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    Durga Puja Dhunuchi Dance: महानवमी पर क्यों किया जाता है धुनुची डांस और क्या है इसका महत्व

    By Priyanka SinghEdited By: Priyanka Singh
    Updated: Mon, 23 Oct 2023 09:33 AM (IST)

    Durga Puja Dhunuchi Dance महानवमी पर दुर्गा पूजा पंडाल में शाम को धुनुची डांस होता है। वैसे तो सप्तमी से ही इसकी शुरुआत हो जाती है। कई जगहों पर तो धुनुची डांस का कॉम्पिटिशन भी किया जाता है तो क्या है ये डांस और दुर्गा पूजा पर इसे करने का महत्व। आइए जानते हैं इस बारे में और विस्तार से।

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    Durga Puja Dhunuchi Dance: क्या होता है धुनुची डांस और इसका महत्व

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Durga Puja Dhunuchi Dance: दुर्गा पूजा का जो नजारा बंगाल में देखने को मिलता है वैसा शायद ही कहीं और देखने को मिले। अगर आप दुर्गा पूजा के दौरान होने वाली परंपराओं को करीब से देखना और समझना चाहते हैं, तो बंगाल से बेहतरीन कोई दूसरी जगह नहीं हो सकती। इसी परंपरा का हिस्सा है धुनुची नाच।

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    क्या है धुनुची नाच?

    यह नवरात्रों में दुर्गा पूजा पंडालों में महानवमी में किया जाने वाला नृत्‍य है, जिसकी शुरुआत सप्तमी से ही हो जाती है। महिलाओं से लेकर पुरुषों तक को यह नृत्य करते हुए देखा जा सकते है। धुनुची को आमतौर पर हाथों से पकड़कर नृत्य किया जाता है, लेकिन ऐसे लोग भी मिल जाएंगे जो इसे मुंह में दबाते हुए करतब दिखाते हैं। इस डांस की सबसे अच्छी बात है कि आपको इसे करने के लिए किसी ट्रेनिंग की जरूरत नहीं है। इसे आप एक-दूसरे को देखकर खुद ही कर सकते हैं। 

    क्या है धुनुची नृत्य का महत्व?

    दुर्गा पूजा के दौरान इस नृत्य की परंपरा आज से नहीं, बल्कि काफी पहले से चली आ रही है। माना जाता है कि धुनुची डांस असल में शक्ति का परिचायक है और इसका संबंध महिषासुर के वध से भी जुड़ा हुआ है। पुराणों में जिक्र है कि अति बलशाली महिषासुर का वध करने के लिए देवताओं ने मां दुर्गा की पूजा- उपासना की थी और मां ने महिषासुर के वध से पहले अपनी शक्ति को बढ़ाने के लिए यही धुनुची नृत्य किया था। तब से लेकर आज तक यह परंपरा जारी है। पूजा पंडालों में सप्तमी से ये नृत्य शुरू हो जाता है और अष्टमी और नवमी तक चलता है। 

    क्या होता है धुनुची?

    धुनुची म‍िट्टी से बना हुआ एक विशेष आकार का बर्तन होता है। जिसमें सूखे नार‍ियल की जटाएं, जलता हुआ कोयला, कपूर और भी कई हवन सामग्रियों को रखकर इसे जलाया जाता है इसे लेकर महिलाएं और पुरुष बंगाली संगीत पर ढोल-नगाड़ों के साथ, ज‍िन्‍हें ढाक कहते हैं की धुन पर नृत्‍य करते हैं और देवी मां की उपासना करते हैं। ऐसी मान्‍यता है क‍ि इस नृत्य से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं।

    कैसे किया जाता है धुनुची डांस?

    जलती हुई धुनुची को हाथों में लेकर डांसर्स बंगाली धुनों पर नाचते हैं। धुनुची को हाथों में लेकर तरह-तरह के करतब करते हैं। हाथों और पैरों के बीच गजब का तालमेल देखने को मिलता है। इस डांस को साड़ी, धोती-कुर्ते जैसे पारंपरिक परिधानों में किया जाता है।    

    धुनुची डांस करते वक्त बरतें ये सावधानियां

    धुनुची डांस बेहद खूबसूरत लगता है, इस दौरान किसी तरह की अनहोनी से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतना है जरूरी। आइए जानें इनके बारे में।

    • सही कपड़े पहनें। जिससे जलने का खतरा न हो। 
    • अगर आपको सांस से जुड़ी कोई समस्या है, तो इसमें पार्टिसिपेट न करें क्योंकि बहुत ज्यादा धुएं की वजह से स्थिति और खराब हो सकती है।
    • थकान, कमजोरी फील हो रही है, तो भी डांस में हिस्सा न लें। 

     ये भी पढ़ेंः- दिल्ली के मशहूर दुर्गा पूजा पंडाल, जहां देखने को मिलती है अलग ही रौनक 

    Pic credit- nomadic_phoenix91, malcolm_j_stephens, my_flickering_world/Instagram