंग, वनों की कटाई, नदियों में गंदगी फैलाना, पशुओं को हानि पहुंचाना आदि पर्यावरणीय स्वास्थ्य के नुकसान पहुंचाने के कई कारण हैं। आइए जानते हैं, इस दिन का इतिहास और महत्व।
यह भी पढ़ें: International Daughter’s Day 2023: बेटी दिवस पर इन खूबसूरत संदेशों के जरिए लुटाएं अपनी लाडली पर प्यार
विश्व पर्यावरणीय स्वास्थ्य दिवस का इतिहास
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एनवायर्नमेंटल हेल्थ द्वारा विश्व पर्यावरणीय स्वास्थ्य दिवस मनाने की घोषणा 26 सितंबर 2011 में किया गया था, ताकि लोग पर्यावरणीय स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हों। IFEH पर्यावरणीय स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए लंबे समय से काम कर रहा है। हर साल विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस इसलिए मनाया जाता है ताकि लोग वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाएं।
विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस का महत्व
मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के बीच गहरा संबंध है। पर्यावरण के कारण मनुष्यों की सेहत पर कैसे प्रभाव पड़ता है, लोगों को इस बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। कई जगहों पर कार्यक्रम किया जाता है, जिससे लोग पर्यावरण स्वास्थ्य के महत्व को आसानी से समझ सकें। इसके लिए वर्क शॉप भी करवाई जाती है।
यह भी पढ़ें: Ganesh Chaturthi 2023: महाराष्ट्र में क्यों और कैसे शुरू हुई गणेश चतुर्थी मनाने की परंपरा?
Pic Credit: Freepik
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।