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    Teacher’s Day 2025: दुनिया में 5 अक्टूबर, लेकिन भारत में 5 सितंबर को क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 10:26 AM (IST)

    क्या आप जानते हैं कि पूरी दुनिया में 5 अक्टूबर को टीचर्स डे मनाया जाता है लेकिन भारत में 5 सितंबर (Teachers Day 2025) को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। लेकिन इसके पीछे की वजह क्या है कि भारत 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इसके पीछे की वजह भारत के एक महान व्यक्तित्व से जुड़ी हुई है।

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    कैसे हुई भारत में टीचर्स डे मनाने की शुरुआत? (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher's Day 2025) मनाया जाता है। यह हमारे गुरुओं को समर्पित है, जिन्होंने हमें शिक्षा दी और जीवन में मार्गदर्शन दिया है। शिक्षकों के सम्मान में इस दिन स्कूल और कॉलेजों में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। छात्र अपने शिक्षकों को शुभकामनाएं (Happy Teacher's Day 2025) देते हैं और उनके प्रति अपना आदर प्रकट करते हैं।

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    लेकिन क्या आपको पता है कि पूरी दुनिया में 5 सितंबर नहीं, बल्कि 5 अक्टूबर को टीचर्स डे मनाया जाता है। तो फिर भारत में 5 सितंबर को क्यों शिक्षक दिवस के लिए चुना गया (Teacher's Day History)। इसके पीछे एक बेहद खास वजह है और भारत के एक महान व्यक्तित्व से जुड़ा है। आइए जानते हैं इस बारे में।

    डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन

    5 सितंबर, 1888 को आंध प्रदेश के एक छोटे से गांव में जन्मे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन न केवल एक विद्वान शिक्षक थे, बल्कि एक महान दार्शनिक और राजनीतिज्ञ भी थे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के पहले उप-राष्ट्रपति (1952-62) और दूसरे राष्ट्रपति (1962-67) थे।

    उन्होंने अपने जीवन के 40 साल शिक्षा के क्षेत्र को समर्पित किए। वे कलकत्ता विश्वविद्यालय, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रोफेसर रहे और अपने ज्ञान और विद्वता से पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया। उनकी शिक्षा और दर्शन में गहरी आस्था थी और उनका मानना था कि "सही शिक्षा वह है जो हमें सिर्फ जानकारी नहीं देती, बल्कि हमारे जीवन में सामंजस्य बिठाकर चलना सिखाती है।"

    इसलिए हुई शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत

    1962 में जब डॉ. राधाकृष्णन भारत के राष्ट्रपति बने, तो उनके कुछ प्रशंसकों, मित्रों और पूर्व छात्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की इच्छा जताई। उन्होंने उनसे अनुरोध किया कि वे उनका जन्मदिन अलग से न मनाकर इस दिन को समस्त शिक्षक समुदाय के सम्मान में समर्पित कर दें। उनका कहना था कि उनके जन्मदिन का सम्मान मनाने के बजाय, यदि इस दिन को 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाया जाए, तो उन्हें इससे बड़ा गौरव और खुशी की अनुभूति होगी।

    उनकी यह इच्छा सभी को इतनी पसंद आई कि तभी से 5 सितंबर को पूरे भारत में 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाया जाने लगा। यह दिन डॉ. राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ देश के लाखों शिक्षकों की मेहनत और समर्पण को स्वीकार करने का एक राष्ट्रीय अवसर बन गया।

    विश्व स्तर पर शिक्षक दिवस

    भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 'विश्व शिक्षक दिवस' 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1994 में UNESCO ने शिक्षकों की स्थिति पर हुए एक सम्मेलन की वर्षगांठ के रूप में घोषित किया। हालांकि, भारत ने अपने महान शिक्षक की इच्छा का सम्मान करते हुए अपनी इस अलग तारीख को बनाए रखा।

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